लखनऊ: मोदी सरकार द्वारा सांसदों के वेतन में एक साल तक 30% की कटौती करने के निर्णय के बाद उत्तर प्रदेश में भी विधायकों के वेतन में कटौती के संकेत मिलने लगे हैं. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार विधायकों के वेतन में कटौती करने का निर्णय ले सकती है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट करके केंद्र सरकार के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा है कि वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हर भारतवासी सहभागी बने. यह आज का युगधर्म है.
मुख्यमंत्री योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में केंद्रीय कैबिनेट द्वारा सभी सांसदों के वेतन में एक साल के लिए 30% की कटौती करने का निर्णय सर्वथा उचित है. स्वागत योग्य व प्रेरणादायक है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इस तरह से स्वागत किए जाने के बाद यह अनुमान लगाया जाने लगा है कि उत्तर प्रदेश सरकार भी इस प्रकार का निर्णय ले सकती है.
प्रमखु सचिव गृह अवनीश अवस्थी हालांकि सोमवार को कोरोना को लेकर आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी से जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह तो यह बड़ा फैसला है. इसलिए इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्तर पर ही कोई निर्णय लिया जा सकता है. इसलिए इसमें हम बोलने की स्थिति में नहीं है.आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पहले ही प्रदेश के विधायकों से उनकी निधि से एक-करोड़ रुपये और एक महीने का वेतन देने की अपील की है. विधायक निधि से एक मद में 25 लाख से ऊपर खर्च करने का प्रावधान नहीं था जिसे योगी सरकार ने संशोधित कर दिया है.
मुख्यमंत्री कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. मुख्यमंत्री निर्णय लेने में तनिक भी देरी नहीं कर रहे हैं. इसलिए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में भी विधायकों के वेतन में कटौती करने का निर्णय योगी सरकार ले सकती है.