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लखनऊ: आंखों में देश सेवा का सपना लिए जमकर दौड़ीं बेटियां - लखनऊ की ताजा खबर

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में महिला सेना पुलिस भर्ती को लेकर मध्य कमान के एएमसी सेंटर में दूरदराज क्षेत्रों से आई तमाम बेटियां पहुंचीं. दिल में देश सेवा का जज्बा लेकर जोश और उत्साह से लबरेज सैकड़ों बेटियों ने एक साथ दौड़ लगाई.

बेटियों ने सेना पुलिस बनने के लिए दिखाया दम.
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Published : Sep 13, 2019, 11:01 PM IST

लखनऊ: कोई किसान की बेटी है तो कोई जवान की. किसी का जुनून है आर्मी में जाना. तो किसी का माता-पिता की ख्वाहिशों को पूरा करना. अपनी इन्हीं उम्मीदों को लेकर पहली बार आर्मी में हो रही पुलिस भर्ती में महिला पुलिस बनने के लिए यूपी के दूरदराज क्षेत्रों से तमाम बेटियां सुबह से ही मध्य सेन्य कमान के मैदान पर पहुंचीं. दिल में देश सेवा का जज्बा लेकर जोश और उत्साह से लबरेज सैकड़ों बेटियों ने एक साथ दौड़ लगाई. रात में हुई बारिश से भले ही ट्रैक पर पानी भर गया हो लेकिन बेटियों की हिम्मत नहीं टूटी. उठी, गिरीं, चलीं और खूब दौड़ी और अपने लक्ष्य की तरफ दो कदम बढ़ गईं.

बेटियों ने सेना पुलिस बनने के लिए दिखाया दम.

8 मिनट तय करनी थी 1.6 किमी की दूरी
दौड़ में 1.6 किलोमीटर की दूरी 8 मिनट में तय करनी थी. इस दौरान कई बेटियां खूब दौड़ीं और अपना लक्ष्य प्राप्त किया. वहीं, कुछ जो दौड़ पूरी नहीं कर पाईं. वहीं, दौड़ क्वालीफाई करने के बाद लॉन्ग और हाई जंप लगाकर तमाम बेटियों ने पुलिस बनने की तरफ कदम बढ़ा दिए.

100 पदों के लिए आये ढाई लाख आवेदन
सेना में महिला पुलिस भर्ती के लिए इन दिनों मध्य कमान छावनी स्थित एएमसी सेंटर में भर्ती चल रही है. 100 पदों के लिए कुल ढाई लाख आवेदन आए थे. जिनमें 4458 अभ्यर्थी भर्ती की अहर्ता पूरी कर रहे थे. उन्हें भर्ती के लिए इनवाइट किया गया था. 12 सितंबर से 14 सितंबर तक 3 दिन यहां पर दौड़, कूद सम्पन्न होनी है. 15 सितम्बर से मेडिकल परीक्षण होने के बाद अक्टूबर माह में लिखित परीक्षा में सफल बेटियां महिला पुलिस के रूप में तैनात की जाएंगी. पहले दिन जहां गुरुवार को 595 बेटियों ने भर्ती प्रक्रिया में हिस्सा लिया, वहीं दूसरे दिन शुक्रवार को 450 बेटियां विभिन्न जनपदों से भर्ती में हिस्सा लेने पहुंचीं.

यह भी पढ़ें: मेरठ: केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर लेखा परीक्षा आयुक्त कार्यालय में CBI का छापा, अधीक्षक गिरफ्तार


बचपन से ही सपना रहा है कि में आर्मी में जाकर देश की सेवा करूं.
ज्योति

मेरे पापा खेती करते हैं उन्हें जॉब नहीं मिली मैंने ठान लिया था कि मुझे आर्मी में जॉब करनी है. आज मेरा सपना पूरा हो रहा है और पापा का भी,
हर्षा

मेरे पापा का सपना था कि मैं आर्मी में जाकर देश सेवा करूं इसलिए मैं यहां आई हूं. मैं कुश्ती करती हूं और नेशनल मेडल होल्डर भी हूं. आर्मी में अब मेरा सपना पूरा होगा.
कमला

लखनऊ: कोई किसान की बेटी है तो कोई जवान की. किसी का जुनून है आर्मी में जाना. तो किसी का माता-पिता की ख्वाहिशों को पूरा करना. अपनी इन्हीं उम्मीदों को लेकर पहली बार आर्मी में हो रही पुलिस भर्ती में महिला पुलिस बनने के लिए यूपी के दूरदराज क्षेत्रों से तमाम बेटियां सुबह से ही मध्य सेन्य कमान के मैदान पर पहुंचीं. दिल में देश सेवा का जज्बा लेकर जोश और उत्साह से लबरेज सैकड़ों बेटियों ने एक साथ दौड़ लगाई. रात में हुई बारिश से भले ही ट्रैक पर पानी भर गया हो लेकिन बेटियों की हिम्मत नहीं टूटी. उठी, गिरीं, चलीं और खूब दौड़ी और अपने लक्ष्य की तरफ दो कदम बढ़ गईं.

बेटियों ने सेना पुलिस बनने के लिए दिखाया दम.

8 मिनट तय करनी थी 1.6 किमी की दूरी
दौड़ में 1.6 किलोमीटर की दूरी 8 मिनट में तय करनी थी. इस दौरान कई बेटियां खूब दौड़ीं और अपना लक्ष्य प्राप्त किया. वहीं, कुछ जो दौड़ पूरी नहीं कर पाईं. वहीं, दौड़ क्वालीफाई करने के बाद लॉन्ग और हाई जंप लगाकर तमाम बेटियों ने पुलिस बनने की तरफ कदम बढ़ा दिए.

100 पदों के लिए आये ढाई लाख आवेदन
सेना में महिला पुलिस भर्ती के लिए इन दिनों मध्य कमान छावनी स्थित एएमसी सेंटर में भर्ती चल रही है. 100 पदों के लिए कुल ढाई लाख आवेदन आए थे. जिनमें 4458 अभ्यर्थी भर्ती की अहर्ता पूरी कर रहे थे. उन्हें भर्ती के लिए इनवाइट किया गया था. 12 सितंबर से 14 सितंबर तक 3 दिन यहां पर दौड़, कूद सम्पन्न होनी है. 15 सितम्बर से मेडिकल परीक्षण होने के बाद अक्टूबर माह में लिखित परीक्षा में सफल बेटियां महिला पुलिस के रूप में तैनात की जाएंगी. पहले दिन जहां गुरुवार को 595 बेटियों ने भर्ती प्रक्रिया में हिस्सा लिया, वहीं दूसरे दिन शुक्रवार को 450 बेटियां विभिन्न जनपदों से भर्ती में हिस्सा लेने पहुंचीं.

यह भी पढ़ें: मेरठ: केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर लेखा परीक्षा आयुक्त कार्यालय में CBI का छापा, अधीक्षक गिरफ्तार


बचपन से ही सपना रहा है कि में आर्मी में जाकर देश की सेवा करूं.
ज्योति

मेरे पापा खेती करते हैं उन्हें जॉब नहीं मिली मैंने ठान लिया था कि मुझे आर्मी में जॉब करनी है. आज मेरा सपना पूरा हो रहा है और पापा का भी,
हर्षा

मेरे पापा का सपना था कि मैं आर्मी में जाकर देश सेवा करूं इसलिए मैं यहां आई हूं. मैं कुश्ती करती हूं और नेशनल मेडल होल्डर भी हूं. आर्मी में अब मेरा सपना पूरा होगा.
कमला

Intro:सेना पुलिस भर्ती के लिए देश सेवा के जज़्बे के साथ बेटियों ने दिखाया दम

लखनऊ। कोई किसान की बेटी है तो कोई जवान की। किसी का जुनून है आर्मी में जाना तो किसी के माता-पिता की ख्वाहिश है कि बेटी करे तो बस देश सेवा। अपनी और अपने मां-बाप के ख्वाहिशों को पूरा करने के लिए पहली बार आर्मी में हो रही पुलिस भर्ती में महिला पुलिस बनने के लिए उत्तर प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों से तमाम बेटियां सुबह से ही मध्य कमान के मैदान पर पहुंच गईं। दिल में देश सेवा का जज्बा लेकर जोश और उत्साह से लबरेज मध्य कमान के एएमसी सेंटर में सैकड़ों बेटियां एक साथ जमकर दौड़ीं। रात में हुई बारिश से भले ही ट्रैक पर पानी भर गया हो लेकिन बेटियों की हिम्मत नहीं टूटी। सड़क पर 1.6 किलोमीटर के दौड़ 8 मिनट में पूरी करनी थीं। उठी, गिरीं, चलीं और खूब दौड़ी बेटियां और अपने लक्ष्य की तरफ दो कदम बढ़ा दिए। अब मेडिकल और फिर लिखित परीक्षा के बाद आर्मी में नए रंगरूट के तौर पर आने वाले दिनों में 100 बेटियां नजर आने वाली हैं।


Body:सेना में महिला पुलिस भर्ती के लिए इन दिनों मध्य कमान छावनी स्थित एएमसी सेंटर में भर्ती चल रही है। 100 पदों के लिए कुल ढाई लाख आवेदन आए थे। जिनमें 4458 अभ्यर्थी भर्ती की अहर्ता पूरी कर रहे थे। उन्हें भर्ती के लिए इनवाइट किया गया था। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों की बेटियां महिला पुलिस बनने के लिए मध्य कमान के एएमसी सेंटर पहुंचीं। 12 सितंबर से 14 सितंबर तक 3 दिन यहां पर दौड़, कूद सम्पन्न होने और 15 सितम्बर से मेडिकल परीक्षण होने के बाद अक्टूबर माह में लिखित परीक्षा में सफल बेटियां महिला पुलिस के रूप में तैनात की जाएंगी। पहले दिन जहां गुरुवार को 595 बेटियों ने भर्ती प्रक्रिया में हिस्सा लिया, वहीं दूसरे दिन शुक्रवार को 450 बेटियां विभिन्न जनपदों से भर्ती में हिस्सा लेने पहुंचीं। रात में बारिश हुई थी, लिहाजा ट्रैक पर पानी भर गया था तो सड़क पर ही 1.6 किलोमीटर की दूरी 8 मिनट में तय करनी थी। इस दौरान बेटियां खूब दौड़ीं और अपना लक्ष्य प्राप्त किया। कुछ जो दौड़ पूरी नहीं कर पाईं उनकी ख्वाहिश इस बारूप अधूरी रह गई। दौड़ क्वालीफाई करने के बाद लॉन्ग जंप और हाई जंप में भी लंबी और ऊंची छलांग लगाकर तमाम बेटियों ने पुलिस बनने की तरफ कदम बढ़ा दिए। 10 फीट की लंबी जंप और 3 फीट की ऊंची कूद बेटियों ने पलक झपकते ही लगा दी। लॉन्ग जंप में जो बेटियां फेल हो रही थीं उनके आंखों में निराशा साफ झलक रही थी, वहीं जो छलांग लगाकर आगे बढ़ रही थीं, उनके अंदर से जोशीले शब्द निकल रहे थे। निकलें भी भला क्यों नहीं, देश सेवा के जज़्बे का लक्ष्य जो पूरा हो रहा था।


Conclusion:मथुरा से महिला पुलिस भर्ती में शामिल होने आईं एनसीसी बी ग्रेड कैडेट ज्योति का बचपन से ही सपना रहा है कि वे आर्मी में जाकर देश सेवा करें। ज्योति बताती हैं कि उनके पापा की बचपन में ही डेथ हो गई थी और पापा के अलावा मेरी मां की भी यही ख्वाहिश थी कि मैं आर्मी में जाऊं और देश सेवा करूं। इसलिए उनकी ख्वाहिश पूरी कर रही हूं।

मैनपुरी से आई हर्षा का अपने पापा से वादा था कि मैं किसी भी कीमत पर आपको आर्मी में जॉब करके दिखाऊंगी। हर्षा का कहना है कि मेरे पापा खेती करते हैं उन्हें जॉब नहीं मिली मैंने ठान लिया था कि मुझे आर्मी में जॉब करनी है और आज मेरा सपना पूरा हो रहा है और पापा का भी।

मथुरा से आई कमला का कहना था कि मेरे पापा किसान हैं। मेरे पांच बहने हैं और दो भाई हैं। दो बहनों की शादी हो चुकी है और मेरे पापा का सपना था कि मैं आर्मी में जाकर देश सेवा करूं इसलिए मैं यहां आई हूं। मैं कुश्ती करती हूं और नेशनल मेडल होल्डर भी हूं। आर्मी में अब मेरा सपना पूरा होगा।

इटावा से आई अनुपमा का कहना है कि मेरे पापा B.Ed M.Ed होते हुए भी किसान हैं। मेरी एक मैम थी जो कहा करती थी कि आर्मी में जाओ इसलिए मैं आर्मी में भर्ती होने आई हूं। मैं कबड्डी खेलती हूं और नेशनल प्लेयर भी हूं। देश सेवा के लिए मैं यहां आई हूं।


आगरा से हेमलता बघेल महिला पुलिस में भर्ती होने आई। हेमलता का कहना है कि मेरे पापा की ख्वाहिश थी कि मैं कुछ करूं। मैं घर में सबसे बड़ी हूं। मेरे दो भाई मुझसे छोटे हैं इसलिए मैं इधर आई हूं। मैं आर्मी में भर्ती होकर देश सेवा करूंगी।

अखिल पांडेय, लखनऊ, 9336864096


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