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नौकरी नहीं मिलने पर मां को पत्र लिखकर युवक ने लगाया मौत को गले, जानिए सुसाइड नोट में क्या लिखा?

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Published : Mar 3, 2022, 7:10 PM IST

राजधानी के अलीगंज थाना अंतर्गत एक युवक ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. कोरोना काल में उसकी नौकरी चली गई. उसे दूसरी नौकरी नहीं मिली. जिससे परेशान होकर युवक ने खुदखुशी की है.

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युवक ने लगाया मौत को गले

लखनऊ: राजधानी के अलीगंज थाना अंतर्गत एक 30 साल के युवक ने फांसी लगा आत्महत्या कर ली है. बताया जा रहा है कि कोरोना काल में नौकरी जाने से युवक परेशान था. पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला है. जिसमें लिखा है कि 'अगले जन्म में भी तुम्हारा ही बेटा बनूं मां और जो अधूरे काम रह गए है उन्हें अगले जन्म में पूरे करूंगा'. पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर जांच में जुटी है.

लखनऊ के अलीगंज में मेहंदी टोला निवासी रत्नेश एक निजी कंपनी में नौकरी करता था. कोरोना काल के दौरान नौकरी छूटी गयी थी. लाख कोशिशों के बावजूद उसे नई नौकरी नही मिल रही थी. जिससे वो परेशान रहने लगा था. रत्नेश के साथ उसकी पत्नी, एक बेटी व माता पिता रहते थे. पूरे परिवार की जिम्मेदारी रत्नेश के ही ऊपर थी. बुधवार रात रत्नेश ने अपने कमरे में साड़ी के फंदे से फांसी लगाकर जान दे दी. परिजनों ने जैसे ही अपने बेटे को फांसी से लटकते देखा तुरंत पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस को रत्नेश के कमरे से एक सुसाइड लेटर मिला. रत्नेश ने मौत को गले लगाने से पहले भावुक पत्र लिखा था. पत्र में लिखा था कि 'मेरी गलतियों के लिए सब मुझे माफ कर दें. आप सब मेरी बेटी का ख्याल रखना उसका हक उसे मिल जाए. मां तुम बहुत अच्छी हो. ईश्वर करे कि अगले जन्म में भी तुम्हारा ही बेटा बनूं. बहुत सारी जिम्मेदारियां पूरी किए बिना ही जा रहा हूं. यह अधूरे काम अगले जन्म में जरूर पूरा करूंगा.

पढ़ेंः मुजफ्फरनगर में गुरु-शिष्य परंपरा तार-तार, मासूम के साथ रेप करने वाले 2 शिक्षक गिरफ्तार

साल 2020 में भी कोरोना काल के दौरान नौकरी जाने से एक कूरियर कंपनी में काम करने वाले आदित्य मिश्रा ने मौत को गले लगा लिया था. आदित्य लखनऊ के छितवापुर में रहता था. आदित्य भी रत्नेश की ही तरह घर पर अकेले कमाने वाला था. लेकिन कोरोना काल में उसकी गाड़ी पुलिस ने सीज कर दी थी जिस कारण उसकी नौकरी चली गयी और फिर नौकरी मिल नही रही थी.

लखनऊ: राजधानी के अलीगंज थाना अंतर्गत एक 30 साल के युवक ने फांसी लगा आत्महत्या कर ली है. बताया जा रहा है कि कोरोना काल में नौकरी जाने से युवक परेशान था. पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला है. जिसमें लिखा है कि 'अगले जन्म में भी तुम्हारा ही बेटा बनूं मां और जो अधूरे काम रह गए है उन्हें अगले जन्म में पूरे करूंगा'. पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर जांच में जुटी है.

लखनऊ के अलीगंज में मेहंदी टोला निवासी रत्नेश एक निजी कंपनी में नौकरी करता था. कोरोना काल के दौरान नौकरी छूटी गयी थी. लाख कोशिशों के बावजूद उसे नई नौकरी नही मिल रही थी. जिससे वो परेशान रहने लगा था. रत्नेश के साथ उसकी पत्नी, एक बेटी व माता पिता रहते थे. पूरे परिवार की जिम्मेदारी रत्नेश के ही ऊपर थी. बुधवार रात रत्नेश ने अपने कमरे में साड़ी के फंदे से फांसी लगाकर जान दे दी. परिजनों ने जैसे ही अपने बेटे को फांसी से लटकते देखा तुरंत पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस को रत्नेश के कमरे से एक सुसाइड लेटर मिला. रत्नेश ने मौत को गले लगाने से पहले भावुक पत्र लिखा था. पत्र में लिखा था कि 'मेरी गलतियों के लिए सब मुझे माफ कर दें. आप सब मेरी बेटी का ख्याल रखना उसका हक उसे मिल जाए. मां तुम बहुत अच्छी हो. ईश्वर करे कि अगले जन्म में भी तुम्हारा ही बेटा बनूं. बहुत सारी जिम्मेदारियां पूरी किए बिना ही जा रहा हूं. यह अधूरे काम अगले जन्म में जरूर पूरा करूंगा.

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साल 2020 में भी कोरोना काल के दौरान नौकरी जाने से एक कूरियर कंपनी में काम करने वाले आदित्य मिश्रा ने मौत को गले लगा लिया था. आदित्य लखनऊ के छितवापुर में रहता था. आदित्य भी रत्नेश की ही तरह घर पर अकेले कमाने वाला था. लेकिन कोरोना काल में उसकी गाड़ी पुलिस ने सीज कर दी थी जिस कारण उसकी नौकरी चली गयी और फिर नौकरी मिल नही रही थी.

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