महराजगंज: महराजगंज जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का गुरुवार को मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर ने दौरा किया. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को बाढ़ से बचाव को लेकर अलर्ट रहने का निर्देश दिया. साथ ही फरेंदा तहसील सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक कर कोविड-19, इंसेफलाइटिस, बाढ़ बचाव कार्य में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी.
मंडलायुक्त ने धानी ब्लॉक के राप्तीनगर पुल पर पहुंचकर राप्ती नदी और पवह नाला के जल स्तर का मुआयना किया. जल स्तर बढ़ोतरी से होने वाले खतरों के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली. ड्रेनेज और सिंचाई विभाग के अधिकारियों से बाढ़ बचाव के लिए की गई तैयारियों के बारे में पूछताछ की. उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत कार्य को लेकर कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए. इसके अलावा बाढ़ से निपटने के लिए नाव, नाविक, स्टीमर और गोताखोर की सभी तैयारियां दुरुस्त रखने के आदेश दिए हैं.
लापरवाही बरतने वाले 2 डॉक्टरों का वेतन रोका
फरेंदा विधानसभा के विधायक बजरंग बहादुर सिंह ने गोरखपुर क्षेत्र के बांध की स्थिति के बारे में कमिश्नर को अवगत कराया. निरीक्षण के दौरान कई फरियादी अपनी समस्या को लेकर कमिश्नर के पास पहुंचे, लेकिन समय की कमी के कारण वह दो लोगों का ही प्रार्थना पत्र देख सके. कमिश्नर ने फरेन्दा तहसील सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें कोरोना संक्रमण को लेकर गहन समीक्षा की गई. साथ ही संचारी रोग और इंसेफलाइटिस में लापरवाही बरतने के आरोप में डॉक्टर राकेश कुमार और डॉक्टर विशाल चौधरी का वेतन रोकने का निर्देश दिया. कोरोना संक्रमण में संतोषजनक कार्य नहीं मिलने पर मुख्य चिकित्साधिकारी को कड़ी चेतावनी दी.
मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर ने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए इसकी जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है. मंडल में 80 हजार और महाराजगंज में 16 हजार जांचे हो चुकी हैं. सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जांच की सुविधा उपलब्ध है. कोरोना संक्रमितों के लिए होम आइसोलेट की सुविधा दे दी गई है. इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.