महराजगंज: जिले के निचलौल ब्लॉक के ग्राम पंचायत पैकौली, कटारी खुर्द, व बीसोखोर में मनरेगा कार्य में वित्तीय गबन के मामले में बीडीओ निचलौल को भी शासन ने गुरुवार को निलंबित कर दिया है. इसी मामले में गड़बड़ी की पुष्टि होने पर जिलाधिकारी डॉक्टर उज्ज्वल कुमार ने एक सप्ताह पहले ब्लॉक में तैनात एपीओ, टीए, लेखा सहायक, कंप्यूटर ऑपरेटर की संविदा समाप्त कर दी गई थी और उन गांव के ग्राम प्रधानों के खिलाफ भी कार्रवाई अंतिम चरण में है.
जिले के ग्राम पंचायत पैकौली, कटहरी खुर्द व बीसोखोर में हुए मनरेगा कार्यों में गड़बड़ी की जांच डीसी मनरेगा व पीडी ने की थी. जांच में कटहरी गांव के कन्या प्राथमिक विद्यालय की चहारदीवारी निर्माण, नाली निर्माण, सीसी रोड के निर्माण में अनियमितता सामने आई थी, बिना कार्य पूरा किए ही ब्लॉक कर्मचारियों की मिली भगत से भुगतान हो गया था. गुणवत्ता भी ठीक नहीं पाई गई थी.
इसी तरह से बीसोखोर और पैकौली गांव में भी इंटरलॉकिंग निर्माण सहित कई कार्यो में अनियमितता की बात सामने आई थी. गड़बड़ी की पुष्टि होने पर जिलाधिकारी डॉक्टर उज्ज्वल कुमार और मुख्य विकास अधिकारी पवन अग्रवाल के निर्देश पर इन तीनों गांव के सेक्रेटरी को निलंबित कर दिया गया था और कुछ दिन बाद जिलाधिकारी ने मनरेगा सेल के एपीओ, टीए, लेखाकार और कंप्यूटर ऑपरेटर की भी संविदा समाप्त कर दी थी.
इस दौरान जिलाधिकारी ने बीडीओ के खिलाफ भी कारवाई के लिए शासन को पत्र भेजा था. जिस पर अपर मुख्य सचिव ने मामले की जांच की. जांच में गबन, वित्तीय अनियमितता की पुष्टि होने पर बीडीओ प्रमेन्द्र पांडेय को निलंबित कर दिया.
जिलाधिकारी डॉक्टर उज्ज्वल कुमार ने बताया कि ग्राम पंचायत पैकौली में मनरेगा कार्य के तहत जयमहाकाल ट्रेडर्स द्वारा 4.81 लाख व कटहरी खुर्द में 9 लाख रुपये की सामग्री उपलब्ध नहीं कराने तथा कुशवाहा ईंट-भट्ठा द्वारा बीडीओ प्रमेन्द्र पांडेय के भाइयों के खाते में तीन लाख रुपये और चार लाख रुपये भेजने की पुष्टि हुई हैं.
इन गांवों के प्रधानों के खिलाफ भी जांच चल रही है. ग्राम प्रधानों से उनका पक्ष व जवाब मांगा गया है.वित्तीय अनियमितता की पुष्टि होने पर बीडीओ प्रमेन्द्र पांडेय को निलंबित कर दिया गया है.