लखनऊ: योगी सरकार ने जीएसटी वसूली में पूरी व्यवस्था पारदर्शी करने को लेकर एक बड़ी तैयारी की है. शासन के उच्च अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार जीएसटी वसूली में बिजनेस इंटेलिजेंस का उपयोग करने की तैयारी की गई है. इससे व्यापारियों से जीएसटी वसूलने में भ्रष्टाचार को समाप्त किया जाएगा. इससे व्यापारियों को भी काफी राहत मिलेगी.
जीएसटी विभाग के अधिकारियों का कहना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्तर पर यह व्यवस्था शुरू की जा रही है. इसके तहत जिन व्यापारियों का व्यवसाय जीएसटी के अंतर्गत पंजीकृत है और वह नियमित रूप से जीएसटी देते हैं कई बार ऐसा होता है कि जीएसटी को लेकर तमाम तरह के सवाल खड़े किए जाते हैं. इससे ज्यादा टैक्स लग जाता है. कई बार डॉक्यूमेंटेशन में कमी के कारण व्यापारियों को नुकसान होता है.
व्यापारियों के स्तर पर जीएसटी चोरी करने के भी मामले आते हैं और विभाग के कुछ निचले स्तर के अधिकारी भी जीएसटी चोरी में उनका साथ देते हैं. जीएसटी आकलन के समय गलत डॉक्यूमेंटेशन होता है और इससे विभाग को राजस्व का नुकसान होता है. सरकार के स्तर पर इस पर लगातार मंथन चल रहा था. अब जीएसटी वसूली में पूरी व्यवस्था में पारदर्शिता लागू करने को लेकर बिजनेस इंटेलिजेंस सिस्टम का उपयोग किया जाएगा. इसके माध्यम से एक सॉफ्टवेयर डिजाइन किया जा रहा है. इसमें जीएसटी की वर्तमान दरों के साथ ही जो व्यापारियों के द्वारा डॉक्यूमेंटेशन किया जाएगा उसका सही आकलन इस्तेमाल किया जाएगा. इससे कहीं कोई गड़बड़झाला नहीं हो सकेगा.
जीएसटी ऑडिट को लेकर भी बिजनेस इंटेलिजेंस के माध्यम से बेहतर काम किया जाएगा. व्यापारियों को इससे न कोई नुकसान हो और विभाग को भी राजस्व का नुकसान न हो और पूरी व्यवस्था पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ाई जा सके इसकी तैयारी की जा रही है. आने वाले कुछ दिनों में यह सिस्टम काम करना शुरू कर देगा.
इस पूरे बिजनेस इंटेलिजेंस सिस्टम के माध्यम से व्यापारियों को जीएसटी रिटर्न दाखिल करने में भी मदद मिलेगी और कोई भी व्यापारी इस सिस्टम के अंतर्गत कोई भी जानकारी छिपा नहीं पाएगा. इस सिस्टम के माध्यम से जीएसटी के अंतर्गत व्यापारियों पर दर्ज मुकदमों का भी निस्तारण कराए जाने की बात कही जा रही है. इस जीएसटी के जो मामले काफी संख्या में लंबित हैं, उसमें भी तेजी आएगी.
वित्त विभाग से जुड़े शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि किसके माध्यम से जीएसटी ऑडिट प्रक्रिया को भी और बेहतर किया जा सकेगा. साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व अन्य तकनीक का उपयोग करते हुए कर चोरी के मामलों का निस्तारण तेजी से होगा. भ्रष्टाचार पर भी नकेल कसी जा सकेगी.
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