लखनऊ : स्तन कैंसर महिलाओं में होने वाले कैंसरों में सबसे आम कैंसर है. इस समय महिलाएं जागरूक हो चुकी हैं. आज से कुछ साल पहले जब महिलाएं आती थीं तो वह बीमारी की आखिरी स्टेज पर इलाज के लिए आती थीं. मौजूदा समय में महिलाएं जागरूक हो चुकी हैं अगर उन्हें जरा सा भी स्तन में गांठ महसूस होती है तो वह अस्पताल आ जाती हैं. महिलाएं अब ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती स्टेज को पहचानने लगी हैं. जिसकी वजह से कह सकते हैं कि अब महिलाएं जागरूक हो चुकी हैं.
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यह बातें किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आनंद कुमार मिश्रा ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहीं. उन्होंने बताया कि ब्रेस्ट कैंसर का इलाज तीन तरह से संभव है. पहला ऑपरेशन के द्वारा दूसरा कीमोथेरेपी और तीसरा सिकाई के द्वारा होता है. आज से 10 साल पहले जब ब्रेस्ट कैंसर का नाम भी आता था. उस समय लोगों के जहां में यही बात आती थी कि ऑपरेशन के दौरान महिला का स्तन ऑपरेट कर हटा दिया जाएगा. अभी भी बहुत सारे लोगों को यही जानकारी है, लेकिन नई-नई विधाएं (तकनीक) आ रही हैं. अब विशेषज्ञ डॉक्टर भी नई तकनीक को बढ़ावा दे रहे हैं. मौजूदा समय में अंकोलॉजी विशेषज्ञ पूरी तरह से कोशिश करता है कि पीड़ित महिला को बेहतर से बेहतर इलाज मिले. मौजूदा समय में विशेषज्ञ कोशिश करता है कि स्तन कैंसर में से गांठ को अच्छी तरह से निकाल दिया जाए और अगर स्तन को बचाया जा सकता है तो स्तन को पूरी तरह से काटकर न हटाया जाएं.

ऑपरेशन के बाद देते हैं आकार व स्वरूप : डॉ. आनंद कुमार मिश्रा ने कहा कि पहले से ही पीड़ित महिला इस दर्द से गुजर रही होती है कि उसे स्तन कैंसर है. किसी तरह से उसका ऑपरेशन संभव हो पाता है और उसके बाद हमेशा एक स्तन होने के बाद उसे हमेशा मलाल रहता है कि उसका शरीर अधूरा है. अधूरे शरीर के बाद उसके आत्मविश्वास में भी कमी होती है. ऑपरेशन के बाद जब महिला स्वयं को देखती हैं तो वह कहीं न कहीं हमेशा उसे याद दिलाता है कि उसे ब्रेस्ट कैंसर हो चुका था और उसका ऑपरेशन करके ब्रेस्ट को हटा दिया गया है. इसलिए मौजूदा समय में स्तन कैंसर के ऑपरेशन को नई तकनीक के द्वारा ऑपरेट किया जा रहा है. जिसमें महिला का स्तन भी बच जाता है और स्तन में से गांठ को भी हटा दिया जाता है.
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डॉ. आनंद कुमार मिश्रा के अनुसार सबसे पहले हमारा यही उद्देश्य होता है कि स्तन से गांठ को अच्छी तरह से हटा दिया जाए ताकि कहीं भी छोटी सी भी गांठ छुटी न रह जाए. इसके बाद विशेषज्ञ डॉक्टर महिला के स्तन को पहले की तरह ही आकार व स्वरूप देते हैं ताकि वह महिला पूरी तरह से आत्मविश्वास से भरपूर रहे. कीमो के द्वारा भी ब्रेस्ट कैंसर का इलाज सफलतापूर्वक हो रहा है बस यह निर्भर करता है कि महिला को किस स्टेज का कैंसर है. यदि कोई महिला स्तन कैंसर के शुरुआती स्टेज में ही इलाज करने के लिए आती है तो उसका थेरेपी या कीमो के द्वारा इलाज हो जाता है. वहीं अगर कोई महिला आखिरी स्टेज पर आती है तो उसका ऑपरेशन किया जाता है. उसमें भी पूरी कोशिश की जाती है कि महिला के स्तन को बचाया जा सके.
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