लखनऊ: जिले के धन्नीपुर में सुन्नी वक्फ बोर्ड को मिली 5 एकड़ भूमि को लेकर बयानबाजियों का दौर थम नहीं रहा है. जफरयाब जिलानी ने सरकार से सुन्नी वक्फ बोर्ड को मिली 5 एकड़ जमीन को शरीयत और वक्फ एक्ट के खिलाफ बताया है. इस पर पलटवार करते हुए मस्जिद निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष और सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जुफर अहमद फारूकी ने कहा कि जफरयाब जिलानी की बातें भ्रम पैदा करने वाली हैं.
जफरयाब जिलानी ने ज़मीन को बताया शरीयत के खिलाफ
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रदेश सरकार ने अयोध्या के तहसील सोहावल के धन्नीपुर गांव में मस्जिद निर्माण की अनुमति दी. मस्जिद का निर्माण 5 एकड़ जमीन पर होना है. बाबरी एक्शन कमिटी के संयोजक और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव जफरयाब जिलानी शुरुआत से इस बात पर ऐतराज जताते रहे हैं. जफरयाब जिलानी ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को मिली 5 एकड़ जमीन को शरीयत और वक्फ एक्ट के खिलाफ बताया था.
चेयरमैन जुफर अहमद फारूकी ने ये दिया जवाब
जिलानी के बयान पर पलटवार करते हुए मस्जिद निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष और सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जुफर अहमद फारूकी ने कहा कि कोई भी एक शख्स शरीयत और मुसलमानों का एक मात्र प्रतिनिधि होने का दावा नहीं कर सकता. जुफर अहमद फारूकी ने कहा कि जफरयाब जिलानी का बयान भ्रम पैदा करने वाला है और ऐसा लगता है कि बिना पढ़े और समझे जजमेंट दिया गया है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहीं भी यह नहीं कहा कि धन्नीपुर गांव में जमीन बाबरी मस्जिद के एवज में दी गई है. यह जमीन नई है और इसकी स्टाम्प ड्यूटी भी बोर्ड ने जमा की है. उन्होंने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को पूरा अधिकार है कि वह इस जमीन पर मस्जिद के साथ अन्य भवनों का निर्माण कराए.