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लखनऊ: शराब माफियाओं पर कसेगा शिकंजा, मिलावट की तो लगेगा गैंगेस्टर - योगी सरकार

उत्तर प्रदेश में मिलावटी शराब से हुई घटनाओं के चलते योगी सरकार ने सख्त रूख अख्तियार किया है. बाराबंकी, उन्नाव और कुशीनगर समेत प्रदेश के कई अन्य जिलों में मिलावटी शराब पीने से कई लोगों की मौत हो गई थी. इसे लेकर सरकार पर विपक्ष ने सवाल खड़ा किया था. अब सरकार ने शराब माफियाओं पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है.

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Published : Jul 15, 2019, 8:34 PM IST

लखनऊ: शराब माफियाओं पर नकेल कसने के लिए योगी सरकार ने तैयारी कर ली है. सीएम योगी की अध्यक्षता में सोमवार को लोक भवन में आयोजित कैबिनेट बैठक में आबकारी नीति 2019-20 में पांच संशोधन कर कड़े दंड के प्रावधान किए गए हैं. मिलावट खोरी और ओवर रेटिंग पर सरकार सख्त कार्रवाई करेगी. अब मिलावटी शराब बेचते पाए गए तो सीधे दुकान का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा. साथ ही गैंगस्टर और रासुका के तहत कार्रवाई होगी.

योगी कैबिनेट बैठक में लिए गए कई अहम फैसले.

कैबिनेट बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि आबकारी नीति में संशोधन किया गया है. इसमें शराब में मिश्रण और ओवर रेटिंग को खासतौर पर रखा गया है. यूपी आबकारी नीति-2019 में पांच संशोधन कर कड़े प्रावधान किए गए हैं. राज्य में किसी भी प्रकार से शराब माफियाओं की अब मनमानी नहीं चलने पाएगी.

मिलावटी शराब पर योगी का डंडा
शराब में जल मिश्रण वाक्य मिकल मिश्रण के मामले में पूर्व में पहली बार पकड़े जाने पर 40 हजार रुपये जुर्माना था. दूसरी बार पकड़े जाने पर 50 हजार का जुर्माना और तीसरी बार लाइसेंस रद्द करने का प्रावधान था. अब मिश्रण करते जाने पर सीधे लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा. सीआरपीसी की धारा 272, 273 और आईपीसी की धारा 304 के तहत अर्जित की गई धनराशि जप्त कर ली जाएगी. रासुका और गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी. वहीं एनएसए की कार्रवाई पर तीन साल तक जमानत नहीं मिल सकेगी.

ओवर रेटिंग पर भी सख्त हुई सरकार
शराब माफिया अगर मदिरा की बोतलों पर निर्धारित एमआरपी से ऊपर बेचते पाए गए तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. अब तक एमआरपी से ऊपर मदिरा बेचने पर और पहली बार पकड़े जाने पर 10 हजार रुपये, दूसरी बार पकड़े जाने पर 20 हजार और तीसरी बार पकड़े जाने पर 30 हजार जुर्माना था. अब पहली बार पकड़े जाने पर सीधे 75 हजार रुपये का जुर्माना निर्धारित किया गया है. दूसरी बार पकड़े जाने पर डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना भरना होगा. तीसरी बार ओवर रेटिंग करते पकड़े गए तो सीधे लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा. आबकारी के एक अन्य संशोधन में सरकार ने मोनो कास्ट को मंजूरी दी है. इसके तहत 4,000 रुपये से अधिक कीमत की मदिरा के कई ब्रांड की शराब होटलों में एक साथ बेची जा सकेगी. यह व्यवस्था देश के दूसरे राज्यों में एक हजार से महंगी शराब के मामले में भी लागू है.

नगर निगम और गाजियाबाद बेचेगा म्युनिसिपल बॉन्ड
लखनऊ नगर निगम और गाजियाबाद नगर निगम के म्युनिसिपल बॉन्ड निर्गत करने के लिए मंजूरी मिली है. लखनऊ नगर निगम 200 करोड़ और गाजियाबाद नगर निगम 150 करोड़ का बॉन्ड बेंचेगा. इस बांड से अर्जित होने वाली धनराशि अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए उपयोग में लाई जाएगी. लोगों की रुचि देखते हुए इसे और अन्य नगर निगमों में लागू किया जाएगा. अहमदाबाद समेत कई अन्य नगर निगम में बॉन्ड जारी कर चुके हैं. मार्केट से अच्छी योजना होगी. सेबी से अनुमति लेने के बाद ही इसे लागू किया जा सकेगा. नगर निगमों की क्रेडिट रेटिंग के बाद इसे अनुमति मिलेगी. योजना अंतिम पड़ाव पर है. एक महीने के अंदर मूर्त रूप दिया जाएगा. इसमें सरकार गारंटर नहीं होगी. नगर निगम की खुद की रेटिंग पर भरोसा करना होगा.

डिफेंस कॉरिडोर मुफ्त में दी गई जमीन
एक अन्य फैसले में डिफेंस कॉरिडोर के लिए अलीगढ़ में 43.489 हेक्टेयर भूमि औद्योगिक विकास विभाग को मुफ्त में ट्रांसफर करने का निर्णय लिया गया है. इसके साथ ही डिफेंस कॉरिडोर में आने वाले जिलों अलीगढ़, चित्रकूट और झांसी में ढाई हजार एकड़ भूमि का अवलोकन किया जा चुका है. पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के उप निदेशक पद से संयुक्त निदेशक पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के पद पर पदोन्नति करने हेतु चयन प्रक्रिया का प्रावधान के लिए सेवा नियमावली में संशोधन किया गया है. इसमें उपनिदेशक पद से संयुक्त निदेशक पद पर प्रमोशन के लिए किया गया है. यह नियम नहीं होने की वजह से संयुक्त निदेशक का पद खाली था. अब उसे भरा जा सकेगा.

दारोगा और इंस्पेक्टर के प्रमोशन में मिली सहूलियत
नागरिक पुलिस में दारोगा और इंस्पेक्टर का अब सीधे प्रमोशन के लिए नियमावली में संशोधन किया गया है. कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी है. पहले हर विषय में 50 फीसद अंक लाना होता था. अब किसी एक विषय में 35% अंक है और चारों विषय में 50 फीसद अंक होगा तो पास माना जाएगा. राज्य सरकार का लोगों भारत सरकार के मानक के अनुरूप राज्य सरकार के लोगों का इस्तेमाल करने पर दंडनीय अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया है. इसका दुरुपयोग करने पर दो साल की सजा और पांच हजार रुपये का जुर्माना रखा गया है. पहले सरकार का लोगों इस्तेमाल करना अपराध की श्रेणी में नहीं आता था. योगी कैबिनेट में इस प्रस्ताव को रखा गया, जिसे मंजूरी मिल गई है. उत्तर प्रदेश सरकार का लोगो कोई गलत इस्तेमाल नहीं कर सकेगा.

लखनऊ: शराब माफियाओं पर नकेल कसने के लिए योगी सरकार ने तैयारी कर ली है. सीएम योगी की अध्यक्षता में सोमवार को लोक भवन में आयोजित कैबिनेट बैठक में आबकारी नीति 2019-20 में पांच संशोधन कर कड़े दंड के प्रावधान किए गए हैं. मिलावट खोरी और ओवर रेटिंग पर सरकार सख्त कार्रवाई करेगी. अब मिलावटी शराब बेचते पाए गए तो सीधे दुकान का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा. साथ ही गैंगस्टर और रासुका के तहत कार्रवाई होगी.

योगी कैबिनेट बैठक में लिए गए कई अहम फैसले.

कैबिनेट बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि आबकारी नीति में संशोधन किया गया है. इसमें शराब में मिश्रण और ओवर रेटिंग को खासतौर पर रखा गया है. यूपी आबकारी नीति-2019 में पांच संशोधन कर कड़े प्रावधान किए गए हैं. राज्य में किसी भी प्रकार से शराब माफियाओं की अब मनमानी नहीं चलने पाएगी.

मिलावटी शराब पर योगी का डंडा
शराब में जल मिश्रण वाक्य मिकल मिश्रण के मामले में पूर्व में पहली बार पकड़े जाने पर 40 हजार रुपये जुर्माना था. दूसरी बार पकड़े जाने पर 50 हजार का जुर्माना और तीसरी बार लाइसेंस रद्द करने का प्रावधान था. अब मिश्रण करते जाने पर सीधे लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा. सीआरपीसी की धारा 272, 273 और आईपीसी की धारा 304 के तहत अर्जित की गई धनराशि जप्त कर ली जाएगी. रासुका और गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी. वहीं एनएसए की कार्रवाई पर तीन साल तक जमानत नहीं मिल सकेगी.

ओवर रेटिंग पर भी सख्त हुई सरकार
शराब माफिया अगर मदिरा की बोतलों पर निर्धारित एमआरपी से ऊपर बेचते पाए गए तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. अब तक एमआरपी से ऊपर मदिरा बेचने पर और पहली बार पकड़े जाने पर 10 हजार रुपये, दूसरी बार पकड़े जाने पर 20 हजार और तीसरी बार पकड़े जाने पर 30 हजार जुर्माना था. अब पहली बार पकड़े जाने पर सीधे 75 हजार रुपये का जुर्माना निर्धारित किया गया है. दूसरी बार पकड़े जाने पर डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना भरना होगा. तीसरी बार ओवर रेटिंग करते पकड़े गए तो सीधे लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा. आबकारी के एक अन्य संशोधन में सरकार ने मोनो कास्ट को मंजूरी दी है. इसके तहत 4,000 रुपये से अधिक कीमत की मदिरा के कई ब्रांड की शराब होटलों में एक साथ बेची जा सकेगी. यह व्यवस्था देश के दूसरे राज्यों में एक हजार से महंगी शराब के मामले में भी लागू है.

नगर निगम और गाजियाबाद बेचेगा म्युनिसिपल बॉन्ड
लखनऊ नगर निगम और गाजियाबाद नगर निगम के म्युनिसिपल बॉन्ड निर्गत करने के लिए मंजूरी मिली है. लखनऊ नगर निगम 200 करोड़ और गाजियाबाद नगर निगम 150 करोड़ का बॉन्ड बेंचेगा. इस बांड से अर्जित होने वाली धनराशि अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए उपयोग में लाई जाएगी. लोगों की रुचि देखते हुए इसे और अन्य नगर निगमों में लागू किया जाएगा. अहमदाबाद समेत कई अन्य नगर निगम में बॉन्ड जारी कर चुके हैं. मार्केट से अच्छी योजना होगी. सेबी से अनुमति लेने के बाद ही इसे लागू किया जा सकेगा. नगर निगमों की क्रेडिट रेटिंग के बाद इसे अनुमति मिलेगी. योजना अंतिम पड़ाव पर है. एक महीने के अंदर मूर्त रूप दिया जाएगा. इसमें सरकार गारंटर नहीं होगी. नगर निगम की खुद की रेटिंग पर भरोसा करना होगा.

डिफेंस कॉरिडोर मुफ्त में दी गई जमीन
एक अन्य फैसले में डिफेंस कॉरिडोर के लिए अलीगढ़ में 43.489 हेक्टेयर भूमि औद्योगिक विकास विभाग को मुफ्त में ट्रांसफर करने का निर्णय लिया गया है. इसके साथ ही डिफेंस कॉरिडोर में आने वाले जिलों अलीगढ़, चित्रकूट और झांसी में ढाई हजार एकड़ भूमि का अवलोकन किया जा चुका है. पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के उप निदेशक पद से संयुक्त निदेशक पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के पद पर पदोन्नति करने हेतु चयन प्रक्रिया का प्रावधान के लिए सेवा नियमावली में संशोधन किया गया है. इसमें उपनिदेशक पद से संयुक्त निदेशक पद पर प्रमोशन के लिए किया गया है. यह नियम नहीं होने की वजह से संयुक्त निदेशक का पद खाली था. अब उसे भरा जा सकेगा.

दारोगा और इंस्पेक्टर के प्रमोशन में मिली सहूलियत
नागरिक पुलिस में दारोगा और इंस्पेक्टर का अब सीधे प्रमोशन के लिए नियमावली में संशोधन किया गया है. कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी है. पहले हर विषय में 50 फीसद अंक लाना होता था. अब किसी एक विषय में 35% अंक है और चारों विषय में 50 फीसद अंक होगा तो पास माना जाएगा. राज्य सरकार का लोगों भारत सरकार के मानक के अनुरूप राज्य सरकार के लोगों का इस्तेमाल करने पर दंडनीय अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया है. इसका दुरुपयोग करने पर दो साल की सजा और पांच हजार रुपये का जुर्माना रखा गया है. पहले सरकार का लोगों इस्तेमाल करना अपराध की श्रेणी में नहीं आता था. योगी कैबिनेट में इस प्रस्ताव को रखा गया, जिसे मंजूरी मिल गई है. उत्तर प्रदेश सरकार का लोगो कोई गलत इस्तेमाल नहीं कर सकेगा.

Intro:लखनऊ। शराब माफियाओं पर नकेल कसने के लिए योगी सरकार ने तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को यहां लोक भवन में आयोजित कैबिनेट बैठक में आबकारी नीति 2019-20 में पांच संशोधन कर कड़े दंड के प्रावधान किए गए हैं। मिलावट खोरी और ओवर रेटिंग पर सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। अब मिलावटी शराब बेचते पाए गए तो सीधे दुकान का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। साथ ही गैंगस्टर और रासुका के तहत कार्रवाई होगी।


Body:कैबिनेट बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि आबकारी नीति में संशोधन किया गया है। इसमें मदिरा में मिश्रण और ओवर रेटिंग को खासतौर पर रखा गया है। यूपी आबकारी नीति 2019 में पांच संशोधन कर कड़े प्रावधान किए गए हैं। राज्य में किसी भी प्रकार से शराब माफियाओं की अब मनमानी नहीं चलने पाएगी।

मिलावटी शराब पर योगी का डंडा

शराब में जल मिश्रण वाक्य मिकल मिश्रण के मामले में पूर्व में पहली बार पकड़े जाने पर 40 हजार रुपये जुर्माना था। दूसरी बार पकड़े जाने पर 50 हजार का जुर्माना और तीसरी बार लाइसेंस रद्द करने का प्रावधान था। अब मिश्रण करते पाए गए तो सीधे लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। मिलावट के मामले में सरकार ने और भी सख्त रुख अपनाया है। इसमें सीआरपीसी की धारा 272, 273 और आईपीसी की धारा 304 के तहत अर्जित की गई धनराशि जप्त होगी। रासुका और गैंगेस्टर एक्ट एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। एनएसए की कार्रवाई पर तीन साल तक जमानत नहीं मिल सकेगी।

ओवर रेटिंग पर भी सख्त हुई सरकार

योगी सरकार में अब शराब माफिया अगर मदिरा की बोतलों पर निर्धारित एमआरपी से ऊपर बेचते पाए गए तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। अबतक एमआरपी से ऊपर मदिरा बेचने पर पहली बार पकड़े जाने पर 10 हजार दूसरी रुपये, दूसरी बार पकड़े जाने पर 20 हजार और तीसरी बार पकड़े जाने पर 30 हजार जुर्माना था। अब पहली बार पकड़े जाने पर सीधे 75 हजार रुपये का जुर्माना निर्धारित किया गया है। दूसरी बार पकड़े जाने पर डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना भरना होगा। तीसरी बार ओवर रेटिंग करते पकड़े गए तो सीधे लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।

आबकारी के एक अन्य संशोधन में सरकार ने मोनो कास्ट को मंजूरी दी है। इसके तहत 4000 से अधिक कीमत की मदिरा के कई ब्रांड की शराब होटलों में एक साथ बेची जा सकेगी। यह व्यवस्था देश के दूसरे राज्यों में एक हजार से महंगी शराब के मामले में भी लागू है।

नगर निगम और गाजियाबाद बेचेगा म्युनिसिपल बॉन्ड

लखनऊ नगर निगम और गाजियाबाद नगर निगम के म्युनिसिपल बॉन्ड निर्गत करने के लिए मंजूरी मिली है। लखनऊ नगर निगम 200 करोड़ और गाजियाबाद नगर निगम 150 करोड़ का बॉन्ड बेचेगा।इस बांड से अर्जित होने वाली धनराशि अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए उपयोग में लाई जाएगी। लोगों की रुचि देखते हुए इसे और अन्य नगर निगमों में लागू किया जाएगा। अहमदाबाद समेत कई अन्य नगर निगम बॉन्ड जारी कर चुके हैं। मार्केट से अच्छी योजना होगी। सेबी से अनुमति लेने के बाद ही इसे लागू किया जा सकेगा। नगर निगमों की क्रेडिट रेटिंग के बाद इसे अनुमति मिलेगी। योजना अंतिम पड़ाव पर है। एक महीने के अंदर मूर्त रूप दिया जाएगा। इसमें सरकार गारंटर नहीं होगी। नगर निगम की खुद की रेटिंग पर भरोसा करना होगा।

एक अन्य फैसले में डिफेंस कॉरिडोर के लिए अलीगढ़ में 43. 489 हेक्टेयर भूमि औद्योगिक विकास विभाग को मुफ्त में ट्रांसफर करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही डिफेंस कॉरिडोर में आने वाले जिलों अलीगढ़, चित्रकूट और झांसी में ढाई हजार एकड़ भूमि का अवलोकन किया जा चुका है।

पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के उप निदेशक पद से संयुक्त निदेशक पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के पद पर पदोन्नति करने हेतु चयन प्रक्रिया का प्रावधान के लिए सेवा नियमावली में संशोधन किया है गया है। इसमें उप निदेशक पद से संयुक्त निदेशक पद पर प्रमोशन के लिए किया गया है। यह नियम नहीं होने की वजह से संयुक्त निदेशक का पद खाली था। अब उसे भरा जा सकेगा।

नागरिक पुलिस में दरोगा और इंस्पेक्टर का अब सीधे प्रमोशन के लिए नियमावली में संशोधन किया गया है। कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी है। पहले हर विषय में 50 फीसद अंक लाना होता था। अब किसी एक विषय में 35% अंक है और चारों विषय में 50 फीसद अंक होगा तो पास माना जाएगा।

राज्य सरकार का लोगो भारत सरकार के मानक के अनुरूप राज्य सरकार के लोगो का इस्तेमाल करने पर दंडनीय अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया है। इसका दुरुपयोग करने पर दो साल की सजा और पांच हजार रुपये का जुर्माना रखा गया है। पहले सरकार का लोगो इस्तेमाल करना अपराध की श्रेणी में नहीं आता था। योगी कैबिनेट में इस प्रस्ताव को रखा गया जिसे मंजूरी मिल गयी है। उत्तर प्रदेश सरकार का लोगो कोई गलत इस्तेमाल नहीं कर सकेगा।



Conclusion:प्रदेश में मिलावटी शराब से बढ़ती मौतों के चलते योगी सरकार ने सख्त रूख अख्तियार किया है। बाराबंकी, उन्नाव और कुशीनगर समेत प्रदेश के कई अन्य जिलों में मिलावटी शराब पीने से लोगों की मौत हुई है। इसे लेकर सरकार पर विपक्ष ने सवाल खड़ा किया था। अब सरकार ने शराब माफियाओं पर नकेल कसने
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