महराजगंज: मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों की परेशानी की खबर ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठायी थी. रोजगार न मिलने से मजदूर काफी परेशान थे. अब जिला प्रशासन ने मजदूरों को रोजगार उपलब्ध करवाया, जिससे मजदूरों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई है.
नगर पंचायत बनने के बाद पनियरा के लोगों में विकास की उम्मीद जगी थी लेकिन तभी कोरोना महामारी ने विकास कार्यों पर ग्रहण लगा दिया. तीन ग्राम पंचायतों को मिलाकर बनाए गए नगर पंचायत पनियरा के लगभग 1,500 मनरेगा के मजदूर बेरोजगार हो गये.
मनरेगा मजदूरों ने बताया कि जब से उनका गांव ग्राम पंचायत से नगर पंचायत में सम्मिलित हुआ, तब से उन्हें जीविकापार्जन के लिए कोई रोजगार नहीं मिला. इसके अलावा न ही उनके गांव में मनरेगा से कोई कार्य कराया जा रहा था. इससे उन्हें परिवार का भरण पोषण करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. मनरेगा मजदूरों ने बताया कि लाॅकडाउन से उनकी स्थिति और भी दयनीय हो गई. बड़ी मुश्किल से उनके घरों में एक वक्त का चूल्हा जल रहा था. मनरेगा मजदूरों ने कहा कि एक तरफ सरकार सभी को रोजगार उपलब्ध कराने का दावा कर रही है, वहीं ग्राम पंचायत से नगर पंचायत होने का दंश ग्रामीणों को झेलना पड़ रहा है. ऐसे में कैसे परिवार का भरण पोषण होगा यह चिंता का विषय बना हुआ था. हालांकि अब सभी बेरोजगार लोगों को मनरेगा के तहत प्रशासन ने रोजगार मुहैया करा दिया है.
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