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पर्सनल लॉ बोर्ड की राय बनी तो दाखिल करेंगे क्यूरेटिव पिटीशन: जफरयाब जिलानी

अयोध्या विवाद में पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद जफरयाब जिलानी ने ईटीवी भारत से बात की. उन्होंने कहा कि सीनियर वकील राजीव धवन, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सीनियर मेम्बर्स और लीगल कमेटी से विचार-विमर्श के बाद क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करने पर विचार किया जाएगा.

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Published : Dec 12, 2019, 8:20 PM IST

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जफरयाब जिलानी

लखनऊ: अयोध्या भूमि विवाद पर 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट की ओर से फैसला आने के बाद सर्वोच्च अदालत में कुल 18 रिव्यू पिटीशन दाखिल किये गये थे. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पांच जजों की खंडपीठ ने सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया. लंबे वक्त से अयोध्या विवाद का केस देख रहे सीनियर एडवोकेट और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव जफरयाब जिलानी ने कहा कि वह मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पदाधिकारियों, लीगल कमेटी और सीनियर एडवोकेट राजीव धवन की सहमति बनने पर क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल कर सकते हैं.

जफरयाब जिलानी से बातचीत.

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव और मुस्लिम पक्षकारों के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा कि जिस तरीके से आज याचिकाएं खारिज की गई हैं, उस पर हम अफसोस का इजहार करते हैं. इसमें आगे क्या करना है इस पर हम अपने सीनियर वकील डॉक्टर राजीव धवन से विचार करेंगे, जिसके बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सीनियर मेम्बर्स और लीगल कमेटी से विचार विमर्श कर आगे कदम उठाएंगे.

इसे भी पढ़ें- पुनर्विचार याचिका की कोई जरूरत नहीं थी, सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही कर दिया था फैसला: इकबाल अंसारी

जिलानी ने कहा कि इस मसले में आगे क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की जा सकती है, जिसका पूरा प्रोसेस फॉलो होता है. लिहाजा हम अपने सीनियर वकील राजीव धवन से बात करेंगे और राय मशविरा करने के बाद अगर सहमति बनती है तो ही क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की जाएगी.

लखनऊ: अयोध्या भूमि विवाद पर 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट की ओर से फैसला आने के बाद सर्वोच्च अदालत में कुल 18 रिव्यू पिटीशन दाखिल किये गये थे. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पांच जजों की खंडपीठ ने सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया. लंबे वक्त से अयोध्या विवाद का केस देख रहे सीनियर एडवोकेट और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव जफरयाब जिलानी ने कहा कि वह मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पदाधिकारियों, लीगल कमेटी और सीनियर एडवोकेट राजीव धवन की सहमति बनने पर क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल कर सकते हैं.

जफरयाब जिलानी से बातचीत.

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव और मुस्लिम पक्षकारों के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा कि जिस तरीके से आज याचिकाएं खारिज की गई हैं, उस पर हम अफसोस का इजहार करते हैं. इसमें आगे क्या करना है इस पर हम अपने सीनियर वकील डॉक्टर राजीव धवन से विचार करेंगे, जिसके बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सीनियर मेम्बर्स और लीगल कमेटी से विचार विमर्श कर आगे कदम उठाएंगे.

इसे भी पढ़ें- पुनर्विचार याचिका की कोई जरूरत नहीं थी, सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही कर दिया था फैसला: इकबाल अंसारी

जिलानी ने कहा कि इस मसले में आगे क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की जा सकती है, जिसका पूरा प्रोसेस फॉलो होता है. लिहाजा हम अपने सीनियर वकील राजीव धवन से बात करेंगे और राय मशविरा करने के बाद अगर सहमति बनती है तो ही क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की जाएगी.

Intro:अयोध्या भूमि विवाद पर 9 नवंबर को आए सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद कुछ मुस्लिम पक्षकारों समेत कोर्ट के फैसले पर असहमति जताते हुए सर्वोच्च अदालत में कुल 18 रिव्यू पिटीशन दाखिल की गई थी जिसको मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पांच जजों की खंडपीठ ने खारिज कर दिया है जिसपर लंबे वक्त से अयोध्या विवाद का केस देख रहे सीनियर एडवोकेट और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव जफरयाब जिलानी ने अफसोस का इजहार करते हुए अपने बयान में यह साफ किया है के मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पदाधिकारियों, लीगल कमेटी और सीनियर एडवोकेट राजीव धवन की अगर सहमति बनी तो क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करेंगे।


Body:ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव और मुस्लिम पक्षकारों के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा कि जिस तरीके से आज याचिकाएं खारिज की गई है उस पर हम अफसोस का इजहार करते हैं लेकिन इसमें आगे क्या करना है इसपर हम अपने सीनियर वकील डॉक्टर राजीव धवन से विचार करेंगे जिसके बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सीनियर मेम्बर्स और लीगल कमेटी से विचारविमर्श कर के आगे कदम उठाएंगे। जिलानी ने कहा कि इस मसले में आगे क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की जा सकती है जिसका पूरा प्रोसेस फॉलो होता है लिहाजा हम अपने सीनियर वकील राजीव धवन से बात करेंगे और राय मशवरा करने के बाद अगर सहमति बनती है तो ही क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की जाएगी।




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