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महिला प्रधान को उनके अधिकारों के बारे में बताया - Women were told their rights

पंचायती राज निदेशालय लखनऊ में महिला अधिकारियों द्वारा महिलाओं को सशक्त बनाने और उनका उत्साहवर्धन करने के लिए वेबिनार का आयोजन किया गया.

पंचायती राज निदेशालय लखनऊ
पंचायती राज निदेशालय लखनऊ
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Published : Mar 9, 2021, 6:26 PM IST

लखनऊः विश्व महिला दिवस पर पंचायती राज निदेशालय लखनऊ में प्रदेश भर से महिला ब्लाक प्रमुख, महिला प्रधान, संबंधित मंडल जनपदों के अधिकारी और पंचायती राज विभाग की महिला अधिकारियों को सशक्त बनाने और उनका उत्साहवर्धन करने के लिए वेबिनार का आयोजन किया. इस वेबिनार में पूरे प्रदेश भर के अधिकारियों ने पार्टिसिपेट किया. एक तरफ पंचायती राज विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने गांव के विकास और ग्राम पंचायतों में महिलाओं की भूमिका उनके विकास और महिलाओं को सशक्त व उनके अधिकारों के संरक्षण के विषय पर विशेष चर्चा की. इस चर्चा में पंचायती राज विभाग की उपनिदेशक प्रवीणा चौधरी ने महिलाओं को सम्मान और सशक्त बनाने के लिए विचार-विमर्श किए. साथ ही ग्राम पंचायतों में मौजूद महिला प्रधान को उनके अधिकारों के बारे में बताया.

महिलाओं को दिखाई गई शॉर्ट फिल्म
पंचायती राज विभाग की उपनिदेशक ने प्रवीणा चौधरी ने बताया कि महिलाओं को सशक्त बनाने और विश्व महिला दिवस के अवसर पर गांव के विकास कार्यों और महिलाओं की भूमिका ग्राम पंचायतों में उनके अधिकारों के बारे में चर्चा की गई. इस दौरान विभाग के द्वारा एक शॉर्ट फिल्म महिला सशक्तिकरण को लेकर प्रस्तुत की गई है. जिसमें चित्र सहित महिलाओं को किस तरीके से शिक्षा,रोजगार, समूह बनाकर स्वावलंबी बनाना, कौशल विकास, सामाजिक सद्भाव सहित तमाम दृश्यों से प्रदर्शित किया गया है. ग्राम पंचायत में किस तरीके से महिला की भूमिका है और उनके कितने अधिकार है. इस फिल्म में यह सारी चीजें प्रदर्शित की गई हैं.

प्रधान पति की नहीं होगी बैठकों में इंट्री
प्रवीणा चौधरी ने बताया कि बीते पंचवर्षीय में 40% से अधिक महिलाएं पंचायती राज विभाग में प्रधान पद के लिए आरक्षित थीं. इस बार भी महिलाओं को पूरा सम्मान और उनके आरक्षण सुनिश्चित किए गए हैं. इस बार महिला प्रधान खुद आगे बढ़कर अपनी जिम्मेदारियां पूरी करेंगे ना कि अपने पति के सहारे प्रधान पद की संवैधानिक पद की कार्यशैली को पूरा करेंगी.अगर प्रधान पति प्रधान के कार्यों और बैठकों में बैठता है, तो उसे वहां से पंचायती राज विभाग के द्वारा बाहर किया जा सकता है. राजकुमार अपर निदेशक पंचायती राज विभाग ने बताया महिला प्रधान का पद एक संवैधानिक पद है. उन्होंने बताया कि जिस तरीके से पंचायती राज विभाग उन्हें शिक्षा और सामाजिक स्तर पर उन्हें प्रशिक्षण कर रहा है तो यह उम्मीद है कि महिलाएं और सशक्त होंगी.

लखनऊः विश्व महिला दिवस पर पंचायती राज निदेशालय लखनऊ में प्रदेश भर से महिला ब्लाक प्रमुख, महिला प्रधान, संबंधित मंडल जनपदों के अधिकारी और पंचायती राज विभाग की महिला अधिकारियों को सशक्त बनाने और उनका उत्साहवर्धन करने के लिए वेबिनार का आयोजन किया. इस वेबिनार में पूरे प्रदेश भर के अधिकारियों ने पार्टिसिपेट किया. एक तरफ पंचायती राज विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने गांव के विकास और ग्राम पंचायतों में महिलाओं की भूमिका उनके विकास और महिलाओं को सशक्त व उनके अधिकारों के संरक्षण के विषय पर विशेष चर्चा की. इस चर्चा में पंचायती राज विभाग की उपनिदेशक प्रवीणा चौधरी ने महिलाओं को सम्मान और सशक्त बनाने के लिए विचार-विमर्श किए. साथ ही ग्राम पंचायतों में मौजूद महिला प्रधान को उनके अधिकारों के बारे में बताया.

महिलाओं को दिखाई गई शॉर्ट फिल्म
पंचायती राज विभाग की उपनिदेशक ने प्रवीणा चौधरी ने बताया कि महिलाओं को सशक्त बनाने और विश्व महिला दिवस के अवसर पर गांव के विकास कार्यों और महिलाओं की भूमिका ग्राम पंचायतों में उनके अधिकारों के बारे में चर्चा की गई. इस दौरान विभाग के द्वारा एक शॉर्ट फिल्म महिला सशक्तिकरण को लेकर प्रस्तुत की गई है. जिसमें चित्र सहित महिलाओं को किस तरीके से शिक्षा,रोजगार, समूह बनाकर स्वावलंबी बनाना, कौशल विकास, सामाजिक सद्भाव सहित तमाम दृश्यों से प्रदर्शित किया गया है. ग्राम पंचायत में किस तरीके से महिला की भूमिका है और उनके कितने अधिकार है. इस फिल्म में यह सारी चीजें प्रदर्शित की गई हैं.

प्रधान पति की नहीं होगी बैठकों में इंट्री
प्रवीणा चौधरी ने बताया कि बीते पंचवर्षीय में 40% से अधिक महिलाएं पंचायती राज विभाग में प्रधान पद के लिए आरक्षित थीं. इस बार भी महिलाओं को पूरा सम्मान और उनके आरक्षण सुनिश्चित किए गए हैं. इस बार महिला प्रधान खुद आगे बढ़कर अपनी जिम्मेदारियां पूरी करेंगे ना कि अपने पति के सहारे प्रधान पद की संवैधानिक पद की कार्यशैली को पूरा करेंगी.अगर प्रधान पति प्रधान के कार्यों और बैठकों में बैठता है, तो उसे वहां से पंचायती राज विभाग के द्वारा बाहर किया जा सकता है. राजकुमार अपर निदेशक पंचायती राज विभाग ने बताया महिला प्रधान का पद एक संवैधानिक पद है. उन्होंने बताया कि जिस तरीके से पंचायती राज विभाग उन्हें शिक्षा और सामाजिक स्तर पर उन्हें प्रशिक्षण कर रहा है तो यह उम्मीद है कि महिलाएं और सशक्त होंगी.

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