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यूपी में दूसरे चरण की आठ सीटों पर क्या बीजेपी पिछला परिणाम दोहरा पाएगी

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में पश्चिम उत्तर प्रदेश की 8 लोकसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव में बीजेपी की कठिन परीक्षा होने वाली है. इन सीटों पर मथुरा से बीजेपी की प्रत्याशी ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी, फतेहपुर सीकरी से कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर तो जाटलैंड के सबसे बड़े सियासी परिवार से चौधरी अजित सिंह और युवराज जयंत चौधरी की साख दांव पर लगी है.

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Published : Mar 29, 2019, 3:55 AM IST

क्या बीजेपी पिछला परिणाम दोहरा पाएगी

लखनऊ: लोकसभाचुनाव केदूसरे चरण में पश्चिम उत्तर प्रदेश की 8 लोकसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव में बीजेपी की कठिन परीक्षा होने वाली है, पिछले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने सभी आठ सीटों पर जीत दर्ज की थी. उस समय बीजेपी विपक्ष में थी. सत्तापक्ष पर हमला की रणनीति उसे जनता के करीब ले गयी.लेकिन इस बार माहौल कुछ और है. दूसरे चरण में मथुरा से बीजेपी की प्रत्याशी ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी, फतेहपुर सीकरी से कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर तो जाटलैंड के सबसे बड़े सियासी परिवार सेचौधरी अजित सिंह और युवराज जयंत चौधरी की साख दांव पर लगी है.

वहीं दूसरे चरण के चुनाव वाला क्षेत्र रोजगार और कृषि पर मिश्रित रूप से आधारित है. इस चुनाव अलीगढ़ का ताला उद्योग, पर्यटन और जूता उद्योग चुनावी मुद्दा बनेगा. तो गन्ना किसानों का गन्ना मूल्य भुगतान भी बड़ा मुद्दा रहेगा. कानून व्यवस्था से लेकर धर्मिक स्वतंत्रता का मुद्दा चुनावी सभाओं में खूब उठने वाला है.

उद्योग और कृषि से जुड़े मुद्दों के अलावा ध्रुवीकरण कराने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी. राजनीतिक दलों की मंशा साफ दिख रही है. विपक्ष अगर सत्ता पक्ष पर सांप्रदायिकता का आरोप लगाकर हमला कर रहा है, तो सत्ताधारी दल भाजपा विपक्ष पर यह आरोप लगा रही है कि उनके राज में कांवरिया पूरी स्वतंत्रता के साथ यात्रा तक नहीं निकाल पा रहे थे. उन्हें उल्लास के साथ अपने पर्व त्यौहार मनाने की स्वतंत्रता तक नहीं थी. मथुरा की होली हो या अयोध्या की दिवाली सब इन चुनावों में देखने को मिलेगा.

क्या बीजेपी इन आठ सीटों पर पिछला परिणाम दोहरा पाएगी.

वहीं कांग्रेसप्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने पिछले चुनाव में ढेर सारे वादे किए थे. जनता उनके जुमलों में फंस गई थी. जनता को लगा था कि अगर बीजेपी की सत्ता में आती है तो वह देश का विकास करेगी. देश को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बीजेपी की सारी घोषणाएं जुमला बनकर रह गई.


वहीं बीजेपीप्रदेश प्रवक्ता डॉ मनोज मिश्र का कहना है कि इन सभी आठ सीटों पर बीजेपी जीतेगी उसके पीछे कारण है हम पांच साल पहले सत्ता में आए थे. सत्ता में रहने के बावजूद हमारा संगठन जनता के साथ जुड़ा रहा उनकी समस्याओं को अपनी समस्या बनाकर सरकार तक पहुंचाता रहे. दूसरी तरफ सरकार की तरफ से तमाम कल्याणकारी योजनाएं चलाई गई और जनता को लाभ पहुंचाया गया. केंद्र की मोदी सरकार ने उज्ज्वला योजना दी. उसमें जाति धर्म और मजहब नहीं देखा गया. हमनें प्रधानमंत्री आवास दिये. स्वच्छता अभियान के तहत गरीबों को शौचालय दिया.


वहीं वरिष्ठ पत्रकार अशोक राजपूत का कहना है कि पहली की तरह बीजेपी इस बार भी चुनाव पर शत प्रतिशत जीत दर्ज करेगी यह संभव नहीं है. पहले की तरह 2014 और 2019 में काफी अंतर है. लेकिन हां पश्चिम उत्तर प्रदेश में धार्मिक मुद्दे थे. कुछ परेशानियां थी. लेकिन आश्चर्य कि बात है कि यह पांच साल के लिए चुनाव हो रहा है लेकिन विकास के मुद्दे गायब दिख रहे हैं. जातीय आधार पर तो तमाम सारी चीजें चल रही है. एक सप्ताह में ही वोटिंग होने वाला है. राजनीतिक दलों ने अपने घोषणा पत्र अभी तक नहीं जारी किए हैं. इससे भी राजनीतिक दलों की विकास के प्रति सजगता दिखती है. आखिर वे जनता के बीच किस एजेंडे को लेकर जाएंगे.

लखनऊ: लोकसभाचुनाव केदूसरे चरण में पश्चिम उत्तर प्रदेश की 8 लोकसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव में बीजेपी की कठिन परीक्षा होने वाली है, पिछले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने सभी आठ सीटों पर जीत दर्ज की थी. उस समय बीजेपी विपक्ष में थी. सत्तापक्ष पर हमला की रणनीति उसे जनता के करीब ले गयी.लेकिन इस बार माहौल कुछ और है. दूसरे चरण में मथुरा से बीजेपी की प्रत्याशी ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी, फतेहपुर सीकरी से कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर तो जाटलैंड के सबसे बड़े सियासी परिवार सेचौधरी अजित सिंह और युवराज जयंत चौधरी की साख दांव पर लगी है.

वहीं दूसरे चरण के चुनाव वाला क्षेत्र रोजगार और कृषि पर मिश्रित रूप से आधारित है. इस चुनाव अलीगढ़ का ताला उद्योग, पर्यटन और जूता उद्योग चुनावी मुद्दा बनेगा. तो गन्ना किसानों का गन्ना मूल्य भुगतान भी बड़ा मुद्दा रहेगा. कानून व्यवस्था से लेकर धर्मिक स्वतंत्रता का मुद्दा चुनावी सभाओं में खूब उठने वाला है.

उद्योग और कृषि से जुड़े मुद्दों के अलावा ध्रुवीकरण कराने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी. राजनीतिक दलों की मंशा साफ दिख रही है. विपक्ष अगर सत्ता पक्ष पर सांप्रदायिकता का आरोप लगाकर हमला कर रहा है, तो सत्ताधारी दल भाजपा विपक्ष पर यह आरोप लगा रही है कि उनके राज में कांवरिया पूरी स्वतंत्रता के साथ यात्रा तक नहीं निकाल पा रहे थे. उन्हें उल्लास के साथ अपने पर्व त्यौहार मनाने की स्वतंत्रता तक नहीं थी. मथुरा की होली हो या अयोध्या की दिवाली सब इन चुनावों में देखने को मिलेगा.

क्या बीजेपी इन आठ सीटों पर पिछला परिणाम दोहरा पाएगी.

वहीं कांग्रेसप्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने पिछले चुनाव में ढेर सारे वादे किए थे. जनता उनके जुमलों में फंस गई थी. जनता को लगा था कि अगर बीजेपी की सत्ता में आती है तो वह देश का विकास करेगी. देश को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बीजेपी की सारी घोषणाएं जुमला बनकर रह गई.


वहीं बीजेपीप्रदेश प्रवक्ता डॉ मनोज मिश्र का कहना है कि इन सभी आठ सीटों पर बीजेपी जीतेगी उसके पीछे कारण है हम पांच साल पहले सत्ता में आए थे. सत्ता में रहने के बावजूद हमारा संगठन जनता के साथ जुड़ा रहा उनकी समस्याओं को अपनी समस्या बनाकर सरकार तक पहुंचाता रहे. दूसरी तरफ सरकार की तरफ से तमाम कल्याणकारी योजनाएं चलाई गई और जनता को लाभ पहुंचाया गया. केंद्र की मोदी सरकार ने उज्ज्वला योजना दी. उसमें जाति धर्म और मजहब नहीं देखा गया. हमनें प्रधानमंत्री आवास दिये. स्वच्छता अभियान के तहत गरीबों को शौचालय दिया.


वहीं वरिष्ठ पत्रकार अशोक राजपूत का कहना है कि पहली की तरह बीजेपी इस बार भी चुनाव पर शत प्रतिशत जीत दर्ज करेगी यह संभव नहीं है. पहले की तरह 2014 और 2019 में काफी अंतर है. लेकिन हां पश्चिम उत्तर प्रदेश में धार्मिक मुद्दे थे. कुछ परेशानियां थी. लेकिन आश्चर्य कि बात है कि यह पांच साल के लिए चुनाव हो रहा है लेकिन विकास के मुद्दे गायब दिख रहे हैं. जातीय आधार पर तो तमाम सारी चीजें चल रही है. एक सप्ताह में ही वोटिंग होने वाला है. राजनीतिक दलों ने अपने घोषणा पत्र अभी तक नहीं जारी किए हैं. इससे भी राजनीतिक दलों की विकास के प्रति सजगता दिखती है. आखिर वे जनता के बीच किस एजेंडे को लेकर जाएंगे.

यूपी में दूसरे चरण की आठ सीटों पर क्या बीजेपी पिछला परिणाम दोहरा पाएगी

लखनऊ। दूसरे चरण में पश्चिम उत्तर प्रदेश की 8 लोकसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव में बीजेपी की कठिन परीक्षा होने वाली है। पिछले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने सभी आठ सीटों पर जीत दर्ज की थी। उस वक्त बीजेपी विपक्ष में थी। सत्तापक्ष पर हमला की रणनीति उसे जनता के करीब ले गयी। 2014 के लोकसभा चुनाव नतीजे भाजपा के पक्ष में गए। द्वितीय चरण में मथुरा से बीजेपी की प्रत्याशी ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी, फतेहपुर सीकरी से कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर तो जाटलैंड के सबसे बड़े सियासी परिवार से के चौधरी अजित सिंह और युवराज जयंत चौधरी की साख दांव पर लगी है।

दूसरे चरण के चुनाव वाला क्षेत्र रोजगार और कृषि पर मिश्रित रूप से आधारित है। इस चुनाव अलीगढ़ का ताला उद्योग, आगरे का पेठा, पर्यटन और जूता उद्योग चुनावी मुद्दा बनेगा। तो गन्ना किसानों का गन्ना मूल्य भुगतान भी बड़ा मुद्दा रहेगा। कानून व्यवस्था से लेकर धर्मिक स्वतंत्रता का मुद्दा चुनावी सभाओं में खूब उठेगा।

उद्योग और कृषि से जुड़े मुद्दों के अलावा ध्रुवीकरण कराने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी। राजनीतिक दलों की मंशा साफ दिख रही है। विपक्ष अगर सत्ता पक्ष पर सांप्रदायिकता का आरोप लगाकर हमला कर रहा है, तो सत्ताधारी दल भाजपा विपक्ष पर यह आरोप लगा रही है कि उनके राज में कांवरिया पूरी स्वतंत्रता के साथ यात्रा तक नहीं निकाल पा रहे थे। उन्हें उल्लास के साथ अपने पर्व त्यौहार मनाने की स्वतंत्रता तक नहीं थी। मथुरा की होली हो या अयोध्या की दिवाली सब इन चुनावों में देखने को मिलेगा।

बाईट- कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने पिछले चुनाव में ढेर सारे वादे किए थे। जनता उनके जुमलों में फस गई थी। जनता को लगा था कि अगर बीजेपी की सत्ता में आती है तो वह देश का विकास करेगी। देश को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बीजेपी की सारी घोषणाएं जुमला बनकर रह गई। यह वह बेल्ट है जहां संजय जाटव को अपनी शादी में घोड़े पर चढ़ने नहीं दिया गया। दलितों को बीजेपी सरकार में बोलने का अधिकार नहीं है। अपनी बात रखने का अधिकार नहीं है। बीजेपी साफ-साफ सांप्रदायिकता बढ़ाने का काम करती रही है। इन सभी आठ सीटों पर इस प्रकार के मुद्दे प्रभावी मुद्दे होंगे। अलीगढ़ का ताला उद्योग समाप्ति की कगार पर है। आगरा का पेठा, पर्यटन समाप्ति की ओर है। प्रधानमंत्री मोदी जी ने क्या किया है। आपकी सरकार ने जो वादे किए थे, वह पूरे नहीं किए हैं। बीजेपी सरकार में तीन साल की बच्ची से लेकर 63 साल की महिला तक सुरक्षित नहीं है। कानून व्यवस्था ध्वस्त है। अपराध चरम पर है। यह सभी आठ सीटें कांग्रेस की झोली में जा रही है क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जो वादा करते हैं, वह कांग्रेस सरकार पूरा करती है।

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ मनोज मिश्र का कहना है कि इन सभी 8 सीटों पर बीजेपी जीतेगी उसके पीछे कारण है हम पांच साल पहले सत्ता में आए थे सत्ता में रहने के बावजूद हमारा संगठन जनता के साथ जुड़ा रहा उनकी समस्याओं को अपनी समस्या बनाकर सरकार तक पहुंचाता रहा दूसरी तरफ सरकार की तरफ से तमाम कल्याणकारी योजनाएं चलाई गई और जनता को लाभ पहुंचाया गया केंद्र कि मोदी सरकार ने उज्ज्वला योजना दी। उसमे जाति धर्म और मजहब नहीं देखा गया। हमने प्रधानमंत्री आवास दिये। स्वच्छता अभियान के तहत गरीबों को शौचालय दिया। बीजेपी की सरकार ने ऐसे तमाम कार्य किए हैं जो देश के आम आदमी और गरीब के कल्याण के लिए हैं। विपक्ष ने अपनी विश्वसनीयता खो दिए उत्तर प्रदेश की जनता ने समाजवादी पार्टी की सरकार देगी बहुजन समाज पार्टी की सरकार देखी और रालोद की करो खरीद-फरोख्त की राजनीति देखी। वह कभी सस्ते में बिकते हैं तो कभी महंगे में बिकते हैं। यह भी जनता ने देखा है। यही वजह है कि जनता उन्हें पसंद नहीं कर रही है। दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी का चेहरा बेदाग है और उनका काम जनता को आकर्षित कर रहा है। इसलिए बीजेपी इन सभी 8 सीटों पर ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश में 74 प्लस सीटें हासिल करने जा रही है।

वरिष्ठ पत्रकार अशोक राजपूत का कहना है कि पहली की तरह बीजेपी इस बार भी चुनाव पर शत प्रतिशत जीत दर्ज करेगी यह संभव नहीं है। पहले की तरह 2014 और 2019 में काफी अंतर है। लेकिन हां पश्चिम उत्तर प्रदेश में धार्मिक मुद्दे थे। कुछ परेशानियां थी। लेकिन आश्चर्य कि बात है कि यह पांच साल के लिए चुनाव हो रहा है लेकिन विकास के मुद्दे गायब दिख रहे हैं। जातीय आधार पर तो तमाम सारी चीजें चल रही है। एक सप्ताह में ही वोटिंग होने वाला है। राजनीतिक दलों ने अपने घोषणा पत्र अभी तक नहीं जारी किए हैं। इससे भी राजनीतिक दलों की विकास के प्रति सजगता दिखती है। आखिर वे जनता के बीच किस एजेंडे को लेकर जाएंगे। उन्होंने अभी तक नहीं बताया।

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यूपी में दूसरे चरण की आठ लोकसभा क्षेत्रों में होंगे चुनाव।

दूसरे चरण की आठ लोकसभा सीटों नगीना, अमरोहा, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा, आगरा और फतेहपुर सीकरी है। 

दूसरे चरण में एक करोड़ 40 लाख 76 हजार 635 मतदाता हैं।

पुरुष मतदाता-75 लाख 83 हजार 431

महिला मतदाता-64 लाख 92 हजसा 326

थर्ड जेंडर- एक हजार 14

मतदान केन्द्र-8751

मतदेय स्थल-16162


दूसरे चरण की इन सीटों की पिछले लोकसभा और विधानसभा के चुनाव परिणामों पर एक नजर

1-नगीना संसदीय क्षेत्र

नगीना से 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के यशवंत सिंह को जीत मिली थी। इन्हें तीन लाख 67 हजार 825 मत मिले जोकि 39.02 प्रतिशत था। उन्होंने सपा के यशवीर सिंह को हराया था। सपा को 29.22 फीसद के साथ दो लाख 75 हजार 435 मत प्राप्त हुए। जबकि 26 फीसद मतों के साथ बसपा के गिरीश चंद्र तीसरे स्थान पर रहे। नगीना सीट पर 6470 वोट नोटा में पड़े थे।

कुल मत- 1493419

मतदान- 942196 (63 फीसद)

2017 के विधानसभा चुनाव की स्थिति

2017 विधानसभा चुनाव में नगीना संसदीय क्षेत्र की पांच विधानसभा सीटों में से दो पर सपा ने जीत दर्ज की तो तीन बीजेपी के खाते में गई। नजीबाबाद से सपा के तसलीम अहमद, नगीना सुरक्षित से सपा के मनोज पारस, धामपुर से बीजेपी के अशोक कुमार राना, नेहतौर से ओमकुमार और नूरपुर से बीजेपी के लोकेन्द्र सिंह ने जीत दर्ज की थी। लेकिन लोकेन्द्र सिंह के निधन के बाद हुए उपचुनाव में यह सीट बीजेपी से छिन गयी। यहां से सपा ने जीत दर्ज की थी।

2-अमरोहा संसदीय क्षेत्र

अमरोहा संसदीय क्षेत्र से गत लोकसभा चुनाव में भाजपा के कुंअर सिंह तंवर ने जीत दर्ज की थी। उन्हें 48.26 फीसद के साथ कुल पांच लाख 28 हजार 880 मत मिले। दूसरे स्थान पर रहे सपा की हुमेरा अख्तर को तीन लाख 70 हजार 666 मते मिले जोकि 33.82 प्रतिशत रहा। बसपा प्रत्याशी फरहत हसन को 14.87 फीसद के साथ एक लाख 62 हजार 983 मत प्राप्त हुए।

कुल मत-1544245

मतदान-1095860

2017 के विधानसभा चुनाव की स्थिति

2017 के विधानसभा चुनाव में अमरोहा संसदीय क्षेत्र की पांच विधानसभा सीटों में से चार पर बीजेपी ने जीत दर्ज की तो एक सीट ही सपा के खाते में गई। धनोरा सुरक्षित सीट से बीजेपी के राजीव कुमार नौहवाँ सडत से बीजेपी के चेतन चैहानए अमरोहा से सपा के महबूब अलीए हसनपुर से बीजेपी के महेंद्र सिंह खरगवंशी और गढ़मुक्तेश्वर से बीजेपी के कमल सिंह मलिक ने जीत दर्ज की थी। लोकसभा चुनाव में भी 2017 का परिणाम दोहराना बीजेपी के लिये कड़ी चुनौती है।

3-बुलंदशहर संसदीय क्षेत्र

बुलंदशहर से 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के भोला सिंह ने जीत दर्ज की थी। भोला सिंह को 604449 वोट मिले थे। जोकि 59. 84 फीसद था। इस सीट पर बसपा के प्रदीप कुमार जाटव को 182476 वोट मिला था। यह 18.06 फीसद था और तीसरे नंबर पर रहे सपा के कमलेश को 12.74 फीसद के साथ 128737 मत मिले थे। आरएलडी को इस सीट पर महज 5.86 फीसद वोट ही प्राप्त हुए। जबकि मतदाताओं ने नोटा के लिए 6915 लोगों ने बटन दबाया।

कुल मत-1736436

मतदान-1009710

2017 के विधानसभा चुनाव की स्थिति

2017 के विधानसभा चुनाव में बुलंदशहर संसदीय क्षेत्र की 5 विधानसभा सीटों में बीजेपी ने सभी सीटों पर बाजी मारी थी। बुलंदशहर से बीजेपी के वीरेंद्र सिंह सिरोही, सियाना से देवेंद्र, अनूपशहर से संजय, डिबाई से अनीता लोधी राजपूत, शिकारपुर से अनिल कुमार ने जीत दर्ज की थी।


4-अलीगढ संसदीय क्षेत्ऱ

अलीगढ़ संसदीय क्षेत्र से गत लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी यहां बीजेपी के सतीश गौतम ने 514622 वोट प्राप्त करते हुए। उन्होंने बसपा के डॉक्टर अरविंद कुमार सिंह को हराया था। अरविंद कुमार सिंह को 227886 वोट मिले थे। जो कि 21.40 प्रतिशत था। अलीगढ़ में तीसरे स्थान पर समाजवादी पार्टी और चैथे स्थान पर कांग्रेस के विजेंद्र सिंह रहे। जिन्हें केवल 5.8 फीसद वोट ही मिले। इस सीट पर भी नोटा के खाते में 6183 वोट गए थे।

कुल मत- 1793126

मतदान- 1064357

2017 के विधानसभा चुनाव की स्थिति

बुलंदशहर की तरह अलीगढ़ संसदीय क्षेत्र की भी सभी 5 विधानसभा सीटों पर 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी। खैर से बीजेपी प्रत्याशी अनूप, बरौली से दलबीर सिंह, अतरौली से संदीप कुमार सिंह, कोयल से अनिल पाराशर और अलीगढ़ से संजीव राजा चुनकर विधानसभा पहुंचे थे।


5-हाथरस संसदीय क्षेत्र

हाथरस संसदीय क्षेत्र से भी बीजेपी ने ही पिछले लोकसभा चुनाव में बाजी मारी थी 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी राजेश कुमार दिवाकर को 544277 वोट मिले थे जोकि 51.7 प्रतिशत था। दूसरे स्थान पर रहे बसपा प्रत्याशी मनोज कुमार सोनी को 217891 वोट मिले। जोकि 20.77 प्रतिशत था। तीसरे स्थान पर सपा के रामजी लाल सुमन रहे। जिन्हें 180891 वोट मिले। इस सीट पर आरएलडी के निरंजन सिंह धनगर को 86109 वाट मिले जो कि 8.21 प्रतिशत था। अन्य सीटों की तरह इस सीट पर भी नोटा के लिए 5669 लोगों ने वोट किया।

कुल वोट- 1758927

मतदान- 1049273

2017 के विधानसभा चुनाव की स्थिति

हाथरस संसदीय क्षेत्र की 5 विधानसभा सीटों में से गत विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 4 सीटें मिली थी और एक बहुजन समाज पार्टी के खाते में गयी थी। बीजेपी के जिन विधायकों को जीत मिली उनमें से छारा से रविंद्र पाल सिंह, इगलास सुरक्षित सीट से राजवीर दिलेर, हाथरस सुरक्षित सीट से हरिशंकर मेहर, सिकंदर मऊ से बृजेंद्र सिंह राणा और पांचवी सीट सादाबाद से बसपा प्रत्याशी रामवीर उपाध्याय को जीत मिली थी।


6-मथुरा संसदीय क्षेत्र


मथुरा संसदीय क्षेत्र से बीजेपी की प्रत्याशी बॉलीवुड की ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी ने 2014 का लोकसभा चुनाव जीता था। हेमा मालिनी को 5746 33वोट मिले थे। जोकि 53.29 प्रतिशत था। उन्होंने राष्ट्रीय लोक दल के महासचिव जयंत चैधरी को 330743 वोटों से हराया था। जयंत चैधरी को 243890 वोट मिले थे जोकि 22. 62ः था। इस सीट पर तीसरे नंबर पर बसपा के योगेश कुमार द्विवेदी थे। उन्हें 173572 वोट मिले। मथुरा सीट पर नोटा का बटन दबाने वालों की संख्या काफी कम थी। इस सीट पर 1953 लोगों ने नोटा को वोट किया था।

कुल वोट- 1682260

मतदान- 1076868

2017 के विधानसभा चुनाव की स्थिति

मथुरा संसदीय क्षेत्र की पांच विधानसभा सीटों में से गत विधानसभा चुनाव में बीजेपी को चार सीटें हासिल हुई थी। छटा से बीजेपी के लक्ष्मी नारायण चैधरी, गोवर्धन से कारिंदा सिंह, मथुरा से श्रीकांत शर्मा, बलदेव से पूरन प्रकाश और मंत से बसपा के प्रत्याशी श्यामसुंदर शर्मा को जीत मिली थी।


7-आगरा संसदीय क्षेत्र

आगरा संसदीय क्षेत्र से बीजेपी ने 2014 में लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की थी। दोनों बार डॉक्टर राम शंकर कठेरिया प्रत्याशी थे। पहली बार 2009 में राम शंकर कठेरिया को 203697 वोट मिले तो 2014 में उन्हें 583716 वोट मिले। रामशंकर कठेरिया ने बसपा के नारायण सिंह सुमन को करीब तीन लाख वोटों से हराया। बसपा प्रत्याशी सुमन को 283453 वोट मिले जोकि 26.48ः था। इस सीट पर सपा तीसरे नंबर पर थी। जिसे महज 12.58 फीसद ही वोट मिले। नोटा की बटन दबाने वालों की संख्या यहां भी 5000 से ऊपर थी। नोटा के पक्ष में 5191 वोट पड़े।

कुल मत- 1814739

मतदान- 1070400


2017 के विधानसभा चुनाव की स्थिति

आगरा संसदीय सीट की 5 विधानसभा सीटें हैं इनमें एक मादुर आगरा कैंट सुरक्षित आगरा साउथ आगरा नार्थ और जलेसर। खास बात यह रही कि यहां भी भारतीय जनता पार्टी ने सभी सीटों पर जीत दर्ज की जलेसर सीट को छोड़कर बाकी सभी सीटों पर बीएसपी नंबर दो पर थी जलेसर पर समाजवादी पार्टी के संजीव कुमार दिवाकर दूसरे नंबर पर रहे। इस लिहाज से बीजेपी के लिए इसे दोहराना कड़ी चुनौती है।


8-फतेहपुर सीकरी संसदीय क्षेत्र

फतेहपुर सीकरी संसदीय क्षेत्र पर 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी बाबूलाल ने जीत दर्ज की थी। वह 44.0 फीसद वोटो के साथ 4265 89 वोट प्राप्त किए थे। दूसरे नंबर पर बसपा की सीमा चैधरी 26.18 प्रतिशत के साथ 2534 83 वोट हासिल की थी। तीसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी रानी पक्षालिका सिंह थी। जबकि चैथे नंबर पर रालोद से चुनाव मैदान में रहे अमर सिंह। यहां नोटा का बटन दबाने वाले 2677 मतदाता रहे।

2017 के विधानसभा चुनाव की स्थिति

फतेहपुर सीकरी संसदीय क्षेत्र की 5 की 5 विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी।आगरा रूरल से हेमलता दिवाकर, फतेहपुर सीकरी से चैधरी उदय भान सिंह, खैरागढ़ से महेश कुमार गोयल, फतेहाबाद से जितेंद्र वर्मा तो बाह से रानी पक्षालिका सिंह।

रिपोर्ट- दिलीप शुक्ला, 9450663213

नोट- इसका विजुअल पैकेज मोजो से जा रहा है।
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