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विश्व शौचालय दिवस: ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी बहुत से लोग जा रहे शौच के लिए बाहर

विश्व शौचालय दिवस 19 नवंबर को मनाया जाता है. केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2014 में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की गई, जिसके तहत देश भर में गांव-गांव घर-घर सरकार ने शौचालय उपलब्ध कराएं. लेकिन आज भी बहुत से ऐसे लोग हैं जो शौच के लिए बाहर जाते हैं. ईटीवी भारत की टीम राजधानी के ग्रामीण क्षेत्र में पहुंची जहां लोगों से बात की.

विश्व शौचालय दिवस पर ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट.
विश्व शौचालय दिवस पर ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट.
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Published : Nov 19, 2020, 3:36 PM IST

लखनऊ: साल 2014 में केंद्र सरकार के द्वारा स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की गई. इसके तहत गांव-गांव घर-घर सरकार की तरफ से लोगों को शौचालय दिए गए. शौचालय बनने के बाद भी गांव में क्या स्थिति है और स्वच्छता की सच्चाई क्या है. इसे जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम राजधानी लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्र निगोहा में पहुंची. देखिए रिपोर्ट...

विश्व शौचालय दिवस पर ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट.

शौचालय होने के बावजूद भी लोग बाहर जाते
शौचालय होने के बावजूद भी लोग घर में शौच के लिए न जाकर बाहर जाते हैं. ऐसे लोगों से जब बात की गई तो उनका कहना है कि हमारे घर में शौचालय बना हुआ है, लेकिन हमारी आदत है. बाहर शौच के लिए जाने की. जिसकी वजह से हम लोग बाहर जाते हैं. वहीं बहुत से ऐसे लोग भी हैं. जिनको शौचालय उपलब्ध नहीं हो पाया है और मजबूरन उन्हें शौच के लिए खेतों में व बाहर जाना पड़ता है.

पैसा नहीं आने की वजह अधूरा पड़ा काम
मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत आने वाले बघौना गांव के ग्राम प्रधान ने बताया कि सार्वजनिक शौचालय सरकार के द्वारा बनवाए जा रहे हैं, लेकिन शौचालय का पैसा सरकारी खाते में न आने की वजह से काम अधूरा पड़ा हुआ है.

खुले में शौच जाने पर होगी कार्रवाई
वहीं इस पूरे मुद्दे पर मोहनलालगंज के खंड विकास अधिकारी ने बताया कि लगातार शौचालय निर्माण का कार्य चल रहा है. वहीं जिन ग्राम प्रधानों को खाते में पैसा नहीं मिला है. उनका पैसा भी जल्द आ जाएगा. साथ ही साथ उन व्यक्तियों पर भी कार्रवाई की जाएगी, जो शौचालय होने के बावजूद भी खुले में शौच के लिए जाते हैं.

भले ही सरकार के द्वारा स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की गई, लेकिन आज भी बहुत से ऐसे लोग हैं. जो खुले में शौच के लिए जाते हैं. वहीं अधिकारियों व ग्राम प्रधानों के द्वारा लोगों को जागरूक करने का काम किया जाता है. यदि कोई व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करते पकड़ा गया, तो उस पर प्रशासनिक कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है.

लखनऊ: साल 2014 में केंद्र सरकार के द्वारा स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की गई. इसके तहत गांव-गांव घर-घर सरकार की तरफ से लोगों को शौचालय दिए गए. शौचालय बनने के बाद भी गांव में क्या स्थिति है और स्वच्छता की सच्चाई क्या है. इसे जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम राजधानी लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्र निगोहा में पहुंची. देखिए रिपोर्ट...

विश्व शौचालय दिवस पर ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट.

शौचालय होने के बावजूद भी लोग बाहर जाते
शौचालय होने के बावजूद भी लोग घर में शौच के लिए न जाकर बाहर जाते हैं. ऐसे लोगों से जब बात की गई तो उनका कहना है कि हमारे घर में शौचालय बना हुआ है, लेकिन हमारी आदत है. बाहर शौच के लिए जाने की. जिसकी वजह से हम लोग बाहर जाते हैं. वहीं बहुत से ऐसे लोग भी हैं. जिनको शौचालय उपलब्ध नहीं हो पाया है और मजबूरन उन्हें शौच के लिए खेतों में व बाहर जाना पड़ता है.

पैसा नहीं आने की वजह अधूरा पड़ा काम
मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत आने वाले बघौना गांव के ग्राम प्रधान ने बताया कि सार्वजनिक शौचालय सरकार के द्वारा बनवाए जा रहे हैं, लेकिन शौचालय का पैसा सरकारी खाते में न आने की वजह से काम अधूरा पड़ा हुआ है.

खुले में शौच जाने पर होगी कार्रवाई
वहीं इस पूरे मुद्दे पर मोहनलालगंज के खंड विकास अधिकारी ने बताया कि लगातार शौचालय निर्माण का कार्य चल रहा है. वहीं जिन ग्राम प्रधानों को खाते में पैसा नहीं मिला है. उनका पैसा भी जल्द आ जाएगा. साथ ही साथ उन व्यक्तियों पर भी कार्रवाई की जाएगी, जो शौचालय होने के बावजूद भी खुले में शौच के लिए जाते हैं.

भले ही सरकार के द्वारा स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की गई, लेकिन आज भी बहुत से ऐसे लोग हैं. जो खुले में शौच के लिए जाते हैं. वहीं अधिकारियों व ग्राम प्रधानों के द्वारा लोगों को जागरूक करने का काम किया जाता है. यदि कोई व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करते पकड़ा गया, तो उस पर प्रशासनिक कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है.

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