लखनऊ: 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले योगी सरकार हर स्तर पर कामकाज और लोगों की नाराजगी दूर करने के लिए नई-नई घोषणाएं कर रही है. इसका बानगी तब देखने को मिली जब कुछ दिनों पहले कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाने का आदेश हुआ. वहीं अब सरकार किसानों की नाराजगी से डरी हुई है. पिछले दिनों हुई किसान महापंचायत भी बीजेपी सरकार की चिंता का एक कारण है. सूत्रों का कहना है कि विधानसभा चुनाव 2022 से पहले भाजपा सरकार किसानों की नाराजगी दूर करने को लेकर गन्ना मूल्य की बढ़ोतरी का बड़ा फैसला कर सकती है. इसको लेकर जल्दी कैबिनेट से मंजूरी दिलाई जाने की तैयारी हो रही है.
पिछले कुछ दिनों पहले खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गन्ना किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ गन्ना मंत्री सुरेश थाना की उपस्थिति में मुलाकात की थी. ंमुलाकात के दौरान गन्ना मंत्री के साथ गन्ना मूल्य बढ़ाए जाने और गन्ना किसानों को लेकर किए गए योगदान पर चर्चा हुई थी. तब गन्ना किसान संगठनों की तरफ से 400 रुपये गन्ना मूल्य बढ़ाए जाने की मांग की गई थी. बीजेपी सरकार और बीजेपी के तमाम नेता जो किसानों के संपर्क में हैं वे यह बात लगातार नेतृत्व तक पहुंचा रहे हैं कि अगर गन्ना मूल्य बढ़ाया नहीं गया, तो इसका चुनाव में नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.
इस फीडबैक के आधार पर गन्ना मूल्य बढ़ाए जाने को लेकर उच्च स्तर पर सहमति बनने की बात कही जा रही है. सूत्रों का कहना है कि आने वाले समय में गन्ना मूल्य करीब 400 रुपये तक बढ़ाने के लिए कैबिनेट से मंजूरी दिलाने की तैयारी हो रही है, जिससे किसानों की नाराजगी को दूर किया जा सके. वहीं जिन किसानों का गन्ना मूल्य का बकाया है उन्हें भी धीरे-धीरे करके बकाए का भुगतान कराने को लेकर शासन के उच्च स्तर पर दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं, जिससे किसानों की नाराजगी दूर करते हुए चुनाव में किसी भी प्रकार के नुकसान से बचा जा सके. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट ने भी गेहूं का मूल्य 40 रुपये बढ़ाए जाने को मंजूरी दी है. इसके बाद अब उत्तर प्रदेश में भी गन्ना मूल्य बढ़ाकर किसानों की नाराजगी दूर करने के लिए बड़े स्तर पर फैसला जल्द हो सकता है.क्या है गन्ना मूल्य की स्थिति
उत्तर प्रदेश में अभी किसानों को गन्ने का मूल्य अलग-अलग वैरायटी के हिसाब से 310 रुपये, 315 रुपये और 325 रुपये प्रति क्विंटल मिल रहा है. प्रदेश में 2017 में योगी सरकार बनने के बाद गन्ना मूल्य मात्र 10 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया गया था, लेकिन उसके बाद कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है. सूत्रों का कहना है कि अब सरकार गन्ना मूल्य में 400 रुपये तक बढ़ोतरी कर सकती है. राजनीतिक विश्लेषक डॉ दिलीप अग्निहोत्री कहते हैं कि किसानों के नाम पर हुई महापंचायत का चुनावी पहलू भी अब खुल कर सामने आ गया है. विपक्षी पार्टियां भी इसमें अपना लाभ तलाश रही हैं. ऐसे में सत्तारूढ़ भाजपा भी कमर कस रही है. पिछले दिनों केंद्र सरकार ने कुछ कृषि उत्पादों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया था. अभी चर्चा है कि यूपी सरकार भी गन्ना किसानों को राहत देने का निर्णय कर सकती है. वैसे प्रदेश सरकार गन्ना किसानों के मुद्दे पर अपनी बढ़त दिखाने का प्रयास करती रही है. उसका कहना है कि विगत चार वर्षों में वर्तमान सरकार ने गन्ना मूल्य का सर्वाधिक भुगतान किया है. गन्ना मूल्य बढ़ाकर सरकार किसानों की नाराजगी दूर करने के प्रयास कर सकती है.
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