लखनऊः कार से लेकर स्मार्टफोन में उपयोग होने वाले सेमी कंडक्टर चिप को बढ़ावा देने को लेकर राज्य सरकार जल्दी एक पॉलिसी लाने की तैयारी कर रही है. इस योजना के अंतर्गत 20,000 करोड़ रुपए की एक इकाई होगी और इसके अंतर्गत कई छोटी-छोटी इकाइयां काम करेगी. सेमी कंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग का काम उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में कराए जाने को लेकर पॉलिसी तैयार की जा रही है. इसके माध्यम से स्मार्टफोन से लेकर करवा अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में उपयोग होने वाले सेमीकंडक्टर की मैन्युफैक्चरिंग कराई जाएगी.
सेमी कंडक्टर इंडस्ट्री पिछले साल 27 अरब डॉलर की थी और इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश की संभावनाएं हैं. फिलहाल ताइवान दक्षिण कोरिया अमेरिका जैसे देशों में इसकी बड़े पैमाने पर मैन्युफैक्चरिंग होती है. निवेश के क्षेत्र में 35 लाख करोड़ रुपए के एमओयू के बाद सरकार सेमी कंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में बड़ा काम करने जा रही है. इसको देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आने वाले समय में होने वाली कैबिनेट बैठक में इसको लेकर प्रस्ताव लाया जाएगा, जिसमें सेमी कंडक्टर पॉलिसी लाने की तैयारी है. इसको लेकर बाकायदा मसौदा भी तैयार किया गया है. ग्रेटर नोएडा में सेमी कंडक्टर का हब बनाया जाएगा.
इस पॉलिसी को लाने के बाद राज्य सरकार सेमी कंडक्टर पॉलिसी के माध्यम से दिग्गज कंपनियों को ऐसे प्रस्ताव देने की तैयारी में है, जो अब तक किसी देश में किसी राज्य की तरफ से न दिए गए हों. फिलहाल अभी तक सेमी कंडक्टर पालिसी सिर्फ गुजरात और उड़ीसा ने तैयार की है और अब उत्तर प्रदेश इसे लागू करने वाला तीसरा राज्य होगा. सेमी कंडक्टर इंडस्ट्री के लिए ग्रेटर नोएडा, जेवर एयरपोर्ट के नजदीकी क्षेत्रों को चयनित किया गया है.
इंडस्ट्री विभाग के स्तर पर जो भी कम्पनी प्रदेश में सेमी कंडक्टर के क्षेत्र में निवेश करेंगी उन्हें निवेश करने पर 75 फीसद की पूंजी सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है. इसके साथ ही स्टांप ड्यूटी में भी सौ फीसद छूट, जमीन पर 80 फीसद व बिजली बिल में 100 फीसदी तक सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है. सबसे महत्वपूर्ण निवेश पूंजी यानी कैपिटल सब्सिडी देनी है. सेमी कंडक्टर चिप बनाने में अभी अमेरिका,दक्षिण कोरिया औऱ ताइवान सबसे अधिक दबदबा है. दुनियाभर में इस्तेमाल होने वाली सेमी कंडक्टर कुल चिप का 60 फीसद मैन्युफैक्चरिंग अकेले ताइवान करता है.
बता दें कि यह काफी महत्वपूर्ण इंडस्ट्री है. सेमी कंडक्टर चिप इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का उपयोग कार से लेकर स्मार्टफोन तक में होता है. वर्ष 2022 में भारतीय सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री 27 अरब डॉलर की थी. भारत में सेमीकंडक्टर की खपत 2026 तक 80 अरब डॉलर व 2030 तक 110 अरब डॉलर पार कर जाएगा. इसको लेकर ही राज्य सरकार का पूरा फोकस इसकी पॉलिसी लाने पर है. इसके अंतर्गत सेमी कंडक्टर चिप बनाने वाली एक इंडस्ट्री में कम से कम 20 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा. इसके साथ ही एक इंडस्ट्री के साथ कम से कम 1800 सहायक इंडस्ट्री की स्थापना कराई जाएगी. इनकी भी एक इंडस्ट्री 200 करोड़ रुपए से कम नहीं होगी.औद्योगिक विकास विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह कहते हैं कि सेमी कंडक्टर के क्षेत्र में बेहतर पालिसी बनाने का काम चल रहा है. जल्द ही इस बारे में तेजी से काम होगा.
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