लखनऊः मेट्रो सफर का सबसे भरोसेमंद साथी है, जिसने न सिर्फ ईमानदारी बल्कि मानवता की भी उत्कृष्ट मिसाल पेश की है. यह कहना है लखनऊ हाईकोर्ट की वकील अंजू अग्रवाल का. दरअसल लखनऊ मेट्रो के लॉस्ट एंड फाउंड विभाग ने बीते 29 सितंबर को अंजू अग्रवाल का हैंडबैग वापस किया था, जिसके बाद शुक्रवार को उन्होंने लखनऊ मेट्रो की ईमानादारी की तारीफ करते हुए प्रशंसा पत्र भेजकर थैंक्यू कहा.
वकील अंजू अग्रवाल ने प्रशंसा पत्र में कहा है कि संस्थाओं की छवि उसके कर्मचारियों की कर्तव्यनिष्ठा से बनती है, जिसकी उच्च मिसाल लखनऊ मेट्रो के लॉस्ट एंड फाउंड विभाग ने पेश की है. अंजू अग्रवाल 9 मार्च को मेट्रो में यात्रा के दौरान अपना हैंडबैग भूल गईं थीं. बैग में एक सोने की चूड़ी कुछ दस्तावेज और 16220 रुपये थे.
लखनऊ मेट्रो की टीम ने बैग को कब्जे में लेकर उसके अंदर मिले विजिटिंग कार्ड की मदद से अंजू अग्रवाल से मार्च में ही संपर्क किया था, लेकिन किसी कारण अंजू अग्रवाल मेट्रो स्टेशन आकर अपना बैग वापस न ले जा सकीं. अब छह महीने बाद अंजू अग्रवाल ने लखनऊ मेट्रो स्टेशन पर आकर अपना बैग वापस लिया. अपना बैग पाकर उन्होंने लखनऊ मेट्रो के कर्मचारियों को उनकी सेवा के प्रति ईमानदारी और समर्पण के लिए धन्यवाद दिया.
यात्रियों का छूटा सामान किया वापस
वहीं सात सिंतबर से मेट्रो के दोबारा पटरी पर दौड़ने के बाद यात्रियों के काफी छूटे हुए सामान को वापस किया गया है. इमसें साढ़े पांच लाख से ज्यादा के डिमांड ड्राफ्ट, साढ़े सात हजार रुपये, 10 मोबाइल और 16 से अधिक पर्स शामिल हैं. यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने कहा कि लखनऊ मेट्रो के संचालन की शुरुआत से ही यात्रियों के साथ उनके सामान की सुरक्षा हमेशा ही प्राथमिकता में रही है. हमारा लक्ष्य यात्रियों को सुरक्षित यात्रा के साथ चिंतामुक्त सफर मुहैया कराना है.