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यूपी में कांग्रेस का अगला प्रदेश अध्यक्ष कौन? इन नेताओं के नाम पर चल रहा मंथन

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में करारी हार के बाद कांग्रेस प्रदेश अजय कुमार लल्लू ने इस्तीफा दे दिया था. ऐसे में अब यूपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के लिए मंथन शुरू हो गया है.

यूपी में कांग्रेस का अगला प्रदेश अध्यक्ष कौन
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Published : Apr 18, 2022, 4:48 PM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी इस समय पूरी तरह से थम गई है. प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू करीब एक महीने पहले इस्तीफा दे चुके हैं. अब, सबकी नजर अगले प्रदेश अध्यक्ष पर टिकी है. इस समय उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के सामने सिर्फ एक ही सवाल है, पार्टी का अगला प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा? कई नामों पर इसको लेकर चर्चाएं चल रही हैं. हालांकि, पार्टी के पदाधिकारियों की मानें तो इस महीने के अंत तक तस्वीर साफ हो सकती है.

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस को सिर्फ दो सीट ही मिली. वोट बैंक भी 2.33 प्रतिशत पर सिमट गया. वोट शेयर 3.91 प्रतिशत गिरा. लल्लू ने इसकी नैतिक जिम्मेदारी ली और प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. अब नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए फिलहाल कुछ नाम चर्चा में हैं. इनमें, कांग्रेस के दोनों विधायक आराधना मिश्रा मोना और वीरेन्द्र चौधरी के नामों को लेकर चर्चा चल रही है. इनके साथ ही पार्टी के कद्दावर नेता व राज्यसभा सांसद पीएल पुनिया और मोदी के वाराणासी में टक्कर देने वाले अजय राय भी शामिल हैं.
इसे भी पढ़ें-प्रदेश अध्यक्ष के लिए दलित चेहरे पर दांव लगा सकती है भाजपा, रेस में इन नेताओं के नाम

भंवर जितेन्द्र सिंह कर रहे हार की समीक्षा
सूत्रों की मानें तो पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेन्द्र सिंह को पार्टी आला कमान ने विधानसभा चुनाव के नतीजों की समीक्षा करने के लिए भेजा है. वह इस समय पार्टी के पदाधिकारियों से लेकर बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं तक से मिल रहे हैं. विधानसभा चुनाव में खराब नतीजों की समीधा के साथ ही वह सभी संभावनाओं पर भी मंथन कर रहे हैं.

प्रमोद तिवारी प्रबल दावेदार
विधानसभा चुनाव 2022 में चाहें जो भी तस्वीर रही हो, लेकिन कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव से वापसी की कोशिशों में जुटी है. ऐसे में पार्टी को एक जुझारू चेहरे की जरूरत है. ऐसे अध्यक्ष चाहिए जो न केवल चुनाव जिताने के लिए काम करे बल्कि, संगठन को जमीन पर और भी मजबूत करे. इस पद के लिए सबसे मजबूत प्रमोद तिवारी परिवार को माना जा रहा है. यह परिवार जमीन और पार्टी दोनों पर काफी मजबूत है.

इन नेताओं के नाम पर चर्चा
गौरतलब है कि वीरेन्द्र चौधरी फरेंदा सीट से विधायक हैं. वह चार बाह चुनाव हारे और पांचवीं बार करीब 1700 वोटों से इस सीट पर विजयी घोषित हुए हैं. वहीं, कांग्रेस पार्टी से राज्यसभा सदस्य पीएल पुनिया के नाम को लेकर भी काफी चर्चा है. पूर्व आईएएस का कद काफी ऊंचा है. इस बार उनके बेटे ने भी चुनाव लड़ा था लेकिन, हार गए. इसी तरह अजय राय पार्टी के कद्दावर नेताओं में से हैं. कभी भाजपा के साथ रहे अजय राय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक को चुनावी मैदान में चुनौती दे चुके हैं. 1996 में भाजपा के खेमे से कोलअसला (अब पिंडरा) सीट पर वामपंथ के गढ़ को ढहा दिया था. 2007 तक इस सीट से विधायक रहे. लोकसभा का टिकट न मिलने पर भाजपा छोड़ी.

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लखनऊः उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी इस समय पूरी तरह से थम गई है. प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू करीब एक महीने पहले इस्तीफा दे चुके हैं. अब, सबकी नजर अगले प्रदेश अध्यक्ष पर टिकी है. इस समय उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के सामने सिर्फ एक ही सवाल है, पार्टी का अगला प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा? कई नामों पर इसको लेकर चर्चाएं चल रही हैं. हालांकि, पार्टी के पदाधिकारियों की मानें तो इस महीने के अंत तक तस्वीर साफ हो सकती है.

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस को सिर्फ दो सीट ही मिली. वोट बैंक भी 2.33 प्रतिशत पर सिमट गया. वोट शेयर 3.91 प्रतिशत गिरा. लल्लू ने इसकी नैतिक जिम्मेदारी ली और प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. अब नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए फिलहाल कुछ नाम चर्चा में हैं. इनमें, कांग्रेस के दोनों विधायक आराधना मिश्रा मोना और वीरेन्द्र चौधरी के नामों को लेकर चर्चा चल रही है. इनके साथ ही पार्टी के कद्दावर नेता व राज्यसभा सांसद पीएल पुनिया और मोदी के वाराणासी में टक्कर देने वाले अजय राय भी शामिल हैं.
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भंवर जितेन्द्र सिंह कर रहे हार की समीक्षा
सूत्रों की मानें तो पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेन्द्र सिंह को पार्टी आला कमान ने विधानसभा चुनाव के नतीजों की समीक्षा करने के लिए भेजा है. वह इस समय पार्टी के पदाधिकारियों से लेकर बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं तक से मिल रहे हैं. विधानसभा चुनाव में खराब नतीजों की समीधा के साथ ही वह सभी संभावनाओं पर भी मंथन कर रहे हैं.

प्रमोद तिवारी प्रबल दावेदार
विधानसभा चुनाव 2022 में चाहें जो भी तस्वीर रही हो, लेकिन कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव से वापसी की कोशिशों में जुटी है. ऐसे में पार्टी को एक जुझारू चेहरे की जरूरत है. ऐसे अध्यक्ष चाहिए जो न केवल चुनाव जिताने के लिए काम करे बल्कि, संगठन को जमीन पर और भी मजबूत करे. इस पद के लिए सबसे मजबूत प्रमोद तिवारी परिवार को माना जा रहा है. यह परिवार जमीन और पार्टी दोनों पर काफी मजबूत है.

इन नेताओं के नाम पर चर्चा
गौरतलब है कि वीरेन्द्र चौधरी फरेंदा सीट से विधायक हैं. वह चार बाह चुनाव हारे और पांचवीं बार करीब 1700 वोटों से इस सीट पर विजयी घोषित हुए हैं. वहीं, कांग्रेस पार्टी से राज्यसभा सदस्य पीएल पुनिया के नाम को लेकर भी काफी चर्चा है. पूर्व आईएएस का कद काफी ऊंचा है. इस बार उनके बेटे ने भी चुनाव लड़ा था लेकिन, हार गए. इसी तरह अजय राय पार्टी के कद्दावर नेताओं में से हैं. कभी भाजपा के साथ रहे अजय राय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक को चुनावी मैदान में चुनौती दे चुके हैं. 1996 में भाजपा के खेमे से कोलअसला (अब पिंडरा) सीट पर वामपंथ के गढ़ को ढहा दिया था. 2007 तक इस सीट से विधायक रहे. लोकसभा का टिकट न मिलने पर भाजपा छोड़ी.

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