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उत्तर प्रदेश के विकास प्राधिकरणों में कार्यरत इंजीनियर्स की जवाबदेही होगी तय - इंदु शेखर सिंह

उत्तर प्रदेश शासन ने विकास प्राधिकरणों को जवाबदेह बनाने के लिए कवायद शुरू कर दी है. इसके चलते प्राधिकरण के अधिकारी और कर्मचारी से मानकों के तहत काम करवाने के लिए 'कार्य नियम पुस्तिका' को बनाया जाएगा, जिससे प्राधिकरणों की जिम्मेदारी तय हो सके.

Lucknow development authority
लखनऊ विकास प्राधिकरण.
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Published : Apr 5, 2021, 7:44 PM IST

लखनऊ: विकास प्राधिकरण में कई योजनाओं के लंबित होने और योजनाओं में बरती गई लापरवाही की जवाबदेही तय न होने की वजह से विभाग का नुकसान होता रहता है, लेकिन कार्रवाई नहीं हो पाती है. इसकी वजह है 'कार्य नियम पुस्तिका' का न होना. इसके मद्देनजर उत्तर प्रदेश शासन ने विकास प्राधिकरणों को जवाबदेह बनाने के लिए कवायद शुरू कर दी है. इसके चलते प्राधिकरण के अधिकारी और कर्मचारी से मानकों के तहत काम करवाने के लिए 'कार्य नियम पुस्तिका' को बनाया जाएगा, जिससे प्राधिकरणों की जिम्मेदारी तय हो सके.

सरकार की मंशा, योजनाओं का वक्त पर मिले लाभ

उत्तर प्रदेश सरकार की मंशा है कि जनता को समय पर योजनाओं के क्रियान्वयन का लाभ मिल सके. अगर कोई योजना में गड़बड़ी होती है, किसी तरह की लापरवाही सामने आती है तो उसका सबसे बड़ा खामियाजा जनता को ही भुगतना पड़ता है. वहीं, अधिकारी और कर्मचारी एक-दूसरे पर आरोप लगाते हुए अपनी जिम्मेदारियों से पीछा छुड़ा लेते हैं, जिससे जनता को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है.

प्रदेश में विकास प्राधिकरण में अभी निर्माण और विकास कार्यों के लिए 'कार्य नियम पुस्तिका' नहीं बनाई गई है. इसकी वजह से प्राधिकरण में कार्य करने वाले इंजीनियर्स की जिम्मेदारी और कर्तव्य निर्धारित नहीं हो पाते हैं. यही वजह है किसी भी कार्य में बरती गई लापरवाही के बावजूद उनकी जवाबदेही निर्धारित नहीं हो पाती है.

तीन सदस्यीय कमेटी को मिली जिम्मेदारी

उत्तर प्रदेश सरकार इंजीनियरों के कर्तव्य और दायित्व को निर्धारित कर उन्हें जवाबदेह बनाने की दिशा में काम कर रही है. इसी के साथ निर्माण और विकास के लिए भी वर्क मैन्युअल लागू किया जाएगा. इसके लिए कमेटी बनाई गई है. इसमें लखनऊ विकास प्राधिकरण के मुख्य अभियंता इंदु शेखर सिंह को अध्यक्ष, कानपुर विकास प्राधिकरण के मुख्य अभियंता चक्रेश जैन और लखनऊ विकास प्राधिकरण के वित्त नियंत्रक राजीव कुमार को सदस्य बनाया गया है.

कमेटी का स्वरूप

अध्यक्ष - इंदु शेखर सिंह ( मुख्य अभियंता, लखनऊ विकास प्राधिकरण )

सदस्य - चक्रेश जैन ( मुख्य अभियंता, कानपुर विकास प्राधिकरण )

सदस्य - राजीव कुमार (वित्त नियंत्रक, लखनऊ विकास प्राधिकरण)

शासन ने दिए निर्देश

उत्तर प्रदेश शासन के उप सचिव सिद्धसरण पांडे की तरफ से 24 मार्च को पत्र लिखकर शासन की और सरकार की मंशा से अवगत कराया गया था और जल्द से जल्द इस मामले पर रिपोर्ट तैयार करने के आदेश जारी किए गए थे. इससे पहले भी 2018 में कमेटी का गठन किया गया था, लेकिन अध्यक्ष और सदस्य के रिटायर होने पर काम रुक गया था. इसके बाद नए सिरे से काम करने की कवायद शुरू की गई है.

शासन स्तर पर स्पष्ट रूप से ये बताया गया है कि मुख्यमंत्री चाहते हैं कि जल्द से जल्द इस क्रम में रिपोर्ट तैयार की जाए. इसके तहत शासन ने पुरानी तैयार की गई ड्राफ्ट रिपोर्ट को भी भेजा है, जिससे कमेटी को मदद मिल सके और रिपोर्ट को जल्द से जल्द तैयार किया जा सके.

पढ़ें: अभेद्य किले जैसी हैं मुख्तार की बुलेटप्रूफ गाड़ियां, एसएलआर व एके-47 भी बेअसर

10 दिनों में तैयार हो जाएगी रिपोर्ट

कमेटी के अध्यक्ष इंदु शेखर सिंह ने बताया कि कमेटी इसे लेकर बेहद गंभीर है. यूपी के सभी प्राधिकरण के कामकाज के तरीकों में एकरूपता लाने के लिए यह बेहद जरूरी भी है. लखनऊ विकास प्राधिकरण अभी लोक निर्माण विभाग के वर्क मैन्युअल या फिर वीसी के निर्देशों पर कार्यरत रहता है, लेकिन प्राधिकरण का अपना कोई वर्क मैन्युअल नहीं है. इस वर्क मैन्युअल को यूपी के सभी प्रधिकरण में लागू किया जाएगा. उन्होंने बताया कि काफी कुछ तैयार हो चुका है. सिर्फ एक फाइनल बैठक करने के उपरांत शासन को रिपोर्ट सौंपी जानी है, जो बहुत जल्द कर लिया जाएगा.

लखनऊ: विकास प्राधिकरण में कई योजनाओं के लंबित होने और योजनाओं में बरती गई लापरवाही की जवाबदेही तय न होने की वजह से विभाग का नुकसान होता रहता है, लेकिन कार्रवाई नहीं हो पाती है. इसकी वजह है 'कार्य नियम पुस्तिका' का न होना. इसके मद्देनजर उत्तर प्रदेश शासन ने विकास प्राधिकरणों को जवाबदेह बनाने के लिए कवायद शुरू कर दी है. इसके चलते प्राधिकरण के अधिकारी और कर्मचारी से मानकों के तहत काम करवाने के लिए 'कार्य नियम पुस्तिका' को बनाया जाएगा, जिससे प्राधिकरणों की जिम्मेदारी तय हो सके.

सरकार की मंशा, योजनाओं का वक्त पर मिले लाभ

उत्तर प्रदेश सरकार की मंशा है कि जनता को समय पर योजनाओं के क्रियान्वयन का लाभ मिल सके. अगर कोई योजना में गड़बड़ी होती है, किसी तरह की लापरवाही सामने आती है तो उसका सबसे बड़ा खामियाजा जनता को ही भुगतना पड़ता है. वहीं, अधिकारी और कर्मचारी एक-दूसरे पर आरोप लगाते हुए अपनी जिम्मेदारियों से पीछा छुड़ा लेते हैं, जिससे जनता को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है.

प्रदेश में विकास प्राधिकरण में अभी निर्माण और विकास कार्यों के लिए 'कार्य नियम पुस्तिका' नहीं बनाई गई है. इसकी वजह से प्राधिकरण में कार्य करने वाले इंजीनियर्स की जिम्मेदारी और कर्तव्य निर्धारित नहीं हो पाते हैं. यही वजह है किसी भी कार्य में बरती गई लापरवाही के बावजूद उनकी जवाबदेही निर्धारित नहीं हो पाती है.

तीन सदस्यीय कमेटी को मिली जिम्मेदारी

उत्तर प्रदेश सरकार इंजीनियरों के कर्तव्य और दायित्व को निर्धारित कर उन्हें जवाबदेह बनाने की दिशा में काम कर रही है. इसी के साथ निर्माण और विकास के लिए भी वर्क मैन्युअल लागू किया जाएगा. इसके लिए कमेटी बनाई गई है. इसमें लखनऊ विकास प्राधिकरण के मुख्य अभियंता इंदु शेखर सिंह को अध्यक्ष, कानपुर विकास प्राधिकरण के मुख्य अभियंता चक्रेश जैन और लखनऊ विकास प्राधिकरण के वित्त नियंत्रक राजीव कुमार को सदस्य बनाया गया है.

कमेटी का स्वरूप

अध्यक्ष - इंदु शेखर सिंह ( मुख्य अभियंता, लखनऊ विकास प्राधिकरण )

सदस्य - चक्रेश जैन ( मुख्य अभियंता, कानपुर विकास प्राधिकरण )

सदस्य - राजीव कुमार (वित्त नियंत्रक, लखनऊ विकास प्राधिकरण)

शासन ने दिए निर्देश

उत्तर प्रदेश शासन के उप सचिव सिद्धसरण पांडे की तरफ से 24 मार्च को पत्र लिखकर शासन की और सरकार की मंशा से अवगत कराया गया था और जल्द से जल्द इस मामले पर रिपोर्ट तैयार करने के आदेश जारी किए गए थे. इससे पहले भी 2018 में कमेटी का गठन किया गया था, लेकिन अध्यक्ष और सदस्य के रिटायर होने पर काम रुक गया था. इसके बाद नए सिरे से काम करने की कवायद शुरू की गई है.

शासन स्तर पर स्पष्ट रूप से ये बताया गया है कि मुख्यमंत्री चाहते हैं कि जल्द से जल्द इस क्रम में रिपोर्ट तैयार की जाए. इसके तहत शासन ने पुरानी तैयार की गई ड्राफ्ट रिपोर्ट को भी भेजा है, जिससे कमेटी को मदद मिल सके और रिपोर्ट को जल्द से जल्द तैयार किया जा सके.

पढ़ें: अभेद्य किले जैसी हैं मुख्तार की बुलेटप्रूफ गाड़ियां, एसएलआर व एके-47 भी बेअसर

10 दिनों में तैयार हो जाएगी रिपोर्ट

कमेटी के अध्यक्ष इंदु शेखर सिंह ने बताया कि कमेटी इसे लेकर बेहद गंभीर है. यूपी के सभी प्राधिकरण के कामकाज के तरीकों में एकरूपता लाने के लिए यह बेहद जरूरी भी है. लखनऊ विकास प्राधिकरण अभी लोक निर्माण विभाग के वर्क मैन्युअल या फिर वीसी के निर्देशों पर कार्यरत रहता है, लेकिन प्राधिकरण का अपना कोई वर्क मैन्युअल नहीं है. इस वर्क मैन्युअल को यूपी के सभी प्रधिकरण में लागू किया जाएगा. उन्होंने बताया कि काफी कुछ तैयार हो चुका है. सिर्फ एक फाइनल बैठक करने के उपरांत शासन को रिपोर्ट सौंपी जानी है, जो बहुत जल्द कर लिया जाएगा.

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