लखनऊः मोदी सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार में यूपी को बड़ी जगह मिली है. इसके साथ मोदी सरकार में यूपी से कुल 14 मंत्री हो गए हैं. इसके इतर कई बड़े चेहरों को मायूसी हाथ लगी, जो इस मंत्रिमंडल विस्तार में क्षेत्रीय और जातीय समीकरण के आधार पर अपनी जगह पाने के लिए सपने सजोए बैठे थे.
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में देश भर की निगाहें टिकी रहीं. कई नए मंत्रियों को कैबिनेट से लेकर राज्यमंत्री तक में शामिल किया गया, वहीं कई वरिष्ठ मंत्रियों के उनके पद से छुट्टी कर दी गई. इसके पहले बीते दो दिन से मंत्रिमंडल विस्तार की खबरें जोर पकड़ी थी तो यूपी के कई सांसदों को मोदी सरकार में शामिल होने का सपना दिखने लगा.
सांसद प्रवीण निषाद को लगा झटका
निषाद पार्टी के मुखिया डॉ. संजय निषाद के बेटे व संतकबीर नगर से बीजेपी सांसद प्रवीण को कुमार को मोदी सरकार में शामिल किए जाने की चर्चा तेज थी. माना जा रहा था कि प्रवीण निषाद को केंद्र सरकार में जगह देकर पीएम मोदी यूपी के निषाद समाज को खुश करने की कोशिश करेंगे. पिछले महीने डॉ. संजय निषाद दिल्ली में डेरा डाले थे. यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव में गठबंधन से लेकर सरकार तक में जगह को लेकर उनकी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. लेकिन मोदी मंत्रिमंडल विस्तार में प्रवीण निषाद को जगर नहीं मिल पाई. हालांकि माना जा रहा है कि जो छूटा है उसे प्रदेश सरकार में आने वाले दिनों में बड़े पद से नवाजा जा सकता है.
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I want to reiterate that Praveen Nishad had defeated Yogi Adityanath in Gorakhpur in 2018. In 2019, we won 40 seats along with BJP. If Anupriya Patel can get a seat in the cabinet, then Nishad that gained 160 seats should also get a place: Sanjay Nishad, Nishad Party President pic.twitter.com/qNZuBTy0db
— ANI UP (@ANINewsUP) July 7, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI UP (@ANINewsUP) July 7, 2021I want to reiterate that Praveen Nishad had defeated Yogi Adityanath in Gorakhpur in 2018. In 2019, we won 40 seats along with BJP. If Anupriya Patel can get a seat in the cabinet, then Nishad that gained 160 seats should also get a place: Sanjay Nishad, Nishad Party President pic.twitter.com/qNZuBTy0db
— ANI UP (@ANINewsUP) July 7, 2021
रीत बहुगुणा जोशी के नाम पर तेज थी चर्चा
बीते महीने दिल्ली पहुंची सांसद रीता बहुगुणा जोशी वहां केंद्रीय गृहमंत्री समेत कई बड़े नेताओं और मंत्रियों से मुलाकात की थी. इससे अंदाजा लगाया जा रहा था कि जितिन प्रसाद को बीजेपी में शामिल कराने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रीता जोशी को केंद्र सरकार में शामिल कर यूपी में ब्राह्मणों को साधेंने की कोशिश करेंगे. लेकिन ऐसा हुआ नहीं, तमाम कयासों के बाद रीता बहुगुणा जोशी के पास न तो केंद्र से कोई मैसेज आया और न ही उनको सरकार में शामिल किया गया.
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वहीं कौशांबी से सांसद विनोद सोनकर के नाम पर भी खूब चर्चा हुई. उनका नाम कल सुबह तक कंफर्म मना जा रहा था, लेकिन शाम होते-होते उनके समर्थकों की उम्मीदों पर पानी फिर गया. इस अलावा यूपी से तीन से चार नेताओं का और नाम सामने आ रहे थे और माना जा रहा था कि इन्हें केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है. जिसमें अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल, पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी, कानपुर से सांसद सत्यदेव पचौरी, सकल दीप राजभर, गोरखपुर से बीजेपी सांसद रवि किशन और लखीमपुर खीरी से सांसद अजय मिश्र का नाम भी मंत्री पद के लिए रेस में आगे चल रहा था.
इनमें से सिर्फ अनुप्रिया पटेल और अजय मिश्र टेनी को केंद्र सरकार में मंत्री बनाया गया. अनुप्रिया पटेल को मोदी सरकार में में वाणिज्य मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है. वहीं अजय कुमार को अजय कुमार को केंद्रीय गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है.
पश्चिमी यूपी के हाथ लगी मयूसी
जाति और क्षेत्र के आधार मोदी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को देखते हुए सबकी नजरें यूपी के पश्चिमी क्षेत्र पर टिकी थी. माना जा रहा था कि किसान आंदोलन की धार को कम करने के लिए पीएम मोदी पश्चिमी यूपी से एक या दो नए चेहरे केंद्र सरकार में शामिल कर सकते हैं. कैराना से सांसद प्रदीप चौधरी और राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर में से किसी एक को मंत्री बनाए जाने की उम्मीद थी. वहीं डॉ. संजीव बालियान के प्रमोशन पर भी चर्चा तेज थी. लेकिन जब केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ तो पश्चिमी यूपी के हाथ कुछ न आया. इसके इतर मोदी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में बुंदेलखंड से लेकर अवध क्षेत्र और पूर्वांचल का खूब सिक्का चला. यूपी में अब कुल केंद्रीय मंत्रियों संख्या 14 हो गई है.