लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के साथ ही दोनों वक्फ बोर्डों के अधिवक्ताओं को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश जारी किए हैं. विभागीय कार्यों में लापरवाही और उदासीनता बरतने पर अल्पसंख्यक कल्याण कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी ने यह कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
पूरा मामला
उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण व मुस्लिम वक्फ कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी ने विभागीय कार्यों में उदासीनता और लापरवाही बरतने पर नाराजगी जताते हुए शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड के दो अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश दिए हैं. मंत्री नंद गोपाल नंदी ने कहा कि शिया वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉक्टर मोहम्मद नसीर हुसैन और सुन्नी वक्फ बोर्ड के सीईओ सय्यद मोहम्मद शोएब अहमद द्वारा अपने कार्यों में कोई दिलचस्पी नहीं ली जा रही थी. वक्फ बोर्ड के कार्यों में लम्बे वक्त से इनके द्वारा लापरवाही बरती जा रही थी. इस दौरान मंत्री नंद गोपाल नंदी ने सुन्नी और शिया वक्फ बोर्ड के अधिवक्ताओं को भी तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए.
लापरवाह अधिकारियों को मंत्री की नसीहत
बुधवार को विधान भवन स्थित अपने कार्यालय में अल्पसंख्यक कल्याण एवं मुस्लिम वक्फ विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान मंत्री नंद गोपाल नंदी ने कहा कि मदरसा शिक्षा, छात्रवृत्ति योजना, वक्फ बोर्ड के काम काज, अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम, आईजीआरएस, कोर्ट केस, मुसाफिरखाना, वक्फ विकास निगम, सुन्नी और शिया वक्फ बोर्ड विभाग के सभी निगमों को एक बिल्डिंग में स्थापित करने सहित अन्य मामलों को लेकर अधिकारियों को निर्देशित किया गया.
समीक्षा के दौरान मंत्री नंद गोपाल ने कहा कि अल्पसंख्यक कल्याण कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की शिथिलता नहीं बरती जानी चाहिए. विभाग की बैठक में निर्णय और उनकी प्रगति की समीक्षा आगामी बैठक में विस्तार से की जाएगी और विभागीय कार्यों के संचालन में दिलचस्पी न लेने वाले कर्मियों और अधिकारियों के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएंगे.