लखनऊ: उत्तर प्रदेश में गुरुवार से 6 हजार क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. मुख्यमंत्री की सख्त हिदायत है कि इस दौरान किसानों को किसी भी प्रकार से समस्या नहीं होनी चाहिए. क्रय केंद्रों पर सारी व्यवस्था होनी चाहिए साथ ही कोरोना प्रोटोकॉल का भी पालन इन केंद्रों पर करने के लिए कहा गया है. 1 मार्च से किसानों ने इसके लिए पंजीकरण किया था. 1 अप्रैल से 15 जून तक सुबह 9 से शाम 6 बजे तक गेहूं की खरीद की जाएगी.
इन एजेंसियों से होगी खरीद केंद्र
खाद्य आयुक्त मनीष चौहान ने बताया कि इस वर्ष गेहूं के लिए 1975 रुपये समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है. गेहूं की बिक्री के लिए किसानों को खाद्य और रसद विभाग की वेबसाइट पर पंजीकरण कराना था. इस वर्ष खाद्य विभाग और अन्य कई एजेंसियों को मिलाकर कुल 6000 क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं. इसमें खाद्य विभाग की विपणन शाखा के 1100, उत्तर प्रदेश के राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के 300, उत्तर प्रदेश राज्य खाद्य आवश्यक वस्तु निगम (एसएफसी) के 200, उत्तर प्रदेश सहकारी संघ (पीसीएफ) के 3500, उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव यूनियन (यूपीपीसीयू) के 500 और उत्तर प्रदेश उपभोक्ता सहकारी संघ यूपीएसएस के 250 एवं भारतीय खाद्य निगम के 150 क्रय केंद्र स्थापित किए जाने हैं. इन केंद्रों पर खरीद शुरू कर दी गयी है. जैसे-जैसे फसल की कटान होती जाएगी केंद्रों पर आवक भी बढ़ेगी.
100 कुन्तल से ज्यादा होने पर सत्यापन
क्रय केंद्रों की रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर के माध्यम से जियो टैगिंग की जा रही है. इसके माध्यम से किसानों को क्रय केंद्रों की लोकेशन और पते की जानकारी प्राप्त करने में सुविधा होगी. 100 कुन्तल से अधिक गेहूं होने पर उपजिलाधिकारी द्वारा सत्यापन किया जाएगा. सत्यापन के बाद ही गेहूं खरीदा जाएगा.