महराजगंज: जिले के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. सड़कें और सैकड़ों एकड़ धान की फसल जलमग्न हो गई हैं. नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार बारिश से जिले के किसानों की हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गई हैं.
नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार बारिश से सड़कें जलमग्न हो गई हैं. किसानों की हजारों एकड़ धान की फसल बर्बाद हो गई है. किसानों का कहना है कि निचलौल ब्लॉक के लक्ष्मीपुर खुर्द और कला गांव का 1,100 एकड़ का रकबा है, जो पूरी तरह से जलमग्न हो गया है. जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है. नेपाल से जो भी नदियां आई हैं, वे सभी लक्ष्मीपुर से होकर गई हैं.
लक्ष्मीपुर गांव से चार नदियां बहती हैं. बांध कमजोर है, इसके चलते भी बाढ़ का कहर लोगों पर भारी पड़ रहा है. गांव के प्रमुख मार्ग में जल जमाव से आवागमन ठप हो गया है. खेतों के साथ-साथ गांव भी पानी में घिरे हुए हैं. कुछ लोग बांध और ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं. जल निकासी की समस्या से जुझते गांवों की स्थिति नरकीय हो गई है.
किसानों का कहना है कि उनकी आजीविका का मुख्य साधन गेहूं, धान के अलावा सूरजमुखी, आलू, टमाटर, मटर, मिर्च, खीरा, भिण्डी सहित अन्य फसलें हैं. ये सभी कभी ओलावृष्टि से तो कभी तेज हवाओं के साथ बारिश होने से बर्बाद हो जा रहा है. किसानों का कहना है कि घर में रखी पूंजी से धान की रोपाई इस उम्मीद के साथ की गई थी कि इस बार उत्पादन अच्छा होगा.
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किसानों की मानें तो हर कोई तरह-तरह का सपने संजोये हुए था, लेकिन बाढ़ से बर्बाद हुई फसल से हमारा सारे सपने चकनाचूर हो गए हैं. ऐसे में किसानों को अब इस बात की चिंता सता रही है कि उनके परिवार का भरण- पोषण कैसे होगा?