लखनऊ: प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्वामी विवेकानंद की 157वीं गणपति के मौके पर 23 वें राष्ट्रीय युवा उत्सव की मेजबानी कर रही है. इस मौके पर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के प्रतिभागी शिरकत कर रहे हैं. महोत्सव के तीसरे दिन लोग लोक नृत्यों की भरमार रही. इस मौके पर सभी दर्शक जमकर थिरके. इस कार्यक्रम पर प्रदेश के युवा मामलों के मंत्री उपेंद्र तिवारी भी मौजूद रहे.
सुबह से ही लोक नृत्य देखने उमड़े
23वें युवा उत्सव को देखने के लिए इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ी थी. इन दर्शकों में हर राज्य के लोग शामिल थे जो इन नृत्यों का मजा ले रहे थे.
सबसे पहले केरला ने किया प्रस्तुत
सबसे पहले केरला राज्य से आये प्रतिभागियों ने अपना लोक नृत्य प्रस्तुत किया. इस नृत्य से सभी प्रतिभागियों ने दर्शकों का मन मोह लिया.
दूसरे नंबर पर पांडिचेरी ने बिखेरे जलवे
इसके बाद पांडिचेरी के प्रतिभागियों ने परई ड्रम की मदद से लोक नृत्य प्रस्तुत किया. परई ड्रम दुनिया का सबसे पुराना ढोल है. इसका प्रयोग चेतावनी देने आए घोषणा करने के लिए किया जाता है.
बिहार के झिझिया नृत्य ने बटोरी तालियां
बिहार राज्य के झिझिया नृत्य ने तीसरी प्रस्तुति दी. इस नृत्य की खासियत यह है कि भूत प्रेत भगाने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है. वहीं इसके साथ-साथ यह भी जानना जरूरी है कि बुजुर्ग महिलाएं दुर्गा पूजा के समय 16 श्रृंगार करके आर्शीवाद देती हैं.
छत्तीसगढ़ के सुओ ने दिखाया दम
सबसे आखिरी में छत्तीसगढ़ के प्रतिभागियों ने सुओ नृत्य ने अपना दम दिखाया. इस नृत्य को रोशनी के पर्व दीपावली के समय किया जाता है. इन प्रतिभागियों ने एक साथ पांच नृत्यों को दिखाया.
यह रहे ज्यूरी
सभी प्रतिभागियों को जज करने के लिए ज्यूरी में एमएस वाणी, पिपिया देसाई और रेणु श्रीवास्तव शामिल थीं. यह सभी लोग 20 सालों से अधिक संगीत के क्षेत्र में काम कर रही हैं.