लखनऊ. विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद अब समाजवादी पार्टी भविष्य की रणनीति बनाने में जुट गई है. एक तरफ जहां संगठन को मजबूत करने को लेकर समीक्षा बैठकें शुरू हो रहीं हैं तो वहीं खुद अपने बूथ पर चुनाव हारने वाले नेताओं का भी कद कम करने की कवायद शुरू हो गई है.
सूत्रों की मानें तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर जल्द ही संगठन में फेरबदल और नेताओं को नई जिम्मेदारियां देते नजर आएंगे. बताया जाता है कि अखिलेश यादव ने चुनाव में हार की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
जहां से पार्टी चुनाव हारी है, वहां के नेताओं के भविष्य के बारे में भी जल्द फैसला किया जाएगा. साथ ही जहां पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन किया, वहां पार्टी में युवा चेहरों को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए उन्हें आगे बढ़ाने की कोशिश की जाएगी.
सूत्र बताते हैं कि समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल के भाग्य का फैसला भी हो सकता है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल अपना ही बूथ जिताने में असफल साबित हुए. इसके अलावा कई अन्य नेताओं के भाग्य का फैसला भी अखिलेश यादव करेंगे.
चर्चा है कि प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल की जगह कोई दूसरा नेता समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर बिठाया जा सकता है. वहीं, समाजवादी पार्टी अपने संगठन को और मजबूत करते हुए विधानसभा चुनाव 2022 में जो वोट प्रतिशत मिला है, उसे और बढ़ाने और उसे बरकरार रखने को लेकर कवायद भी करेगी.
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गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी को इस विधानसभा चुनाव में 21.82 फ़ीसदी से बढ़कर 32 फ़ीसदी तक वोट मिले हैं. विधायकों की संख्या 2017 के विधानसभा चुनाव की तुलना में 47 से बढ़कर 111 हो गई है. ऐसे में अब इस स्थिति को बरकरार रखते हुए और अधिक मेहनत करते हुए संगठन को मजबूत करने व आगामी चुनावों में पार्टी को नई सफलता दिलाने की तैयारी की जा रही है.
सपा के ये नेता हार गए अपना ही बूथ
समाजवादी पार्टी के जो नेता अपना ही बूथ हार गए, उनमें प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, समाजवादी महिला सभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष जूही सिंह, अखिलेश यादव के करीबी नेताओं में शामिल एमएलसी आनंद भदौरिया सुनील साजन, उदयवीर सिंह जैसे नेता भी शामिल है. समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अनुराग भदौरिया भी लखनऊ में अपना बूथ नहीं जीत पाए.
इसी तरह युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद गिरी, लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप तिवारी एमएलसी संजय लाठर जैसे नेता भी अपना-अपना बूथ नहीं जिता पाए हैं. इसे लेकर आने वाले दिनों में अखिलेश यादव कोई सख्त फैसला कर सकते हैं. वहीं जहां पार्टी की स्थिति बेहतर रही, उन जिलों के संगठन से जुड़े नेताओं को प्रमोट करके उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देने की बात भी जल्द ही सामने आने की बात कही जा रही है.