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विश्व हाथी दिवस: जानिए हाथियों के बारे में कुछ रोचक तथ्य - हाथियों के बारे में

हर साल 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस(World Elephant Day) मनाया जाता है. हाथियों के संरक्षण और महत्व को समझाना ही इस दिवस का मुख्य उद्देश्य है. चलिए जानते हैं हाथियों के बारे में कुछ रोचक तथ्य...

विश्व हाथी दिवस
विश्व हाथी दिवस
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Published : Aug 12, 2021, 9:34 AM IST

लखनऊ: हर साल 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस(World Elephant Day) मनाया जाता है. यह दिवस लोगों को हाथियों के संरक्षण और सुरक्षा के महत्व को समझाने और सूचित करने के लिए मनाया जाता है. हाथी को बाघ के समान दर्जा प्राप्त है, और उसे 2010 में राष्ट्रीय धरोहर पशु घोषित किया गया था. हाथियों की दशा इन दिनों बेहद खराब है देश में कई ऐसी जगह है जहां हाथियों की संख्या लगातार कम हो रही है. ऐसे में बेहद जरूरी हो जाता है कि हम उनके बारे में जागरुकता फैलाएं और लोगों को उनके बचाव और संरक्षण को लेकर जागरुक करें.

इतिहास

विश्व हाथी दिवस 2011 में दो कनाडाई फिल्म निर्माता पेट्रीसिया सिम्स और थाईलैंड के एलिफेंट रेनिगोडेशन फाउंडेशन द्वारा शुरू किया गया था और पहली बार 12 अगस्त 2012 को मनाया गया. इस पहल को फिल्म स्टार और स्टार ट्रेक के दिग्गज विलियम शटनर ने अपना समर्थन दिया, शटनर ने जंगल में कैद एशियाई हाथियों के प्रजनन के बारे में 30 मिनट की एक आकर्षक फिल्म डॉक्यूमेंट्री 'रिटर्न टू द फॉरेस्ट' को फिल्माया था. पहले विश्व हाथी दिवस का उद्देश्य दुनिया भर में लोगों और संस्कृतियों का ध्यान जीवों की दुर्दशा की ओर आकर्षित करना था. लेकिन दुर्भाग्य से, इन प्राणियों को अपने अस्तित्व के लिए कई खतरों का सामना करना पड़ रहा है.

उत्तर प्रदेश में गजराज
उत्तर प्रदेश की बात करें तो वर्ष 2017 में प्रदेश के जंगलों में कुल 232 हाथी थे. तीन साल बाद वर्ष 2020 में 120 हाथियों की वृद्धि के साथ इनकी संख्या 552 जा पहुंची थी. दुधवा टाइगर रिजर्व में इस वक्त सबसे अधिक 150 से ऊपर हाथी मौजूद हैं.

रोचक तथ्य

  • हाथी का शरीर विशाल होता है, लेकिन वह बहुत संवेदनशील होता है और एक बुद्धिमान प्राणी भी है.
  • दो प्रकार के हाथी होते हैं, एक अफ्रीकी हाथी है और दूसरा एशियाई हाथी.
  • सफेद हाथी की सूंड काफी ताकतवर होती है जो 350 किलोग्राम तक वजन उठाने में सक्षम होती है.
  • क्या आप जानते हैं सफेद हाथी लगभग 5 किलोमीटर दूर से ही सूंघकर पता लगा सकता है कि जंगल में पानी कहां है और यह किस दिशा में मिलेगा.
  • हाथी दल की मुखिया वृद्ध मादा हाथी होती है.
  • अफ्रीकी हाथी का जीवन 60-70 वर्ष का होता है, जबकि एशियाई हाथी का जीवन 45-55 वर्ष का होता है. अफ्रीकी हाथियों का वजन 9 हजार किलो का होता है. वहीं एशियाई हाथियों का वजन 5500 किलोग्राम तक होता है.
  • बड़े कानों वाला हाथी अपने शरीर को गर्म रखता है.
  • हाथी 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने में सक्षम है.
  • एक हाथी दूसरे हाथी को लगभग 10 किमी दूर तक चिल्लाते हुए सुन सकता है.
  • हाथी की गर्भावस्था अवधि 20-24 महीने की होती है और वह दो साल तक अपने बच्चे को दूध पिलाती है.
  • हाथी दिन में केवल 3-4 घंटे सोते हैं, जबकि बाकी समय हाथी खाने की तलाश में समय बिताते हैं.
  • हाथी प्रतिदिन लगभग 270-300 किलोग्राम चारा खाते है और 75-150 लीटर पानी पीते हैं.
  • एक बच्चा हाथी दो साल की उम्र तक रोजाना 10-12 लीटर मां का दूध पीता हैं.
  • हाथी समूह में अगर एक हाथी की मृत्यु हो जाती है, तो बाकी हाथी उन्हें अपने सूंड़ से छुते हैं.
  • हाथी की जनगणना हर चार साल में की जाती है.
  • कर्नाटक में सबसे बड़ी हाथी की आबादी है.
  • हाथी भगवान गणेश को संदर्भित करता है, गणपति हिंदुओं द्वारा पूजे जाने वाले देवता हैं.
  • हाथियों का उपयोग युद्धों के लिए किया जाता था, लेकिन अभी भारी वस्तुओं, तीर्थों के परिवहन के लिए किया जाता है.

लखनऊ: हर साल 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस(World Elephant Day) मनाया जाता है. यह दिवस लोगों को हाथियों के संरक्षण और सुरक्षा के महत्व को समझाने और सूचित करने के लिए मनाया जाता है. हाथी को बाघ के समान दर्जा प्राप्त है, और उसे 2010 में राष्ट्रीय धरोहर पशु घोषित किया गया था. हाथियों की दशा इन दिनों बेहद खराब है देश में कई ऐसी जगह है जहां हाथियों की संख्या लगातार कम हो रही है. ऐसे में बेहद जरूरी हो जाता है कि हम उनके बारे में जागरुकता फैलाएं और लोगों को उनके बचाव और संरक्षण को लेकर जागरुक करें.

इतिहास

विश्व हाथी दिवस 2011 में दो कनाडाई फिल्म निर्माता पेट्रीसिया सिम्स और थाईलैंड के एलिफेंट रेनिगोडेशन फाउंडेशन द्वारा शुरू किया गया था और पहली बार 12 अगस्त 2012 को मनाया गया. इस पहल को फिल्म स्टार और स्टार ट्रेक के दिग्गज विलियम शटनर ने अपना समर्थन दिया, शटनर ने जंगल में कैद एशियाई हाथियों के प्रजनन के बारे में 30 मिनट की एक आकर्षक फिल्म डॉक्यूमेंट्री 'रिटर्न टू द फॉरेस्ट' को फिल्माया था. पहले विश्व हाथी दिवस का उद्देश्य दुनिया भर में लोगों और संस्कृतियों का ध्यान जीवों की दुर्दशा की ओर आकर्षित करना था. लेकिन दुर्भाग्य से, इन प्राणियों को अपने अस्तित्व के लिए कई खतरों का सामना करना पड़ रहा है.

उत्तर प्रदेश में गजराज
उत्तर प्रदेश की बात करें तो वर्ष 2017 में प्रदेश के जंगलों में कुल 232 हाथी थे. तीन साल बाद वर्ष 2020 में 120 हाथियों की वृद्धि के साथ इनकी संख्या 552 जा पहुंची थी. दुधवा टाइगर रिजर्व में इस वक्त सबसे अधिक 150 से ऊपर हाथी मौजूद हैं.

रोचक तथ्य

  • हाथी का शरीर विशाल होता है, लेकिन वह बहुत संवेदनशील होता है और एक बुद्धिमान प्राणी भी है.
  • दो प्रकार के हाथी होते हैं, एक अफ्रीकी हाथी है और दूसरा एशियाई हाथी.
  • सफेद हाथी की सूंड काफी ताकतवर होती है जो 350 किलोग्राम तक वजन उठाने में सक्षम होती है.
  • क्या आप जानते हैं सफेद हाथी लगभग 5 किलोमीटर दूर से ही सूंघकर पता लगा सकता है कि जंगल में पानी कहां है और यह किस दिशा में मिलेगा.
  • हाथी दल की मुखिया वृद्ध मादा हाथी होती है.
  • अफ्रीकी हाथी का जीवन 60-70 वर्ष का होता है, जबकि एशियाई हाथी का जीवन 45-55 वर्ष का होता है. अफ्रीकी हाथियों का वजन 9 हजार किलो का होता है. वहीं एशियाई हाथियों का वजन 5500 किलोग्राम तक होता है.
  • बड़े कानों वाला हाथी अपने शरीर को गर्म रखता है.
  • हाथी 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने में सक्षम है.
  • एक हाथी दूसरे हाथी को लगभग 10 किमी दूर तक चिल्लाते हुए सुन सकता है.
  • हाथी की गर्भावस्था अवधि 20-24 महीने की होती है और वह दो साल तक अपने बच्चे को दूध पिलाती है.
  • हाथी दिन में केवल 3-4 घंटे सोते हैं, जबकि बाकी समय हाथी खाने की तलाश में समय बिताते हैं.
  • हाथी प्रतिदिन लगभग 270-300 किलोग्राम चारा खाते है और 75-150 लीटर पानी पीते हैं.
  • एक बच्चा हाथी दो साल की उम्र तक रोजाना 10-12 लीटर मां का दूध पीता हैं.
  • हाथी समूह में अगर एक हाथी की मृत्यु हो जाती है, तो बाकी हाथी उन्हें अपने सूंड़ से छुते हैं.
  • हाथी की जनगणना हर चार साल में की जाती है.
  • कर्नाटक में सबसे बड़ी हाथी की आबादी है.
  • हाथी भगवान गणेश को संदर्भित करता है, गणपति हिंदुओं द्वारा पूजे जाने वाले देवता हैं.
  • हाथियों का उपयोग युद्धों के लिए किया जाता था, लेकिन अभी भारी वस्तुओं, तीर्थों के परिवहन के लिए किया जाता है.
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