लखनऊः उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एक्सप्रेस-वे का जाल बिछाकर प्रदेश को विकास के राह पर दौड़ाना चाह रही है. प्रदेश में मौजूदा समय में चार एक्सप्रेस-वे के निर्माण की योजना पर सरकार काम कर रही है. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है इसपर दिसंबर 2020 तक तक छोटे वाहनों के लिए खोल दिया जाएगा. वहीं अगले साल के आखिरी तक बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे शुरू करने की सरकार की योजना है, जबकि देश का सबसे लंबा गंगा एक्सप्रेस-वे का डीपीआर तैयार किया जा रहा है. जल्द ही इसके कार्य को भी आगे बढ़ाया जाएगा. योगी सरकार के तीन साल बीत गए हैं. सवाल उठता है कि क्या योगी सरकार बचे हुए अपने अगले 24 महीनों में इन चारों में से कितने एक्सप्रेस-वे का निर्माण करा पाएगी.
इसी साल हल्के वाहनों के लिए खोल दिया जाएगा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे
वर्तमान सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य काफी तेजी से चल रहा है. वर्ष 2020 में एक्सप्रेस-वे के मुख्य मार्ग को हल्के वाहनों के आवागमन के लिए खोल दिया जाएगा. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की लंबाई 340.824 किलोमीटर है. इस एक्सप्रेस-वे का लगभग 40 प्रतिशत से अधिक कार्य पूर्ण कर लिया गया है. 15 मार्च 2020 तक 99% से अधिक क्लीयरिंग वागरिंग का कार्य और 75 प्रतिशत से अधिक मिट्टी का कार्य पूर्ण कर लिया गया है. परियोजना की सभी 923 संरचनाओं में से 527 का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है. इस परियोजना के तहत 19 फ्लाईओवर, सात दीर्घ सेतु, 113 लघु सेतु, चार वाया डक्ट, 518 पुलिया एवं 269 अंडरपास का निर्माण किया जा रहा है. इस परियोजना की कुल लागत 11 हजार 216.11 करोड़ रुपये है.
इन जिलों से होकर गुजरेगा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-731 लखनऊ-सुल्तानपुर रोड ग्राम चंदसराय से प्रारंभ होकर बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ होते हुए गाजीपुर के ग्राम हैदरिया में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 पर समाप्त हो रहा है.
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे 2021 के आखिरी तक तैयार करने की योजना
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे योगी सरकार की दूसरी बड़ी परियोजनाओं में से एक है. बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे परियोजना की कुल लंबाई 296.070 किलोमीटर है. बुंदेलखंड क्षेत्र की प्रगति में विकास के लिए राज्य सरकार चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर और जालौन जैसे आर्थिक रूप से कम विकसित जिलों के सर्वांगीण विकास के लिए बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का निर्माण करा रही है. प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र को देश की राजधानी दिल्ली से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे, यमुना एक्सप्रेस-वे के माध्यम से बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास में अहम भूमिका निभाएगा. सरकार द्वारा इस परियोजना को 2021 के आखिरी तक तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है.
भरतकूप के पास शुरू हो रहा बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे झांसी-इलाहाबाद राष्ट्रीय मार्ग संख्या 35 भरतकूप के पास जिला चित्रकूट से प्रारंभ होता है. यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर ग्राम कुदरेल के पास जिला इटावा में समाप्त होता है. परियोजना की कुल लंबाई 296.070 किलोमीटर है. यह एक्सप्रेस-वे चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन और इटावा को लाभान्वित करेगा. बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे चार लेन चौड़ा बनेगा और यह छह लेन विस्तारणीय होगा.
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे की 95 प्रतिशत भूमि अधिग्रहित
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के निर्माण में चार रेलवे ओवरब्रिज 14 दीर्घ सेतु, छह टोल प्लाजा, सात रैम्प प्लाजा, 268 लघु सेतु, 18 फ्लाईओवर तथा 214 अंडरपास का निर्माण कराया जाएगा। परियोजना की कुल लागत लगभग 15 हजार करोड़ रुपये हैं। परियोजना के लिए लगभग 95.28 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। अब तक कुल 3407.405 हेक्टेयर भूमि यूपीडा द्वारा परियोजना के लिए अधिग्रहित की जा चुकी है। परियोजना के सभी क्षेत्रों में विकास करता हूं उस स्वीकृति पत्र जारी किए जा चुके हैं तथा इसका निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।
91.35 किमी. लंबा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे गोरखपुर बाईपास एनएच 27 ग्राम जैतपुर के पास से प्रारंभ होकर गोरखपुर, संत कबीर नगर, अंबेडकर नगर होते हुए आजमगढ़ में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के चैनल 190+855 पर समाप्त होगा. यह एक्सप्रेस-वे चार लेन चौड़ा (6 लेन विस्तारणीय) होगा. इस एक्सप्रेस-वे की लंबाई 91.35 किलोमीटर तथा आरओडब्ल्यू की चौड़ाई 110 मीटर है. परियोजना को दो पैकेज में विभक्त किया गया है. परियोजना के सिविल कार्यों की अनुमानित लागत 3105.99 करोड़ एवं समस्त मदों सहित परियोजना की कुल लागत 5876.68 करोड़ आंकलित की गई थी. अब तक यूपी डाक द्वारा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के लिए लगभग 82 प्रतिशत से अधिक भूमि अधिग्रहित की जा चुकी है. शीघ्र ही इसका निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा.
सबसे लंबा गंगा एक्सप्रेस-वे बनाने में जुटी योगी सरकार
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार एक्सप्रेस-वे बनाने के मामले में रिकॉर्ड बनाने की ओर बढ़ रही है. उत्तर प्रदेश सरकार ने देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे बनाने की घोषणा की है. इस परियोजना का नाम गंगा एक्सप्रेसवे है. गंगा एक्सप्रेसवे गाजियाबाद-मेरठ सेक्शन NH-58 मेरठ से प्रारंभ होकर प्रयागराज तक पूर्णतः नियंत्रित गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण प्रस्तावित है. परियोजना की लंबाई 628 किलोमीटर है. परियोजना से मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज जिले सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे. एक्सप्रेस-वे की चौड़ाई छह लेन में होगी. आठ लेन में विस्तारणीय है. संरचनाएं आठ लेन चौड़ाई की बनाई जाएंगी. एक्सप्रेस-वे के राइट ऑफ वे (row) की चौड़ाई 130 मीटर प्रस्तावित है. इसका डीपीआर यूपीडा द्वारा तैयार कराया जा रहा है. यूपीडा के मुताविक शीघ्र ही जमीन अधिग्रहण का कार्य शुरू हो जाएगा. इस बजट में सरकार ने करीब दो हजार करोड़ की धनराशि का भी प्रावधान किया है.
अखिलेश ने खुद के लिए बनवाया एक्सप्रेस-वे
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डॉक्टर चंद्र मोहन ने कहा कि पूर्व में अखिलेश यादव हों या फिर मायावती, सभी ने खुद के लिए काम किया, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश की 23 करोड़ जनता के लिए काम कर रहे हैं. अखिलेश यादव सरकार में जिस आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे का निर्माण हुआ उसमें उन्होंने अपने घर को, सैफई को ध्यान में रखते हुए निर्माण कराया.
अगले वर्ष जनता को समर्पित होगा बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे
योगी सरकार के सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी का कहना है अखिलेश यादव सरकार में आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे का निर्माण हुआ. उसमें भ्रष्टाचार हुआ, लेकिन हमारी सरकार में चार एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराया जा रहा है. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे जल्द ही जनता को समर्पित किया जाएगा. किसानों को समय से भुगतान किया गया है. कोई भी विवाद सामने नहीं आया है. अगले वर्ष तक बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे जनता को समर्पित कर दिया जाएगा.