लखनऊ: राजधानी के ग्रामीण क्षेत्रों में अपराध की कई घटनाएं बढ़ी हैं. बीते कुछ दिनों में जहरीली शराब से आधा दर्जन लोगों की मौत हुई और इलाके में लूटपाट की घटनाओं के बाद अब ग्रामीण क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए प्रशासन सक्रिय हुआ है.
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में अपराध नियंत्रण के लिए गुणात्मक सुधार के उद्देश्य से ग्रामीण क्षेत्र के थाने बीकेटी, इटौंजा, मलिहाबाद, माल एवं निगोहा आदि की मासिक अपराध समीक्षा गोष्ठी में थाना प्रभारियों समते क्षेत्राधिकारी भी मौजूद थे. डीएम अभिषेक प्रकाश ने रविवार को ग्रामीण क्षेत्रों के सभी पुलिस अधिकारियों एवं थाना प्रभारियों की बैठक बुलाकर कानून-व्यवस्था को चौकस बनाने के निर्देश दिए. बैठक में पुलिस अधीक्षक ग्रामीण, अपर जिलाधिकारी प्रशासन समेत अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे.
डीएम अभिषेक प्रकाश ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध शराब एक बड़ी समस्या है, जिसके कारण बीते दिनों ही कई लोगों की जानें गई हैं. पुलिस को आबकारी विभाग के साथ समन्वय बनाकर इन इलाकों में गस्त करनी होगी. साथ ही पता करना होगा कि कौन से लोग अवैध शराब के धंधे में लिप्त हैं, जिन पर लगाम कसी जा सके. पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि समय-समय पर वह शराब की दुकानों की चेकिंग करते रहें ताकि स्टॉक में गड़बड़ी मिलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके. इसके अलावा जो लोग पुराने समय से शराब के अवैध कारोबार में लिप्त हैं, उन पर भी नजर रखी जाए. बीट दारोगा और सिपाही ऐसे लोगों की सूची बनाकर उनके बारे में लगातार तहकीकात करते रहें.
डीएम ने कहा कि आगामी कुछ महीनों में पंचायत चुनाव भी प्रस्तावित हैं. ऐसे में पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारी ग्रामीण क्षेत्रों पर अधिक बढ़ जाती है. गांव में छोटी-छोटी समस्याओं को लेकर चुनावी रंजिश होती है, जिससे कानून-व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति पैदा हो जाती है. ऐसे में सभी सीओ और एसडीएम ग्राम पंचायतों के संपर्क में रहें और किसी भी समस्या का निस्तारण तत्काल प्रभाव से किया जा सके. ऐसा करने से गांव में पंचायत चुनाव कराने में आसानी होगी. पुलिस ऐसे लोगों का भी ब्यौरा जुटाये जो बीते चुनाव में गड़बड़ी के कारण चिन्हित किए गए हैं. ऐसे लोगों को तत्काल तलब किया जाए ताकि गड़बड़ी करने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके.