लखनऊ : एमपी में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा समेत गठबंधन ने भी ताल ठोंक दी है. इससे पहले ही सीट बंटवारे पर विवाद का जिन्न लोगों के सामने आ गया. खफा सपा मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav Ajay Rai) ने कांग्रेस नेताओं को चिरकुट तक कह डाला. उनके इस शब्द ने सियासी गलियारों में नई बहस छेड़ दी है. नतीजे भले ही किसी के पक्ष में आएं लेकिन चुनाव से पहले ही गठबंधन में दरार की तस्वीर लोगों के सामने आ चुकी है. शुक्रवार को इसी मामले में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने भी सपा मुखिया पर पलटवार किया. उन्होंने एमपी में सपा की हैसियत पर बड़े दावे भी किए.
सीट बंटवारे पर रार : दरअसल, मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटों के लिए 17 नवंबर को मतदान होना है. सीट बंटवारे को लेकर इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस और सपा में ठन चुकी है. गुरुवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मीडिया को बताया था कि सीट बंटवारे को लेकर कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के साथ पूरी रात बातचीत चली. एमपी में सपा ने किन सीटों से जीत हासिल की, इसके अलावा किन जगहों से सपा दूसरे स्थान पर रही. इन सभी बिंदुओं पर चर्चा की गई. छह सीट देने का भरोसा दिया गया, लेकिन इसके बावजूद एक भी सीट नहीं दी गई. इसके बाद सपा ने वहां अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी. वहीं शुक्रवार को शाहजहांपुर में भी सपा मुखिया ने कांग्रेस पर सवाल उठाए.
कांग्रेसियों को कहा चिरकुट : सीट बंटवारे का झगड़ा सामने आने का बाद सपा मुखिया ने कांग्रेस को नसीहत दे डाली कि वे अपने चिरकुट नेताओं से सपा पर बयानबाजी न करवाएं. यह भी दावा किया था कि कांग्रेस की दलील है कि विधानसभा स्तर पर गठबंधन हुआ ही नहीं था. वहीं सपा मुखिया के इस बयान पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने निशाना साधा. ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि अखिलेश ने अपने पिता का भी सम्मान नहीं किया था, तो वे हमारी क्या करेंगे. एमपी में सपा की हैसियत नहीं है. सपा को कांग्रेस के साथ मिलकर भाजपा को हराने का काम करना चाहिए.
गठबंधन की एकजुटता की खुल गई पोल : जुलाई में बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक हुई थी. विपक्षी गठबंधन की इस बैठक में 26 दल शामिल हुए थे. इस दौरान 'INDIA' गठबंधन की घोषणा की गई थी. इसमें 28 पार्टियां शामिल हैं. गठबंधन ने दावा किया था कि लोकसभा चुनाव में भाजपा के सफाए के लिए सभी दल एकजुट हुए हैं. वहीं भाजपा नेता शुरू से ही गठबंधन के पीएम चेहरे समेत कई अन्य मामलों को लेकर सवाल उठाते रहे हैं. गठबंधन ने हमेशा से ही सीट बंटवारे पर एकमत रहने की बात कही, लेकिन एमपी चुनाव से पहले सीट बंटवारे के विवाद ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. एमपी के साथ ही चार अन्य राज्यों में भी चुनाव होने हैं. एक राज्य में ही सीटों को लेकर सपा मुखिया का गठबंधन से भरोसा उठता नजर आ रहा है. ऐसे में सीट बंटवारे की यह लड़ाई अन्य राज्यों में होने वाले चुनाव में भी देखी जा सकती है.
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