लखनऊ : योगी सरकार प्रयागराज में गंगा नदी पर बने 115 साल पुराने कर्जन ब्रिज को पर्यटन के एक नए केंद्र के रूप में विकसित करने जा रही है. एक योजना के तहत लॉर्ड कर्जन ब्रिज को गंगा गैलरी तथा हेरीटेज पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा. इस रेलवे ब्रिज पर लगाया जाने वाला ग्लास का फर्श लोगों को लुभाएगा, तो प्रयागराज की ऐतिहासिकता एवं धरोहर भी प्रदर्शित करेगा. यह परियोजना 'अर्थ गंगा योजना' का हिस्सा होगी.
'अर्थ गंगा योजना' परियोजना के तहत भारतीय संस्कृति और धार्मिक पर्यटन के विकास पर फोकस किया जाएगा. इसके साथ ही गंगा के किनारे के दोनों ओर विभिन्न प्रकार के कारोबार को बढ़ावा दिया जाएगा. यह जानकारी प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम ने दी है. बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लॉर्ड कर्जन ब्रिज को सजाने-संवारने की कार्य योजना को अंतिम रूप दिया था. कार्य योजना के मुताबिक, पर्यटन विभाग द्वारा कर्जन ब्रिज पर गंगा गैलरी स्थापित की जाएगी. इसके अलावा पुल के दोनों किनारों पर रेलवे की जमीन है, जिसमें श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की सुविधा के लिए पार्किंग, टायलेट, टिकट काउंटर, कैफेटेरिया आदि बनाए जाएंगे.
रेलवे पुल पर मां गंगा के उद्भव से लेकर गंगा सागर तक की यात्रा प्रदर्शित होगी. साथ ही प्रयागराज की पौराणिकता, धार्मिकता एवं सांस्कृतिक विरासत को लाइट एंड साउंड के माध्यम से देखने-समझने का मौका मिलेगा. ब्रिज के सौंदर्यीकरण की योजना पूरी हुई, तो प्रयागराज के लोगों को सुबह की सैर और शाम की मस्ती के लिए एक नया ठिकाना भी मिलेगा. यहां पुल के ऊपरी तल पर भारतीय व्यंजनों, शिल्प आदि की सचल वाहनों के माध्यम से बिक्री के लिए भी योजना बनाई गई है. इससे पर्यटक 100 साल से अधिक पुराने इस पुल एवं मां गंगा के बारे में महत्व की जानकारी पाएंगे. साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा. मुख्यमंत्री ने रेलवे ब्रिज पर ग्लास का फर्श एवं उसके दोनों ओर रेलिंग बनाने के निर्देश दिए हैं. सेतु एवं सड़क के मध्य स्थान को आकर्षक बनाया जाएगा.
प्रयागराज आदिकाल से कुम्भ के लिए विश्वविख्यात रहा है. इसलिए पुल पर समुद्र मंथन की घटना को प्रमुखता से दर्शाया जाएगा. सिंचाई विभाग द्वारा गंगा जी के प्रवाह को चैनलाइज किया जाएगा. साथ ही कर्जन ब्रिज से संगम तक फेरी की सुविधा भी होगी. कर्जन ब्रिज को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए प्रयागराज प्रशासन एवं रेलवे आपस में समन्वय करके परियोजना को अमली जामा पहनाएंगे. इस दिशा में जल्द ही काम शुरू होने जा रहा है.
बता दें कि प्रयागराज स्थित गंगा नदी पर फाफामऊ एवं प्रयागराज को जोड़ने वाले कर्जन ब्रिज को 1899 से 1905 तक भारत में वायसराय रहे लॉर्ड कर्जन के नाम पर वर्ष 1901 में स्वीकृति मिली तथा जनवरी, 1902 में इसका निर्माण शुरू हुआ. इस क्षेत्र में 61 मीटर लंबे गर्डर और 15 पिलर का प्रयोग किया गया है. पुल के नीचे की ओर सिंगनबाड़ गेज रेलवे लाइन तथा ऊपर सड़क का निर्माण किया गया. उस कालखंड से लेकर 1990 तक यह रेलवे पुल यातायात के लिए सक्रिय रहा. अत्यधिक पुराना होने के कारण रेलवे ने इसे वर्ष 1998 में यातायात के लिए प्रतिबंधित कर दिया. इसके बाद रेल मंत्रालय ने इसे तोड़ने का निर्णय लिया, लेकिन राज्य सरकार के अनुरोध पर इसे ऐतिहासिक रेलवे सेतु को राज्य सरकार को सौंप दिया गया.
इस पुल के इतिहास को देखते हुए एवं इसके साथ दीर्घकाल की स्मृतियों के जुड़ा होने के कारण राज्य सरकार ने इसे टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित करने का निर्णय किया है. अंग्रेजों के दौर का बनाया हुआ यह रेलवे पुल स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास का भी साक्षी रहा है. इसके अलावा कुंभ में श्रद्धालुओं की सेवा करता रहा. वर्ष 1998 में रेलवे द्वारा पुल को यातायात के लिए बंद किए जाने के पहले पुल से गुजरने वाली गंगा-गोमती एक्सप्रेस आखिरी ट्रेन थी. पर्यटन एवं संस्कृति के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने बताया कि कर्जन ब्रिज पर गैलरी का निर्माण एवं पर्यटन विकास की अन्य योजनाएं पूरी हो जाने से पर्यटकों का आवागमन बढ़ेगा. जिससे रोजगार के साथ राजस्व भी मिल सकेगा. इसके माध्यम से सदियों से गंगा किनारे फली-फूलीं विभिन्न संस्कृतियों, अध्यात्म, खानपान, रहन-सहन का परिचय आम जनता को प्राप्त होगा. पुल को विकसित करने के लिए कार्य योजना तैयार है, जल्द ही काम शुरू हो जाएगा.
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