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यूपी में नहीं शुरु हो सका ईको पर्यटन कॉरिडोर पर काम

उत्तर प्रदेश में ईको पर्यटन कॉरिडोर योजना पर अभी तक कार्य शुरू नहीं हो सका है. मुख्यमंत्री की वन डिस्ट्रिक वन डेस्टिनेशन योजना के तहत प्रदेश भर में आठ और कॉरिडोर विकसित किए जाने थे. निगम ने इसके लिए कार्य योजना तैयार की, लेकिन इससे धरातल पर नहीं उतारा जा सका.

ईको पर्यटन कॉरिडोर
ईको पर्यटन कॉरिडोर
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Published : Jul 1, 2021, 5:40 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में ईको कॉरिडोर योजना पर कार्य शुरू नहीं हो सका. मुख्यमंत्री की वन डिस्ट्रिक वन डेस्टिनेशन योजना वन निगम को इस पर कार्य करना था. योजना के तहत प्रदेश भर में आठ और कॉरिडोर विकसित किए जाने थे. निगम ने इसके लिए कार्य योजना तैयार की, लेकिन इससे धरातल पर नहीं उतारा जा सका. अब विभागीय अधिकारी कह रहे हैं कि कोरोना के चलते इसमें बाधा आई जल्द ही इस पर कार्य शुरू होगा.

जंगल सफारी
जंगल सफारी

अबतक प्रदेश में कुल 9 इको सर्किट हैं, जिनमें सिर्फ तराई सर्किट ही विकसित है. इनमें वेस्टर्न वाइल्ड लाइफ सर्किट में शिवालिक सहारनपुर आजमगढ़ बिजनौर हस्तिनापुर को शामिल किया गया है. लायन सफारी सर्किट में ब्लेजर बागरा लायन सफारी इटावा, ताज नेचर वॉक आगरा, नेशनल चंबल सेंचुरी को शामिल किया गया है. इसी तरह नेशनल चंबल सेंचुरी, वन लायन सफारी सर्किट, बुंदेलखंड एडवेंचर सर्किट, गंगेज बेसिन सर्किट, ईस्टर्न वाइल्डलाइफ सर्किट, तराई टाइगर सर्किट विकसित किए जाने हैं. यह सभी सर्किट प्रदेश के 37 जिलों में फैले हुए हैं.

एक सर्किट से सालाना पौने दो करोड़ की आय

प्रदेश में अभी तक सिर्फ तराई सर्किट ही विकसित है, जिनमें कतरनिया घाट वन्य जीव प्रभाग, दुधवा नेशनल पार्क, किशनपुर टाइगर रिजर्व और पीलीभीत टाइगर रिजर्व क्षेत्र शामिल है. इस सर्किट से पिछले वित्तीय वर्ष में निगम को पौने दो करोड़ की आय हुई थी. इस वर्ष यह यह आय 2 करोड़ से अधिक हो जाने की उम्मीद है.

ईको पर्यटन कॉरिडोर
ईको पर्यटन कॉरिडोर

इसे भी पढ़ें- ईको पर्यटन के 8 और सर्किट होंगे विकसित


नदी पहाड़ और झीलों के किनारे होंगे विकसित

वन निगम के अधिकारियों का कहना है कि ईको कारीडोर तराई की ही तर्ज पर अन्य नदियों, झीलों और पहाड़ों के किनारे विकसित किए जाने हैं. जहां गेस्ट हाउस, हट आदि बनाए जाएंगे. खास तौर पर उन जगहों पर जहां जंगल स्थित है और वन्यजीव भी प्रवास करते हैं. इसमें पक्षी विहार भी शामिल है.

विभाग के पास है पर्याप्त बजट

वन निगम मैं इको पर्यटन का कार्य देख रहे डिविजनल मैनेजर देवमणि मिश्रा ने बताया कि वन डिस्ट्रिक वन डेस्टिनेशन योजना के तहत उत्तर प्रदेश में आठ और ईको कारीडोर विकसित किया जाना है. इसके लिए वन निगम के पास पर्याप्त फंड है. निगम इन्हें अपने संसाधनों से ही विकसित करेगा, जिस पर कार्य प्रारंभ हो गया था, लेकिन कोरोना के चलते इसमें बाधा आई. वन मंत्री और सभी अधिकारी इसमें पर्याप्त रुचि ले रहे हैं. जल्द ही धरातल पर कार्य होता दिखेगा. उत्तर प्रदेश के 37 जिलों को इसका लाभ मिलेगा.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में ईको कॉरिडोर योजना पर कार्य शुरू नहीं हो सका. मुख्यमंत्री की वन डिस्ट्रिक वन डेस्टिनेशन योजना वन निगम को इस पर कार्य करना था. योजना के तहत प्रदेश भर में आठ और कॉरिडोर विकसित किए जाने थे. निगम ने इसके लिए कार्य योजना तैयार की, लेकिन इससे धरातल पर नहीं उतारा जा सका. अब विभागीय अधिकारी कह रहे हैं कि कोरोना के चलते इसमें बाधा आई जल्द ही इस पर कार्य शुरू होगा.

जंगल सफारी
जंगल सफारी

अबतक प्रदेश में कुल 9 इको सर्किट हैं, जिनमें सिर्फ तराई सर्किट ही विकसित है. इनमें वेस्टर्न वाइल्ड लाइफ सर्किट में शिवालिक सहारनपुर आजमगढ़ बिजनौर हस्तिनापुर को शामिल किया गया है. लायन सफारी सर्किट में ब्लेजर बागरा लायन सफारी इटावा, ताज नेचर वॉक आगरा, नेशनल चंबल सेंचुरी को शामिल किया गया है. इसी तरह नेशनल चंबल सेंचुरी, वन लायन सफारी सर्किट, बुंदेलखंड एडवेंचर सर्किट, गंगेज बेसिन सर्किट, ईस्टर्न वाइल्डलाइफ सर्किट, तराई टाइगर सर्किट विकसित किए जाने हैं. यह सभी सर्किट प्रदेश के 37 जिलों में फैले हुए हैं.

एक सर्किट से सालाना पौने दो करोड़ की आय

प्रदेश में अभी तक सिर्फ तराई सर्किट ही विकसित है, जिनमें कतरनिया घाट वन्य जीव प्रभाग, दुधवा नेशनल पार्क, किशनपुर टाइगर रिजर्व और पीलीभीत टाइगर रिजर्व क्षेत्र शामिल है. इस सर्किट से पिछले वित्तीय वर्ष में निगम को पौने दो करोड़ की आय हुई थी. इस वर्ष यह यह आय 2 करोड़ से अधिक हो जाने की उम्मीद है.

ईको पर्यटन कॉरिडोर
ईको पर्यटन कॉरिडोर

इसे भी पढ़ें- ईको पर्यटन के 8 और सर्किट होंगे विकसित


नदी पहाड़ और झीलों के किनारे होंगे विकसित

वन निगम के अधिकारियों का कहना है कि ईको कारीडोर तराई की ही तर्ज पर अन्य नदियों, झीलों और पहाड़ों के किनारे विकसित किए जाने हैं. जहां गेस्ट हाउस, हट आदि बनाए जाएंगे. खास तौर पर उन जगहों पर जहां जंगल स्थित है और वन्यजीव भी प्रवास करते हैं. इसमें पक्षी विहार भी शामिल है.

विभाग के पास है पर्याप्त बजट

वन निगम मैं इको पर्यटन का कार्य देख रहे डिविजनल मैनेजर देवमणि मिश्रा ने बताया कि वन डिस्ट्रिक वन डेस्टिनेशन योजना के तहत उत्तर प्रदेश में आठ और ईको कारीडोर विकसित किया जाना है. इसके लिए वन निगम के पास पर्याप्त फंड है. निगम इन्हें अपने संसाधनों से ही विकसित करेगा, जिस पर कार्य प्रारंभ हो गया था, लेकिन कोरोना के चलते इसमें बाधा आई. वन मंत्री और सभी अधिकारी इसमें पर्याप्त रुचि ले रहे हैं. जल्द ही धरातल पर कार्य होता दिखेगा. उत्तर प्रदेश के 37 जिलों को इसका लाभ मिलेगा.

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