लखनऊ. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राजधानी में अमौसी के निकट नादरगंज में शूटिंग रेंज की स्थापना करने के बावजूद उसे आज तक शुरू न करने पर राज्य सरकार और नगर निगम से जवाब तलब किया है। याची ने कहा कि बनारस और मेरठ में शूटिंग रेंज के लिए पैसे आवंटित किए गए हैं, लेकिन लखनऊ के लिए कोविड महामारी की बात कही जा रही है। मामले की सुनवाई के पश्चात न्यायालय ने सरकार और नगर निगम को जवाबी हलफनामा दायर कर एक महीने में अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है।
निगम अधिवक्ता ने ये दलील दी
यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने रचित टंडन की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर दिया है। याचिका में कहा गया है कि शूटिंग रेंज की स्थापना कर दी गई लेकिन उसे अब तक शुरू नहीं किया गया है। याचिका पर जवाब देते हुए नगर निगम के अधिवक्ता अमित कुमार द्विवेदी ने दलील दी कि निगम ने 37 एकड़ में बनी शूटिंग रेंज की सड़क, विद्युतीकरण और शूटिंग उपकरण के लिए राज्य सरकार से बजट जारी करने के लिए अनुरोध किया गया है।
राज्य सरकार के अधिवक्ता ने यह कहा
राज्य सरकार के अधिवक्ता का कहना कि कोविड-19 के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में फंड जारी नहीं हो पाया। इस पर याची की ओर से न्यायालय को बताया कि बनारस और मेरठ में भी शूटिंग रेंज बनाई गई थी. उसके लिए 15 करोड़ रुपये भी आंवटित किए जा चुके हैं। ऐसे में लखनऊ के लिए कोविड महामारी का बहाना गलत है। न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात सरकार और निगम को जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया। साथ ही स्पोटर्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया और यूपी स्टेट रायफल एसोसिएशन को भी नोटिस जारी किया है।