लखनऊ : यमुना झील पर अतिक्रमण को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की नाराजगी के बाद एक बार फिर से प्रशासन ने झील की पैमाइश का एलान किया है. जिसके बाद इस झील से अतिक्रमण हटाया जाएगा. इस संबंध लखनऊ मंडल आयुक्त डॉ रोशन जैकब ने आदेश जारी कर दिया है. जिसमें पहले पैमाइश होगी और उसके बाद में झील के रकबे से अतिक्रमण हटाया जाएगा.
दरअसल, ऐशबाग स्थित यमुना झील पर अवैध कब्जे की शिकायत एक बार फिर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तक पहुंची है. कब्जे के प्रयास से वह खफा हैं. पहले भी स्थानीय लाेग इसकी शिकायत कर चुके हैं. इस पर रक्षा मंत्री ने झील के विकास के निर्देश दिए थे. अफसरों ने इस पर काम भी शुरू कर दिया था. इस बीच स्थानीय लोगों में से कुछ ने झील में मलबा डालकर उसको पाटना शुरू कर दिया. इसकी शिकायत फिर से रक्षा मंत्री तक पहुंच गई. इसके बाद रक्षा मंत्री ने अधिकारियों को हिदायत दी. बाद में अफसरों की टीम ने मौके का मुआयना किया था. लोगों से कब्जा न करने की हिदायत दी थी.
ऐशबाग क्षेत्र में स्थित यमुना झील पर करीब 3 साल पहले एक अन्य भूमाफिया ने कब्जा करने का प्रयास किया था. उसके बाद स्थानीय लोगों ने विकास समिति का गठन कर दिया था. इस समिति के प्रयासों से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस प्रकरण का संज्ञान लिया और उन्होंने व्यक्तिगत रुचि दिखाते हुए लखनऊ विकास प्राधिकरण और नगर निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया. इसके बाद में यहां से अवैध कब्जों को हटवाया गया. अब झील के विकास पर काम शुरू हुआ.
वहीं, इस संबंध में लखनऊ की मंडलायुक्त डॉ रोशन जैकब ने एक आदेश जारी करके नगर निगम लखनऊ विकास प्राधिकरण को निर्देशित किया है कि सबसे पहले तो इस दिन की पैमाइश नए सिरे से करवाई जाए. इस झील का जितना भी रकबा है. उसमें अगर कोई भी अतिक्रमण है तो उसको हटाया जाए. इस संबंध में कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश डॉ रोशन जैकब ने दिया है.
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