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योगी सरकार ने रेवेन्यू कोड के नियमों में किया बदलाव, उद्योग लगाने में होगी आसानी

यूपी की योगी सरकार ने राजस्व संहिता के नियमों में बदलाव किया है. राजस्व संहिता के नियमों में हुए ये बदलाव कृषि योग्य भूमि के उपयोग को लेकर किए गए हैं. इन बदलावों के बाद अब एसडीएम को भू-उपयोग परिवर्तन के लिए 45 दिनों में निर्णय लेना होगा.

राजस्व संहिता के नियमों में बदलाव.
राजस्व संहिता के नियमों में बदलाव.
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Published : Sep 9, 2020, 12:24 PM IST

लखनऊ: प्रदेश सरकार ने कृषि भूमि के उपयोग को लेकर राजस्व संहिता के नियमों में बदलाव किया है. अब घर बनाने, नक्शा पास कराने या फिर उद्योग लगाने के लिए लंबे समय तक तहसील के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. राजस्व संहिता के नियमों में बदलाव के बाद अब उक्त तहसील के एसडीएम को 45 दिनों के भीतर कृषि भूमि के उपयोग परिवर्तन पर निर्णय करना होगा. यदि एसडीएम ने तय समय पर निर्णय नहीं दिया तो स्वतः ही अनुमति मान ली जाएगी. इसके बाद आवेदक अपना निर्माण कर सकेगा. नियमों में बदलाव संबंधी अधिसूचना जारी कर दी गयी है.


राजस्व अधिकारियों के खिलाफ मिल रही थीं शिकायतें
योगी सरकार की तरफ से प्रदेश में औद्योगिक, वाणिज्यिक व आवासीय गतिविधियों को बढ़ावा देने की पहल की जा रही है. आसानी से उद्योग स्थापित हो सकें, इसके लिए सरकार निरंतर निर्णय ले रही है. अब कृषि भूमि के उपयोग परिवर्तन के मामले को लेकर सरकार ने निर्णय लिया है. उद्योग लगाने वाले उद्यमियों और किसानों के साथ-साथ आम लोग भी शिकायत कर रहे थे कि राजस्व अधिकारी लंबे समय तक ऐसे मामलों में निर्णय नहीं लेते हैं, जिसके चलते उन्हें उद्योग लगाने में या फिर अपना निर्माण करने में कठिनाई होती है. उन्हें इसके लिए बार-बार दौड़ाया जाता है. आवेदकों का आर्थिक शोषण भी होने की शिकायत लगातार आ रही थी. इससे लोगों को परेशानी होने के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियों के विस्तार और रोजगार सृजन में भी विलंब होता है.

भू-उपयोग परिवर्तन के लिए 45 दिनों में लेना होगा निर्णय

इन समस्याओं को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर कृषि भूमि के उपयोग परिवर्तन को पारदर्शी तरीके से बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है. इन बदलावों के अनुसार आवेदन करने के 45 दिन के अंदर पूरी जांच पड़ताल कर एसडीएम को भू-उपयोग परिवर्तन के लिए निर्णय लेना होगा. यदि एसडीएम भू-उपयोग की अनुमति नहीं देते हैं तो उन्हें आवेदक को इसका स्पष्ट कारण बताना होगा.

प्रदेश में उद्योग स्थापित करने में होगी आसानी
सरकार के इस निर्णय से प्रदेश में उद्योग स्थापित करने में आसानी होगी. समय सीमा में उपयोग परिवर्तन से निजी प्रोजेक्ट में भी तेजी आएगी. खुद का छोटा उद्योग स्थापित करने वालों का रास्ता भी आसान होगा.

लखनऊ: प्रदेश सरकार ने कृषि भूमि के उपयोग को लेकर राजस्व संहिता के नियमों में बदलाव किया है. अब घर बनाने, नक्शा पास कराने या फिर उद्योग लगाने के लिए लंबे समय तक तहसील के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. राजस्व संहिता के नियमों में बदलाव के बाद अब उक्त तहसील के एसडीएम को 45 दिनों के भीतर कृषि भूमि के उपयोग परिवर्तन पर निर्णय करना होगा. यदि एसडीएम ने तय समय पर निर्णय नहीं दिया तो स्वतः ही अनुमति मान ली जाएगी. इसके बाद आवेदक अपना निर्माण कर सकेगा. नियमों में बदलाव संबंधी अधिसूचना जारी कर दी गयी है.


राजस्व अधिकारियों के खिलाफ मिल रही थीं शिकायतें
योगी सरकार की तरफ से प्रदेश में औद्योगिक, वाणिज्यिक व आवासीय गतिविधियों को बढ़ावा देने की पहल की जा रही है. आसानी से उद्योग स्थापित हो सकें, इसके लिए सरकार निरंतर निर्णय ले रही है. अब कृषि भूमि के उपयोग परिवर्तन के मामले को लेकर सरकार ने निर्णय लिया है. उद्योग लगाने वाले उद्यमियों और किसानों के साथ-साथ आम लोग भी शिकायत कर रहे थे कि राजस्व अधिकारी लंबे समय तक ऐसे मामलों में निर्णय नहीं लेते हैं, जिसके चलते उन्हें उद्योग लगाने में या फिर अपना निर्माण करने में कठिनाई होती है. उन्हें इसके लिए बार-बार दौड़ाया जाता है. आवेदकों का आर्थिक शोषण भी होने की शिकायत लगातार आ रही थी. इससे लोगों को परेशानी होने के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियों के विस्तार और रोजगार सृजन में भी विलंब होता है.

भू-उपयोग परिवर्तन के लिए 45 दिनों में लेना होगा निर्णय

इन समस्याओं को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर कृषि भूमि के उपयोग परिवर्तन को पारदर्शी तरीके से बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है. इन बदलावों के अनुसार आवेदन करने के 45 दिन के अंदर पूरी जांच पड़ताल कर एसडीएम को भू-उपयोग परिवर्तन के लिए निर्णय लेना होगा. यदि एसडीएम भू-उपयोग की अनुमति नहीं देते हैं तो उन्हें आवेदक को इसका स्पष्ट कारण बताना होगा.

प्रदेश में उद्योग स्थापित करने में होगी आसानी
सरकार के इस निर्णय से प्रदेश में उद्योग स्थापित करने में आसानी होगी. समय सीमा में उपयोग परिवर्तन से निजी प्रोजेक्ट में भी तेजी आएगी. खुद का छोटा उद्योग स्थापित करने वालों का रास्ता भी आसान होगा.

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