लखनऊ : उत्तर प्रदेश में तीन चरणों के चुनाव संपन्न हो चुके हैं. अभी तक करोड़पति उम्मीदवारों की बात की जाए तो काफी संख्या में ऐसे उम्मीदवार हैं, जिनकी कुल संपत्ति करोड़ों में है. एक समय ऐसा था जब नेताओं के पास बहुत ही कम संपत्ति रहती थी. अभी तक चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों में जिनमें सबसे अधिक संपत्ति की मालिकन मथुरा से भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार हेमा मालिनी हैं. हेमा मालिनी की कुल संपत्ति 250 करोड़ रुपए बताई गई है. इसके बाद बिजनौर से बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार मलूक नागर 249 करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिक हैं. वहीं एटा से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार देवेंद्र सिंह यादव के पास 204 करोड़ रुपए की संपत्ति है.
यह हैं आंकड़ें
वहीं दूसरी तरफ अगर बात सबसे कम पैसे वाले उम्मीदवारों की है तो आगरा से निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे अंबेडकर हनुराम है, जिन्होंने अपनी कुल संपत्ति अपने नामांकन पत्र में मात्र 12 सौ रुपए दिखाई है. इसके अलावा संभल से भारत प्रभात पार्टी के बैनर से चुनाव लड़ रहे रामचंद्र की कुल संपत्ति 25000 हजार है, जबकि सहारनपुर से आपकी अपनी पार्टी से चुनाव लड़ रहे पवन कुमार की कुल संपत्ति 53000 हजार दिखाई गई है.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के कोऑर्डिनेटर संतोष कुमार कहते हैं कि इस समय सभी दलों में करोड़पति उम्मीदवारों का बोलबाला है और यहीं उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. सबकी पसंद जिताऊ और करोड़पति उम्मीदवार रहते हैं. इसके बारे में जरूर चिंता करनी होगी कि इतने करोड़पति उम्मीदवार क्या काम करेंगे.
वरिष्ठ पत्रकार व राजनीतिक विश्लेषक पी एन दुबे दी कहते हैं कि पहले के राजनेताओं के अंदर सेवा भाव रहती था. वह सेवा भाव के उद्देश्य से राजनीति में आते थे, लेकिन अब लोग पैसा कमाने के लिए राजनीति में आते हैं और राजनीतिक दल भी करोड़पति उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारते हैं. यह लोकतंत्र के लिए ठीक बात नहीं है.