ETV Bharat / state

घर बैठे मोबाइल से इन मेडिकल कॉलेजों में पंजीकरण हो जाएगा, दवा समेत कई जानकारियां भी मिलेंगी

उत्तर प्रदेश के 22 और सरकारी मेडिकल कॉलेजों को ई-सुश्रुत हॉस्पिटल मैनेजमेंट इन्फॉरमेशन सिस्टम से जोड़ दिया गया है. इसके बाद अब इन मेडिकल कॉलेजों में मरीजों का पंजीकरण, डॉक्‍टर, दवाओं की उपलब्‍धता, विभिन्‍न शुल्‍कों का भुगतान जैसे कार्यों को ऑनलाइन करने की सुविधा मिलने लगेगी.

c
c
author img

By

Published : Dec 27, 2022, 7:09 AM IST

लखनऊ : प्रदेश के 22 और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में मरीजों का पंजीकरण, डॉक्‍टर, दवाओं की उपलब्‍धता, विभिन्‍न शुल्‍कों का भुगतान जैसे कार्यों को ऑनलाइन करने की सुविधा ई-सुश्रुत हॉस्पिटल मैनेजमेंट इन्फॉरमेशन सिस्टम (एचएमआईएस) सॉफ्टवेयर के माध्‍यम से शुरू करने के लिए उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक एवं चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री मंयकेश्वर शरण सिंह (Minister of State for Medical Education Manyakeshwar Sharan Singh) की उपस्थिति के बीच सोमवार को चिकित्‍सा शिक्षा विभाग और सीडैक के मध्य मेमोरेण्डम ऑफ एग्रीमेंट (memorandum of agreement) का हस्तानांतरण हुआ. वर्तमान में संजय गांधी पीजीआई, केजीएमयू, लोहिया आयुर्विज्ञान संस्‍थान सहित 12 मेडिकल कॉलेजों व संस्‍थानों में यह सुविधा है. इस प्रकार अब कुल 34 मेडिकल संस्‍थानों में यह सुविधा हो गई है.


इस मौके पर उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा (Deputy Chief Minister Brijesh Pathak said) कि प्रदेश के मुख्य प्रेरणास्रोत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शिता एवं सोच के दृष्टिगत चिकित्सा शिक्षा विभाग नित्य नये आयाम छू रहा है. प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में रोगियों एवं चिकित्सकों के कार्यों को सुदृढ़ एवं पारदर्शी करने के लिए ई-सुश्रुत एचएमआईएस प्रणाली (E Sushruta HMIS System) का शुभारम्भ किया गया है. ई-सुश्रुत एचएमआईएस सॉफ्टवेयर से रोगी पंजीकरण, भर्ती, डिस्चार्ज, एम्बुलेंस, खाना, दवाइयां, चिकित्सकों का विवरण एवं उपलब्धता इत्यादि को ऑनलाइन सम्पादित किये जा सकेंगे. जिससे रोगियों के उपचार सम्बन्धी सभी कार्य सुगमता एवं पारदर्शिता से सम्पादित किये जा सकेंगे.

उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि ई-सुश्रुत एचएमआईएस सॉफ्टवेयर (E Sushrut HMIS Software) को अपने फोन के प्लेस्टोर से डाउनलोड कर अपना पंजीकरण करके रोगी को काउंटर पर होने वाली असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा. इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से रोगियों को अस्पताल में किस दिन, कौन से डाक्टरों की उपलब्धता होगी, सारी जानकारी भी उपलब्ध होगी. रोगियों द्वारा विभिन्न प्रकार के शुल्क का भुगतान ऑनलाइन किसी भी माध्यम जैसे कि यूपीआई, नेट बैंकिंग से करके समय की बचत कर सकेगा. चिकित्सीय जांचें, दवाइयों के पर्चे खो जाने की स्थिति में रोगी उक्त सॉफ्टवेयर से अपना हेल्थ रिकॉर्ड स्वयं अपने मोबाइल से दोबारा प्राप्त कर सकेगा. अस्पताल में भर्ती रोगियों को उपलब्ध होने वाली सुविधाएं जैसे एम्बुलेंस, बेड एलॉटमेंट, लिनेन, भोजन आदि का रिकॉर्ड भी ई-सुश्रुत सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जाएगा.

ई-सुश्रुत एचएमआईएस सॉफ्टवेयर (E Sushrut HMIS Software) से होने वाली सुविधाओं के अन्तर्गत प्रत्येक रोगी का आधार लिंक, आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउण्ट (आभा)- यूनिक हेल्थ आईडी ई-सुश्रुत साफ्टवेयर से जोड़ा जायेगा जिसके माध्यम से रोगी प्रदेश में किसी भी चिकित्सालय में चिकित्सा संबधी सुविधाओं का लाभ ले सकता है. अस्पतालों में प्रयोग होने वाली औषधियों की मात्रा, उपलब्धता तथा एक्सपायरी डेट इत्यादि का विवरण भी इस ई-सुश्रुत एचएमआईएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से डिजिटिलाइज्ड फार्म में सदैव उपलब्ध रहेगा. जिससे चिकित्सक मरीजों को अस्पतालों में उपलब्ध दवाइयां आसानी से लिख पाएंगे साथ ही साथ एक्सपायरी दवाइयों की सूची भी आसानी से उपलब्ध होने से उनका निस्तारण समय पर किया जा सकेगा. वर्तमान में इस प्रकार की व्यवस्था प्रदेश में मात्र 12 राजकीय मेडिकल कॉलेजों/संस्थानों/विश्वविद्यालयों यथा गोरखपुर, झांसी, कानपुर, प्रयागराज, आगरा, मेरठ, केजीएमयू लखनऊ, यूपीयूएमएस सैफई, जिम्स ग्रेटर नोएडा, आरएमएल लखनऊ, एसजीपीजीआई लखनऊ, मिर्जापुर में हॉस्पिटल मैनेजमेंट इन्फॉरमेशन सिस्टम की व्यवस्था है.

लखनऊ : प्रदेश के 22 और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में मरीजों का पंजीकरण, डॉक्‍टर, दवाओं की उपलब्‍धता, विभिन्‍न शुल्‍कों का भुगतान जैसे कार्यों को ऑनलाइन करने की सुविधा ई-सुश्रुत हॉस्पिटल मैनेजमेंट इन्फॉरमेशन सिस्टम (एचएमआईएस) सॉफ्टवेयर के माध्‍यम से शुरू करने के लिए उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक एवं चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री मंयकेश्वर शरण सिंह (Minister of State for Medical Education Manyakeshwar Sharan Singh) की उपस्थिति के बीच सोमवार को चिकित्‍सा शिक्षा विभाग और सीडैक के मध्य मेमोरेण्डम ऑफ एग्रीमेंट (memorandum of agreement) का हस्तानांतरण हुआ. वर्तमान में संजय गांधी पीजीआई, केजीएमयू, लोहिया आयुर्विज्ञान संस्‍थान सहित 12 मेडिकल कॉलेजों व संस्‍थानों में यह सुविधा है. इस प्रकार अब कुल 34 मेडिकल संस्‍थानों में यह सुविधा हो गई है.


इस मौके पर उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा (Deputy Chief Minister Brijesh Pathak said) कि प्रदेश के मुख्य प्रेरणास्रोत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शिता एवं सोच के दृष्टिगत चिकित्सा शिक्षा विभाग नित्य नये आयाम छू रहा है. प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में रोगियों एवं चिकित्सकों के कार्यों को सुदृढ़ एवं पारदर्शी करने के लिए ई-सुश्रुत एचएमआईएस प्रणाली (E Sushruta HMIS System) का शुभारम्भ किया गया है. ई-सुश्रुत एचएमआईएस सॉफ्टवेयर से रोगी पंजीकरण, भर्ती, डिस्चार्ज, एम्बुलेंस, खाना, दवाइयां, चिकित्सकों का विवरण एवं उपलब्धता इत्यादि को ऑनलाइन सम्पादित किये जा सकेंगे. जिससे रोगियों के उपचार सम्बन्धी सभी कार्य सुगमता एवं पारदर्शिता से सम्पादित किये जा सकेंगे.

उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि ई-सुश्रुत एचएमआईएस सॉफ्टवेयर (E Sushrut HMIS Software) को अपने फोन के प्लेस्टोर से डाउनलोड कर अपना पंजीकरण करके रोगी को काउंटर पर होने वाली असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा. इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से रोगियों को अस्पताल में किस दिन, कौन से डाक्टरों की उपलब्धता होगी, सारी जानकारी भी उपलब्ध होगी. रोगियों द्वारा विभिन्न प्रकार के शुल्क का भुगतान ऑनलाइन किसी भी माध्यम जैसे कि यूपीआई, नेट बैंकिंग से करके समय की बचत कर सकेगा. चिकित्सीय जांचें, दवाइयों के पर्चे खो जाने की स्थिति में रोगी उक्त सॉफ्टवेयर से अपना हेल्थ रिकॉर्ड स्वयं अपने मोबाइल से दोबारा प्राप्त कर सकेगा. अस्पताल में भर्ती रोगियों को उपलब्ध होने वाली सुविधाएं जैसे एम्बुलेंस, बेड एलॉटमेंट, लिनेन, भोजन आदि का रिकॉर्ड भी ई-सुश्रुत सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जाएगा.

ई-सुश्रुत एचएमआईएस सॉफ्टवेयर (E Sushrut HMIS Software) से होने वाली सुविधाओं के अन्तर्गत प्रत्येक रोगी का आधार लिंक, आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउण्ट (आभा)- यूनिक हेल्थ आईडी ई-सुश्रुत साफ्टवेयर से जोड़ा जायेगा जिसके माध्यम से रोगी प्रदेश में किसी भी चिकित्सालय में चिकित्सा संबधी सुविधाओं का लाभ ले सकता है. अस्पतालों में प्रयोग होने वाली औषधियों की मात्रा, उपलब्धता तथा एक्सपायरी डेट इत्यादि का विवरण भी इस ई-सुश्रुत एचएमआईएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से डिजिटिलाइज्ड फार्म में सदैव उपलब्ध रहेगा. जिससे चिकित्सक मरीजों को अस्पतालों में उपलब्ध दवाइयां आसानी से लिख पाएंगे साथ ही साथ एक्सपायरी दवाइयों की सूची भी आसानी से उपलब्ध होने से उनका निस्तारण समय पर किया जा सकेगा. वर्तमान में इस प्रकार की व्यवस्था प्रदेश में मात्र 12 राजकीय मेडिकल कॉलेजों/संस्थानों/विश्वविद्यालयों यथा गोरखपुर, झांसी, कानपुर, प्रयागराज, आगरा, मेरठ, केजीएमयू लखनऊ, यूपीयूएमएस सैफई, जिम्स ग्रेटर नोएडा, आरएमएल लखनऊ, एसजीपीजीआई लखनऊ, मिर्जापुर में हॉस्पिटल मैनेजमेंट इन्फॉरमेशन सिस्टम की व्यवस्था है.

यह भी पढ़ें : महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि की हत्या की साजिश का आरोप, आरोपी गिरफ्तार

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.