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मलिहाबादी दशहरी आम पर "कैटर पिलर" का प्रकोप, बागवानों की उम्मीदों को चट कर रहा यह रोग - Mango production in Mahilabad

मलिहाबाद के तैयार दशहरी आम पर इन दिनों कैटर पिलर कीट ने हमला कर दिया है. इससे तैयार आम का रंग रूप के साथ उसका स्वाद भी बिगड़ रहा है. यह कीट आम की पत्तियों को चट कर रहा है. इससे आगामी फसल को भी नुकसान होगा.

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Published : Jun 8, 2023, 9:16 AM IST

Updated : Jun 8, 2023, 12:58 PM IST

मलिहाबादी दशहरी आम पर "कैटर पिलर" का प्रकोप, देखें खबर

लखनऊ : विश्व प्रसिद्ध मलिहाबादी दशहरी पर कैटर पिलर रोग ने हमला कर दिया है. फिलवक्त दशहरी पूरी तरह से तैयरा हो चुकी है. ऐसे में कैटर पिलर रोग ने बागवानों की चिंता बढ़ा दी है. लगभग 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैली आम फलपट्टी के बागवानों आम बदसूरती को लेकर परेशान हैं. वहीं जिन बागों में आम के फल नहीं हैं उन बागों में कीट आम की पत्तियों को चट कर रहा है. ऐसे में अगली फसल के चौपट होने की आशंका बढ़ गई है. फिलहाल बागवान कैटर पिलर से निजात पाने के लिए बागों में कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव शुरू कर रहे हैं.

रोग से नुकसान.
रोग से नुकसान.

रहीमाबाद के बागवान अशफाक हुसैन ने बताया कि दशहरी स्वच्छ, सुंदर, सुडौल और आकर्षण रंग के साथ ही स्वाद से भरपूर हो इसके लिए जल्द से जल्द सिंचाई के साथ ही कीटनाशक का छिड़काव कराना पड़ रहा है. इस कीट के प्रकोप पर तुरंत ध्यान नहीं दिया गया तो आम उत्पादन पूरी तरह चौपट हो सकता है. ऐसे में बागवानों को बहुत हानि उठानी पड़ेगी. मलिहाबाद निवासी बागवान पंकज गुप्ता ने बताया कि कैटर पिलर तैयार फसल को तबाह कर रहा है. पूरे बाग में यह रोग पनप रहा है. जिससे बचाव के उपाय किए जा रहे हैं.

कटर पिलर कीट से बचाव के कीटनाशक का छिड़काव करता बागवान.
कटर पिलर कीट से बचाव के कीटनाशक का छिड़काव करता बागवान.



राजकीय उद्यान प्रभारी डॉ. राजीव वर्मा ने बताया कि तैयार आम पर कीटनाशक दवाइयों का स्प्रे स्वास्थ की दृष्टि से ठीक नहीं होता है. ऐसे में कीट के प्रकोप से बचाव के लिए बागों में नमी बनाएं रखने के साथ ही नीम ऑयल से बागों में स्प्रे करवाकर इस रोग से आम का बचाव किया जा सकता है.


यह भी पढ़ें : ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए सरकार को करने होंगे और काम

मलिहाबादी दशहरी आम पर "कैटर पिलर" का प्रकोप, देखें खबर

लखनऊ : विश्व प्रसिद्ध मलिहाबादी दशहरी पर कैटर पिलर रोग ने हमला कर दिया है. फिलवक्त दशहरी पूरी तरह से तैयरा हो चुकी है. ऐसे में कैटर पिलर रोग ने बागवानों की चिंता बढ़ा दी है. लगभग 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैली आम फलपट्टी के बागवानों आम बदसूरती को लेकर परेशान हैं. वहीं जिन बागों में आम के फल नहीं हैं उन बागों में कीट आम की पत्तियों को चट कर रहा है. ऐसे में अगली फसल के चौपट होने की आशंका बढ़ गई है. फिलहाल बागवान कैटर पिलर से निजात पाने के लिए बागों में कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव शुरू कर रहे हैं.

रोग से नुकसान.
रोग से नुकसान.

रहीमाबाद के बागवान अशफाक हुसैन ने बताया कि दशहरी स्वच्छ, सुंदर, सुडौल और आकर्षण रंग के साथ ही स्वाद से भरपूर हो इसके लिए जल्द से जल्द सिंचाई के साथ ही कीटनाशक का छिड़काव कराना पड़ रहा है. इस कीट के प्रकोप पर तुरंत ध्यान नहीं दिया गया तो आम उत्पादन पूरी तरह चौपट हो सकता है. ऐसे में बागवानों को बहुत हानि उठानी पड़ेगी. मलिहाबाद निवासी बागवान पंकज गुप्ता ने बताया कि कैटर पिलर तैयार फसल को तबाह कर रहा है. पूरे बाग में यह रोग पनप रहा है. जिससे बचाव के उपाय किए जा रहे हैं.

कटर पिलर कीट से बचाव के कीटनाशक का छिड़काव करता बागवान.
कटर पिलर कीट से बचाव के कीटनाशक का छिड़काव करता बागवान.



राजकीय उद्यान प्रभारी डॉ. राजीव वर्मा ने बताया कि तैयार आम पर कीटनाशक दवाइयों का स्प्रे स्वास्थ की दृष्टि से ठीक नहीं होता है. ऐसे में कीट के प्रकोप से बचाव के लिए बागों में नमी बनाएं रखने के साथ ही नीम ऑयल से बागों में स्प्रे करवाकर इस रोग से आम का बचाव किया जा सकता है.


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Last Updated : Jun 8, 2023, 12:58 PM IST
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