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चित्रकूट धाम और विंध्यधाम विकास परिषद का गठन करेगी सरकार

चित्रकूट और विंध्याचल के विकास को लेकर सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को लोक भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में चित्रकूट धाम विकास परिषद और विंध्यधाम विकास परिषद के गठन को मंजूरी मिली है.

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Published : Jun 25, 2021, 10:45 PM IST

सीएम योगी.
सीएम योगी.

लखनऊः चित्रकूट और विंध्याचल के विकास को लेकर सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को लोक भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में चित्रकूट धाम विकास परिषद और विंध्यधाम विकास परिषद के गठन को मंजूरी मिल गई है. इन दोनों धार्मिक स्थलों के विकास परिषद के अध्यक्ष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होंगे और पर्यटन एवं धर्मार्थ कार्य मंत्री नीलकंठ तिवारी उपाध्यक्ष होंगे. सरकार के इस फैसले से चित्रकूट और विंध्यधाम क्षेत्र को एक धार्मिक स्थल के तौर पर विकसित किया जा सकेगा.

योगी आदित्यनाथ सरकार का धार्मिक पर्यटन को विकसित करने पर जोर है. योगी सरकार अयोध्या, मथुरा के वृंदावन और वाराणसी जैसे धार्मिक नगरों का तेजी से विकास करा रही है. इसी कड़ी में ब्रज तीर्थ विकास परिषद के तर्ज पर अब चित्रकूट धाम विकास परिषद और विंध्यधाम विकास परिषद के गठन का बड़ा कदम उठाया है.

51शक्तिपीठों में एक है विंध्याचल देवी

पुराणों में विंध्य क्षेत्र का महत्व तपोभूमि के रूप में वर्णित है. मां विंध्यवासिनी देवी मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है. देश के 51 पीठों में से मां विंध्यवासिनी ही पूर्ण पीठ है. मां विंध्यवासिनी देवी का मंदिर विंध्य पर्वत श्रृंखला के मध्य गंगा नदी पर स्थित है. मां विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए पूरे वर्ष श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है. चैत्र और शारदीय नवरात्र के अवसर पर यहां देश के कोने-कोने से लाखों संख्या में श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी देवी के दर्शन के लिए आते हैं.

इसे भी पढ़ें- योगी कैबिनेट की बैठक में 12 प्रस्तावों को मिली मंजूरी

विंध्यधाम क्षेत्र में तीन देवी मंदिर

विंध्यवासिनी शक्तिपीठ की सबसे खास बात यह है कि यहां तीन किलोमीटर के दायरे में तीन प्रमुख देवियों के मंदिर हैं. काली खोह पहाड़ी पर महाकाली देवी तथा अष्टभुजा पहाड़ी पर अष्टभुजा देवी विराजमान हैं. दोनों के केंद्र में मां विंध्यवासिनी देवी हैं. प्रस्तावित योजना से मिर्जापुर की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हो सकेगी. पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही स्थानीय स्तर पर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे.

शाकुम्भरी देवी मंदिर को जाने वाले मार्ग के लिए 222 करोड़ रुपये की मंजूरी

सहारनपुर में एनएच-709 बी (चुनहेटी) से अंबाला रोड होते हुए दिल्ली यमुनोत्री मार्ग (एसएच-57) के किलीमोटर 171 देवला तक फोरलेन बाईपास मार्ग के निर्माण के लिए संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी मिली है. फोर लेन बाईपास मार्ग निर्माण के लिए 222 करोड़ 13 लाख रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. इस मार्ग के निर्माण से मां शाकुंभरी देवी शक्तिपीठ तक जाने का रास्ता आसान होगा. शाकुंभरी देवी धाम में लगने वाले मेले में हरियाणा, उत्तराखंड एवं मुजफ्फरनगर, शामली, मेरठ से श्रद्धालु इसी मार्ग का प्रयोग करते हैं. यह परियोजना सहारनपुर को जाम से मुक्ति दिलाने एवं मां शाकुंभरी देवी की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए पर्यटन की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है.

ऐशबाग में आंबेडकर सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना होगी

लखनऊ में डॉक्टर आंबेडकर सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना के लिए संस्कृति विभाग को नजूल भूमि के हस्तांतरण के संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है. ऐशबाग ईदगाह के सामने मौजा भदेवा की नजूल भूमि खसरा संख्या 232, 233, 234, 236 और 237 का 5493.52 वर्ग मीटर रिक्त भूमि संस्कृति विभाग को हस्तांतरित की जाएगी.

आंबेडकर सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना की जानी है. इसमें लगभग 750 व्यक्ति की क्षमता का प्रेक्षागृह, पुस्तकालय एवं शोध केंद्र, छायाचित्र दीर्घा, संग्रहालय, मल्टीपरपज सभागार, कार्यालय, भारत रत्न डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की मूर्ति की स्थापना एवं लैंडस्कैपिंग डॉरमेट्री, कैफिटेरिया, शौचालय, पार्किंग व अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी. इस पर प्रारंभिक आधार पर 45.04 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है. संस्कृति विभाग द्वारा डॉक्टर आंबेडकर सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना के लिए लखनऊ में दो से तीन एकड़ भूमि उपलब्ध कराए जाने का अनुरोध किया गया है.

लखनऊः चित्रकूट और विंध्याचल के विकास को लेकर सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को लोक भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में चित्रकूट धाम विकास परिषद और विंध्यधाम विकास परिषद के गठन को मंजूरी मिल गई है. इन दोनों धार्मिक स्थलों के विकास परिषद के अध्यक्ष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होंगे और पर्यटन एवं धर्मार्थ कार्य मंत्री नीलकंठ तिवारी उपाध्यक्ष होंगे. सरकार के इस फैसले से चित्रकूट और विंध्यधाम क्षेत्र को एक धार्मिक स्थल के तौर पर विकसित किया जा सकेगा.

योगी आदित्यनाथ सरकार का धार्मिक पर्यटन को विकसित करने पर जोर है. योगी सरकार अयोध्या, मथुरा के वृंदावन और वाराणसी जैसे धार्मिक नगरों का तेजी से विकास करा रही है. इसी कड़ी में ब्रज तीर्थ विकास परिषद के तर्ज पर अब चित्रकूट धाम विकास परिषद और विंध्यधाम विकास परिषद के गठन का बड़ा कदम उठाया है.

51शक्तिपीठों में एक है विंध्याचल देवी

पुराणों में विंध्य क्षेत्र का महत्व तपोभूमि के रूप में वर्णित है. मां विंध्यवासिनी देवी मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है. देश के 51 पीठों में से मां विंध्यवासिनी ही पूर्ण पीठ है. मां विंध्यवासिनी देवी का मंदिर विंध्य पर्वत श्रृंखला के मध्य गंगा नदी पर स्थित है. मां विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए पूरे वर्ष श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है. चैत्र और शारदीय नवरात्र के अवसर पर यहां देश के कोने-कोने से लाखों संख्या में श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी देवी के दर्शन के लिए आते हैं.

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विंध्यधाम क्षेत्र में तीन देवी मंदिर

विंध्यवासिनी शक्तिपीठ की सबसे खास बात यह है कि यहां तीन किलोमीटर के दायरे में तीन प्रमुख देवियों के मंदिर हैं. काली खोह पहाड़ी पर महाकाली देवी तथा अष्टभुजा पहाड़ी पर अष्टभुजा देवी विराजमान हैं. दोनों के केंद्र में मां विंध्यवासिनी देवी हैं. प्रस्तावित योजना से मिर्जापुर की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हो सकेगी. पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही स्थानीय स्तर पर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे.

शाकुम्भरी देवी मंदिर को जाने वाले मार्ग के लिए 222 करोड़ रुपये की मंजूरी

सहारनपुर में एनएच-709 बी (चुनहेटी) से अंबाला रोड होते हुए दिल्ली यमुनोत्री मार्ग (एसएच-57) के किलीमोटर 171 देवला तक फोरलेन बाईपास मार्ग के निर्माण के लिए संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी मिली है. फोर लेन बाईपास मार्ग निर्माण के लिए 222 करोड़ 13 लाख रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. इस मार्ग के निर्माण से मां शाकुंभरी देवी शक्तिपीठ तक जाने का रास्ता आसान होगा. शाकुंभरी देवी धाम में लगने वाले मेले में हरियाणा, उत्तराखंड एवं मुजफ्फरनगर, शामली, मेरठ से श्रद्धालु इसी मार्ग का प्रयोग करते हैं. यह परियोजना सहारनपुर को जाम से मुक्ति दिलाने एवं मां शाकुंभरी देवी की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए पर्यटन की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है.

ऐशबाग में आंबेडकर सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना होगी

लखनऊ में डॉक्टर आंबेडकर सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना के लिए संस्कृति विभाग को नजूल भूमि के हस्तांतरण के संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है. ऐशबाग ईदगाह के सामने मौजा भदेवा की नजूल भूमि खसरा संख्या 232, 233, 234, 236 और 237 का 5493.52 वर्ग मीटर रिक्त भूमि संस्कृति विभाग को हस्तांतरित की जाएगी.

आंबेडकर सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना की जानी है. इसमें लगभग 750 व्यक्ति की क्षमता का प्रेक्षागृह, पुस्तकालय एवं शोध केंद्र, छायाचित्र दीर्घा, संग्रहालय, मल्टीपरपज सभागार, कार्यालय, भारत रत्न डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की मूर्ति की स्थापना एवं लैंडस्कैपिंग डॉरमेट्री, कैफिटेरिया, शौचालय, पार्किंग व अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी. इस पर प्रारंभिक आधार पर 45.04 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है. संस्कृति विभाग द्वारा डॉक्टर आंबेडकर सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना के लिए लखनऊ में दो से तीन एकड़ भूमि उपलब्ध कराए जाने का अनुरोध किया गया है.

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