लखनऊ : अयोध्या, काशी और मथुरा के बाद अब लखनऊ को मेट्रोपॉलिटन सिटी बनाने के साथ ही उसकी सांस्कृतिक और पौराणिक विरासत से भी नवाजा जाएगा. पौराणिक मान्यता है कि लखनऊ भगवान 'लक्ष्मण की नगरी' थी. इसी आधार पर अब लखनऊ विकास प्राधिकरण और नगर विकास विभाग व संबंधित विभाग लखनऊ की पौराणिक मान्यता को संवारने के लिए प्रयास कर रहे हैं. जी 20 समिट के माध्यम से इसकी शुरुआत होने जा रही है. इसमें एयरपोर्ट के बाहर भगवान लक्ष्मण की प्रतिमा लगा दी गई है. अब शहर में लक्ष्मण पार्क और संग्रहालय का काम भी होगा.
गौरतलब है कि भाजपा के नेताओं ने कई मौकों पर लखनऊ का नाम बदलकर भगवान लक्ष्मण करने की मांग की है, हालांकि उनकी मांग लखनऊ का नाम लक्ष्मणनगरी की जगह 'लक्ष्मणपुरी' करने की रही है. 2018 में भाजपा के वरिष्ठ नेता कलराज मिश्र, जो कि अभी राजस्थान के राज्यपाल हैं, ने मांग की थी कि लखनऊ का नाम बदलकर 'लक्ष्मणपुरी' किया जाए. उनकी यह टिप्पणी भाजपा नेता लालजी टंडन की किताब 'अनकहा लखनऊ' के बाद आई थी. भाजपा नेता लालजी टंडन ने इस किताब में भगवान लक्ष्मण और लखनऊ के बीच का पौराणिक कनेक्शन बताया था. कुछ समय पहले योगी आदित्यनाथ के एक ट्वीट ने लखनऊ के नाम बदलने की चर्चा को जोर दिया था. दरअसल, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लखनऊ आने पर ट्वीट किया था- "शेषावतार भगवान श्री लक्ष्मण जी की पावन नगरी लखनऊ में आपका हार्दिक स्वागत व अभिनंदन..." इस ट्वीट में उन्होंने पीएम मोदी के साथ अपनी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की एक फोटो भी पोस्ट की थी. योगी के इस ट्वीट के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया था कि सीएम ने लखनऊ को लक्ष्मणनगरी बुलाया है और इसलिए शहर का नाम कभी भी बदला जा सकता है. योगी के ट्वीट के बाद ट्विटर पर 'हैशटैग लक्ष्मणपुरी' जबरदस्त रूप से ट्रेंड भी हुआ था. ऐसे में लगभग सभी लोगों के मन में यही सवाल है कि आखिर वीरवर लक्ष्मण का लखनऊ से क्या कनेक्शन रहा है और इसका नाम बदलने के पीछे के तर्क क्या हैं?
उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री एके शर्मा इस विषय में बताते हैं कि 'निश्चित तौर पर वीरवर लक्ष्मण के नाम पर लखनऊ की पहचान होनी चाहिए. इसको लेकर लक्ष्मण जी की एक प्रतिमा लखनऊ एयरपोर्ट के बाहर लगाई जाएगी. एयरपोर्ट के बाहर लगाई जाने वाली प्रतिमा का निर्माण राजस्थान में किया जा रहा है. इसके अलावा बाहर से आने वाले पर्यटकों और विदेशी राजनयिकों को लखनऊ और लक्ष्मण नगरी की समानता के विषय में तमाम जानकारियां भी दी जाएंगी.'
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता और कभी 'अनकहा लखनऊ' लिखने वाले पूर्व राज्यपाल लालजी टंडन के सहयोगी रहे संजय चौधरी भी बताते हैं कि 'लक्ष्मण नगरी पंडित जी का एक सपना था. लखनऊ में 9 टीले हुआ करते थे. जिनमें से एक लक्ष्मण टीला हुआ करता था. भगवान राम अयोध्या में राज करते थे और लखनऊ की जिम्मेदारी लक्ष्मण पर थी. ऐसे में सरकार का यह प्रयास अद्भुत है. लखनऊ को लेकर इतिहासकार हलीम ने भी लक्ष्मण के संबंध पर विस्तृत बातें अपनी किताब में लिखी हैं.'