ETV Bharat / state

जल्द हो सकता है योगी कैबिनेट का विस्तार, कई विधायकों को मिल सकती है जगह

author img

By

Published : Jun 9, 2019, 6:50 AM IST

केंद्र में दोबारा मोदी सरकार बनने के बाद प्रदेश में योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा तेज हो गई है. जल्द ही योगी कैबिनेट का विस्तार हो सकता है. वहीं सरकार के कुछ मंत्रियों को प्रमोशन मिल सकता है, जबकि कुछ को संगठन में भेजे जाने के भी आसार हैं.

कॉन्सेप्ट इमेज.

लखनऊ: योगी मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा तेज हो गई है. चुनाव से पहले ही चर्चा थी कि सीएम योगी अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे, लेकिन उस वक्त नहीं हुआ. चुनाव के बाद सरकार के तीन मंत्री चुनाव जीतकर संसद पहुंच गए हैं. कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता पहले ही दिखा दिया गया है. ऐसे में योगी सरकार में चार सदस्यों की जगह खाली हो गई है.

जानकारी देते संवाददाता

योगी सरकार में रिक्त है इतने मंत्रियों की जगह

  • केंद्र में दोबारा मोदी सरकार बनने के बाद प्रदेश में योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा तेज हो गई है.
  • पहले से संख्या बल के आधार पर अगर देखा जाए तो सरकार में करीब एक दर्जन मंत्रियों की जगह रिक्त थी.
  • मंत्रिपरिषद में कुल 58 से 60 सदस्य हो सकते हैं, लेकिन सीएम योगी ने 45 सदस्यों का ही मंत्रिपरिषद गठन किया था.
  • केंद्र में एक बार फिर भाजपा सरकार बनने के बाद 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव की तैयारी तेज हो गई हैं.
  • यूपी में पुनः बीजेपी सरकार बनाने की कवायद में अब यह गुणा गणित संगठन से लेकर सरकार तक शुरू हो गई है.
  • मंत्रिमंडल में किसे शामिल किया जाए, इसको लेकर सरकार से लेकर संगठन तक माथापच्ची जारी है.
  • जिन लोगों ने लोकसभा चुनाव के दौरान बेहतर काम किए हैं, उन्हें तोहफा मिल सकता है.
  • संगठन में हैं तो उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है, सरकार में हैं तो प्रमोशन हो सकता है.

इन मंत्रियों का हो सकता है प्रमोशन

  • सरकार में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार महेंद्र सिंह और स्वतंत्र देव सिंह का प्रमोशन लगभग तय माना जा रहा है.
  • तीसरा नाम अनिल राजभर का है, जो राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार हैं. उनका भी प्रमोशन लगभग तय माना जा रहा है.
  • बता दें कि ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से निकाले जाने के बाद योगी सरकार अनिल राजभर को कैबिनेट मंत्री बना सकती है.
  • पूर्वी उत्तर प्रदेश की करीब तीन दर्जन विधानसभा सीटों पर राजभर समाज का अच्छा खासा प्रभाव है.

इन विधायकों की खुल सकती है लॉटरी

  • बीजेपी के विधायकों में मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की उम्मीद जगी है.
  • कई ऐसे विधायक हैं, जो कई बार से सदन पहुंच रहे हैं, लेकिन वह मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं बन सके हैं, उनको सरकार में शामिल किया जा सकता है.
  • गोरखपुर से विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल चौथी बार विधानसभा पहुंचे हैं, लेकिन सीएम योगी से तालमेल में कमी की वजह से वह मंत्री नहीं बनाए गए.
  • लखनऊ से विधायक सुरेश श्रीवास्तव, गोंडा की कटरा विधानसभा से विधायक बावन सिंह समेत कई ऐसे नेता हैं जो मंत्री नहीं बन पाए हैं.
  • इसके अलावा लो प्रोफाइल विधायकों को भी योगी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने मंत्रिमंडल विस्तार के माध्यम से सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन बनाएंगे, ताकि 2022 का विधानसभा चुनाव इसके जरिए साधने में आसानी रहे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए 2022 का चुनाव व्यक्तिगत तौर पर काफी अहम होगा. उस चुनाव में योगी आदित्यनाथ के कामों का आकलन करके जनता मतदान करेगी.

पीएन द्विवेदी, राजनीतिक विश्लेषक

लखनऊ: योगी मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा तेज हो गई है. चुनाव से पहले ही चर्चा थी कि सीएम योगी अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे, लेकिन उस वक्त नहीं हुआ. चुनाव के बाद सरकार के तीन मंत्री चुनाव जीतकर संसद पहुंच गए हैं. कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता पहले ही दिखा दिया गया है. ऐसे में योगी सरकार में चार सदस्यों की जगह खाली हो गई है.

जानकारी देते संवाददाता

योगी सरकार में रिक्त है इतने मंत्रियों की जगह

  • केंद्र में दोबारा मोदी सरकार बनने के बाद प्रदेश में योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा तेज हो गई है.
  • पहले से संख्या बल के आधार पर अगर देखा जाए तो सरकार में करीब एक दर्जन मंत्रियों की जगह रिक्त थी.
  • मंत्रिपरिषद में कुल 58 से 60 सदस्य हो सकते हैं, लेकिन सीएम योगी ने 45 सदस्यों का ही मंत्रिपरिषद गठन किया था.
  • केंद्र में एक बार फिर भाजपा सरकार बनने के बाद 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव की तैयारी तेज हो गई हैं.
  • यूपी में पुनः बीजेपी सरकार बनाने की कवायद में अब यह गुणा गणित संगठन से लेकर सरकार तक शुरू हो गई है.
  • मंत्रिमंडल में किसे शामिल किया जाए, इसको लेकर सरकार से लेकर संगठन तक माथापच्ची जारी है.
  • जिन लोगों ने लोकसभा चुनाव के दौरान बेहतर काम किए हैं, उन्हें तोहफा मिल सकता है.
  • संगठन में हैं तो उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है, सरकार में हैं तो प्रमोशन हो सकता है.

इन मंत्रियों का हो सकता है प्रमोशन

  • सरकार में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार महेंद्र सिंह और स्वतंत्र देव सिंह का प्रमोशन लगभग तय माना जा रहा है.
  • तीसरा नाम अनिल राजभर का है, जो राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार हैं. उनका भी प्रमोशन लगभग तय माना जा रहा है.
  • बता दें कि ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से निकाले जाने के बाद योगी सरकार अनिल राजभर को कैबिनेट मंत्री बना सकती है.
  • पूर्वी उत्तर प्रदेश की करीब तीन दर्जन विधानसभा सीटों पर राजभर समाज का अच्छा खासा प्रभाव है.

इन विधायकों की खुल सकती है लॉटरी

  • बीजेपी के विधायकों में मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की उम्मीद जगी है.
  • कई ऐसे विधायक हैं, जो कई बार से सदन पहुंच रहे हैं, लेकिन वह मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं बन सके हैं, उनको सरकार में शामिल किया जा सकता है.
  • गोरखपुर से विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल चौथी बार विधानसभा पहुंचे हैं, लेकिन सीएम योगी से तालमेल में कमी की वजह से वह मंत्री नहीं बनाए गए.
  • लखनऊ से विधायक सुरेश श्रीवास्तव, गोंडा की कटरा विधानसभा से विधायक बावन सिंह समेत कई ऐसे नेता हैं जो मंत्री नहीं बन पाए हैं.
  • इसके अलावा लो प्रोफाइल विधायकों को भी योगी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने मंत्रिमंडल विस्तार के माध्यम से सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन बनाएंगे, ताकि 2022 का विधानसभा चुनाव इसके जरिए साधने में आसानी रहे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए 2022 का चुनाव व्यक्तिगत तौर पर काफी अहम होगा. उस चुनाव में योगी आदित्यनाथ के कामों का आकलन करके जनता मतदान करेगी.

पीएन द्विवेदी, राजनीतिक विश्लेषक

Intro:लखनऊ। केंद्र में भाजपा की नई सरकार बनने और मंत्रिमंडल के गठन के बाद अब उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा तेज हो गई है। चुनाव से पहले ही चर्चा थी कि योगी आदित्यनाथ अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे लेकिन उस वक्त नहीं हुआ। अब योगी मंत्रिमंडल के तीन सदस्य इस बार लोकसभा चुनाव लड़कर संसद पहुंच गए है। अंतर्द्वंद के चलते ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता पहले ही दिखा दिया गया है। ऐसे में चार सदस्यों की जगह खाली हो गई है। जानकारों का कहना है कि सीएम योगी यूपी के 2022 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन को विस्तार के माध्यम से साधते नजर आएंगे।


Body:वैसे भी पहले से ही संख्या बल के आधार पर अगर देखा जाए तो योगी सरकार में करीब एक दर्जन मंत्रियों की जगह रिक्त थी। मंत्रिपरिषद में कुल 58 से 60 सदस्य हो सकते हैं। योगी ने 45 सदस्यों का ही मंत्रिपरिषद गठन किया था। केंद्र में सरकर बनने के बाद यूपी पुनः बीजेपी सरकार बनाने की कवायद में अब यह गुणा गणित संगठन से लेकर सरकार तक शुरू हो गई है कि किसे मंत्रिमंडल में शामिल किया जाए। जिन लोगों ने लोकसभा चुनाव के दौरान बेहतर काम किये हैं, उन्हें तोहफा मिल सकता है। संगठन में हैं तो उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। सरकार में हैं तो प्रमोशन हो सकता है।

इन मंत्रियों का हो सकता है प्रमोशन

योगी सरकार के राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार महेंद्र सिंह और राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार स्वतंत्र देव सिंह का प्रमोशन लगभग तय माना जा रहा है। तीसरा नाम अनिल राजभर का है। अनिल राजभर राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार हैं। भजपा से खींचतान के बाद ओम प्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया गया तो उनके सारे चार्ज अनिल राजभर को दे दिया गया। माना जा रहा है कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की काट के लिए भाजपा अपने अनिल राजभर का कद बढ़ाने के लिए कैबिनेट मंत्री बनाएगी। पूर्वी उत्तर प्रदेश की करीब तीन दर्जन विधान सीटों पर राजभर समाज का अच्छा खासा प्रभाव है।

इन विधायकों की खुल सकती है लॉटरी

योगी मंत्रिमंडल के विस्तार की खबरों के बीच बीजेपी के विधायकों में मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की उम्मीद जगी है कई ऐसे विधायक हैं कई बार से सदन पहुंच रहे हैं। लेकिन वह मंत्रिमंडल का हिस्सा ना बन सके। गोरखपुर से विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल चौथी बार विधानसभा पहुँचे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से तालमेल में कमी की वजह से वह मंत्री नहीं बनाए गए। लखनऊ से विधायक सुरेश श्रीवास्तव, गोंडा की कटरा विधानसभा से विधायक बावन सिंह समेत कई ऐसे नेता हैं जो मंत्री नहीं बन पाए। इसके अलावा लो प्रोफ़ाइल विधायकों को भी योगी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।

बाईट-पीएन द्विवेदी, राजीनीति विश्लेषक

राज नैतिक विश्लेषक पीएम मोदी का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने मंत्रिमंडल विस्तार के माध्यम से सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन बनाएंगे। ताकि 2022 का विधानसभा चुनाव इसके जरिए साधने में आसानी रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए 2022 का चुनाव व्यक्तिगत तौर पर काफी अहम होगा। उस चुनाव में योगी आदित्यनाथ के कामों का आकलन करके जनता मतदान करेगी।


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.