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गौरैया को बचाने के लिए छत पर जरूर रखें पानी से भरे प्याले, लगातार कम हो रही इस पक्षी की संख्या - Hindi News

विश्व गौरैया दिवस को लेकर लखनऊ चिड़ियाघर में पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इसमें कई स्कूल के चौथी से कक्षा 12वीं तक के छात्रों ने हिस्सा लिया.

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Published : Mar 19, 2023, 6:05 PM IST

लखनऊ चिड़ियाघर में विश्व गौरैया दिवस को लेकर आयोजित कार्यक्रम की जानकारी देते एडीसीपी पश्चिम चिरंजीव नाथ सिन्हा

लखनऊ : वर्तमान में लगातार गौरैया की संख्या कम होती जा रही है. इन पक्षियों की कोई मांग नहीं होती है सिर्फ इन्हें दाना पानी चाहिए होता है. विश्व गौरैया दिवस के दिन लखनऊ चिड़ियाघर में पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई. इसमें स्कूलों के बच्चे ने प्रतिभाग लिया. इसका मुख्य उद्देश्य गौराया के महत्व के बारे में युवा पीढ़ी को समझाना रहा.

लखनऊ के चिड़ियाघर में एडीसीपी पश्चिम चिरंजीव नाथ सिन्हा और लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अमिता कनौजिया की ओर से गौरैया जागरूकता स्टॉल का आयोजन किया गया. नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान के मुख्य द्वार पर स्टॉल का उद्घाटन लखनऊ चिड़ियाघर के निदेशक विष्णुकांत मिश्रा ने किया. इसके संरक्षण के संबंध में जनता को जागरूक करने के लिए घोंसले, पानी और चारे के लिए मिट्टी के बर्तन, गौरैया आहार और ऐसे पौधों का वितरण किया गया, जिन पर गौरैया बैठना पसंद करती है जैसे शहतूत, बोगनवेलिया, बेल, आदि.

इस मौके पर एडीसीपी और उनके मित्र तनुश्री, ऋतुराज और राजेश चौरसिया, राम गोयल ने चिड़ियाघर में बच्चों के निशुल्क प्रवेश और भ्रमण के लिए 51000 रुपए प्रदान किए. एडीसीपी पश्चिम चिरंजीव नाथ सिन्हा ने कहा कि कोई भी समूह व स्कूल इस पैसे से फ्री टिकट लेकर बच्चों और विद्यार्थीगण को चिड़ियाघर की सैर करा सकते हैं. यह जानवरों और प्रकृति के लिए बच्चों में बंधन विकसित करने की एक पहल है.

इस दौरान लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रोफेसर अमिता कनौजिया ने कहा कि शहरवासियों को इस बात की ओर ध्यान देना चाहिए कि उनके घरों की छत पर कितनी गौरैया आती हैं. शहरवासियों को ही नहीं बल्कि यूपी के हर जिले के लोगों को इस बात की ओर ध्यान देना होगा और अगर उनके घरों पर गौरैया नहीं आ रही है तो वाकई में उनके लिए सोचने वाली बात है.

लखनऊ चिड़ियाघर में आयोजित पोस्टर/पेंटिंग प्रतियोगिता में चौथी कक्षा से 12वीं कक्षा तक के हजारों बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. प्रतियोगी बच्चों के लिए यूनिवर्सल बुक सेलर्स के मानव प्रकाश ने पेंटिंग मेटेरियल उपलब्ध कराया. प्रतियोगिता के विजेताओं को एडिशनल एसपी पुलिस भर्ती बोर्ड रश्मि श्रीवास्तव और चिड़ियाघर के निदेशक द्वारा सम्मानित किया गया. एडिशनल एसपी रश्मि ने बताया कि गौरैया समेत अन्य पक्षियों का आना खुशहाली व सौभाग्य की निशानी हैं. बच्चे इस दिशा में ब्रांड एंबेसडर की भूमिका निभा सकते हैं.

इस मौके पर एडीसीपी पश्चिम लखनऊ चिरंजीव नाथ सिन्हा, चिड़ियाघर निदेशक वीके मिश्रा, चिड़ियाघर शिक्षा अधिकारी नीना, लखनऊ चिड़ियाघर के डॉक्टर उत्कर्ष शुक्ला पशु चिकित्सक, चिड़ियाघर रेंजर राजेन्द कुमार नेगी और पीएचडी स्कॉलर लखनऊ विश्वविद्यालय की ज्योति, शिवांश, नरसिंह, सहयोगी अर्पित अग्रवाल और माज़ आरिफ मौजूद रहें.

ये भी पढ़ेंः मुख्तार अब्बास नकवी रामपुर में राहुल गांधी पर बरसे, कहा- कांग्रेस नेता पूरे देश से माफी मांगे

लखनऊ चिड़ियाघर में विश्व गौरैया दिवस को लेकर आयोजित कार्यक्रम की जानकारी देते एडीसीपी पश्चिम चिरंजीव नाथ सिन्हा

लखनऊ : वर्तमान में लगातार गौरैया की संख्या कम होती जा रही है. इन पक्षियों की कोई मांग नहीं होती है सिर्फ इन्हें दाना पानी चाहिए होता है. विश्व गौरैया दिवस के दिन लखनऊ चिड़ियाघर में पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई. इसमें स्कूलों के बच्चे ने प्रतिभाग लिया. इसका मुख्य उद्देश्य गौराया के महत्व के बारे में युवा पीढ़ी को समझाना रहा.

लखनऊ के चिड़ियाघर में एडीसीपी पश्चिम चिरंजीव नाथ सिन्हा और लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अमिता कनौजिया की ओर से गौरैया जागरूकता स्टॉल का आयोजन किया गया. नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान के मुख्य द्वार पर स्टॉल का उद्घाटन लखनऊ चिड़ियाघर के निदेशक विष्णुकांत मिश्रा ने किया. इसके संरक्षण के संबंध में जनता को जागरूक करने के लिए घोंसले, पानी और चारे के लिए मिट्टी के बर्तन, गौरैया आहार और ऐसे पौधों का वितरण किया गया, जिन पर गौरैया बैठना पसंद करती है जैसे शहतूत, बोगनवेलिया, बेल, आदि.

इस मौके पर एडीसीपी और उनके मित्र तनुश्री, ऋतुराज और राजेश चौरसिया, राम गोयल ने चिड़ियाघर में बच्चों के निशुल्क प्रवेश और भ्रमण के लिए 51000 रुपए प्रदान किए. एडीसीपी पश्चिम चिरंजीव नाथ सिन्हा ने कहा कि कोई भी समूह व स्कूल इस पैसे से फ्री टिकट लेकर बच्चों और विद्यार्थीगण को चिड़ियाघर की सैर करा सकते हैं. यह जानवरों और प्रकृति के लिए बच्चों में बंधन विकसित करने की एक पहल है.

इस दौरान लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रोफेसर अमिता कनौजिया ने कहा कि शहरवासियों को इस बात की ओर ध्यान देना चाहिए कि उनके घरों की छत पर कितनी गौरैया आती हैं. शहरवासियों को ही नहीं बल्कि यूपी के हर जिले के लोगों को इस बात की ओर ध्यान देना होगा और अगर उनके घरों पर गौरैया नहीं आ रही है तो वाकई में उनके लिए सोचने वाली बात है.

लखनऊ चिड़ियाघर में आयोजित पोस्टर/पेंटिंग प्रतियोगिता में चौथी कक्षा से 12वीं कक्षा तक के हजारों बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. प्रतियोगी बच्चों के लिए यूनिवर्सल बुक सेलर्स के मानव प्रकाश ने पेंटिंग मेटेरियल उपलब्ध कराया. प्रतियोगिता के विजेताओं को एडिशनल एसपी पुलिस भर्ती बोर्ड रश्मि श्रीवास्तव और चिड़ियाघर के निदेशक द्वारा सम्मानित किया गया. एडिशनल एसपी रश्मि ने बताया कि गौरैया समेत अन्य पक्षियों का आना खुशहाली व सौभाग्य की निशानी हैं. बच्चे इस दिशा में ब्रांड एंबेसडर की भूमिका निभा सकते हैं.

इस मौके पर एडीसीपी पश्चिम लखनऊ चिरंजीव नाथ सिन्हा, चिड़ियाघर निदेशक वीके मिश्रा, चिड़ियाघर शिक्षा अधिकारी नीना, लखनऊ चिड़ियाघर के डॉक्टर उत्कर्ष शुक्ला पशु चिकित्सक, चिड़ियाघर रेंजर राजेन्द कुमार नेगी और पीएचडी स्कॉलर लखनऊ विश्वविद्यालय की ज्योति, शिवांश, नरसिंह, सहयोगी अर्पित अग्रवाल और माज़ आरिफ मौजूद रहें.

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