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मानसूनः पहली बारिश में राजधानी जलमग्न, नगर निगम के दावे हुए फेल

लखनऊ में बारिश होने के चलते जगह-जगह पानी भर जाने से आने जाने वालों के साथ इलाकाई लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं मानसून आते ही नगर निगम की पोल खुल गई है. बता दें की नालों की सफाई के लिए महापौर संयुक्ता भाटिया ने 5 करोड़ के बजट का प्रावधान किया था. इसके बावजूद नालों की सफाई नहीं हो सकी.

सड़को पर भरा पानी, रुकी रफ्तार
सड़को पर भरा पानी, रुकी रफ्तार
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Published : Jun 14, 2021, 1:27 PM IST

लखनऊ : राजधानी लखनऊ में देर रात से हो रही बारिश ने नगर निगम और जिला प्रशासन के दावों की पोल खोल कर रख दी है. 2 दिन पूर्व प्री मानसून बारिश के बाद राजधानी के कई इलाकों में जलभराव हो गया था. जिसके बाद नगर निगम ने सभी जोनल अधिकारियों को निर्देशित करते हुए, क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति न होने पाए इसके लिए कंट्रोल रूम नंबर भी जारी किए गए थे. इसके बावजूद बारिश होते ही जगह-जगह जलभराव की स्थिति हो रही है. उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि नगर निगम मानसून को लेकर कतई गंभीर नहीं है.

वृंदावन योजना स्थित बरौली खलीलाबाद में जरा सी बारिश होते ही पानी लोगों के घरों में भर रहा है. सड़कें पूरी तरह से पानी से लबालब भरी है. वहीं स्थानीय निवासियों का कहना कि कई वर्षों से सफाई न होने के कारण हम लोगों को यह मुसीबत झेलनी पड़ रही है.

राजधानी लखनऊ में हो रही बारिश से आलमबाग, मवैया, जानकीपुरम,विकास नगर, गोमती नगर, चौक, कैंट, निशातगंज, इंदिरा नगर, मुंशी पुलिया, सहित कई ऐसे इलाके हैं जहां पर जगह-जगह जलभराव की स्थिति हो गई. जिससे आने जाने वाले राहगीरों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा. वहीं जानकीपुरम और आलमबाग की गलियों में इस कदर पानी भर गया कि लोगों को आने जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

अधिकारियों के दावे फेल, कालोनियों और बाजारों में भारा पानी

1 दिन पूर्व भी प्रदेश सरकार के विधि और न्याय मंत्री बृजेश पाठक ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया था कि राजधानी लखनऊ में जलभराव की स्थिति न होने पाए. इसके साथ नगर निगम के अधिकारियों ने जिलाधिकारी के साथ बैठक भी की थी. इसके बावजूद जिला प्रशासन और नगर निगम ने इससे कोई सबक नहीं लिया और जिसका खामियाजा राजधानी की जनता को लगातार भुगतना पड़ रहा है.

विगत अप्रैल में महापौर संयुक्ता भाटिया ने राजधानी लखनऊ के नालों की सफाई के लिए नगर निगम को 5 करोड़ के बजट का प्रावधान किया था. जिस तरह से राजधानी में जगह-जगह जलभराव की स्थिति हो रही है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन रुपयों का जमीनी स्तर पर प्रयोग नहीं हुआ. यही कारण है कि जगह-जगह जलभराव की स्थिति बन रही है.

राजधानी लखनऊ के जानकीपुरम, आलमबाग, निशातगंज जैसे कई ऐसे इलाके हैं जहां बारिश के कारण जलभराव की स्थिति हो गई है. वहीं बारिश का पानी लोगों के घरों में जा रहा है जिससे लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

राजधानी में जगह-जगह जलभराव की स्थिति के बारे में लखनऊ के नगर आयुक्त अजय द्विवेदी का कहना है कि सभी जोन के जोनल अधिकारियों को अपने-अपने इलाकों में सक्रिय रहने के निर्देश दिए गए हैं. जहां पर भी जलभराव की स्थिति है वहां जल्द ही इसे क्लियर कराया जाएगा. जिससे राजधानी की जनता को समस्याओं का सामना ना करना पड़े.

लखनऊ नगर निगम भले ही तमाम दावे करता हो, पर मानसून की बारिश में नगर निगम और जिला प्रशासन के दावों की पोल खोलकर रख देती है. 20 दिनों से लखनऊ नगर निगम लगातार इस बात का दावा करता रहा है कि राजधानी के नालों की सफाई का अभियान लगातार चल रहा है.

इसे भी पढ़ें-UP के इन जिलों में आज हो सकती है बारिश, मौसम विभाग ने जताई चेतावनी

लखनऊ : राजधानी लखनऊ में देर रात से हो रही बारिश ने नगर निगम और जिला प्रशासन के दावों की पोल खोल कर रख दी है. 2 दिन पूर्व प्री मानसून बारिश के बाद राजधानी के कई इलाकों में जलभराव हो गया था. जिसके बाद नगर निगम ने सभी जोनल अधिकारियों को निर्देशित करते हुए, क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति न होने पाए इसके लिए कंट्रोल रूम नंबर भी जारी किए गए थे. इसके बावजूद बारिश होते ही जगह-जगह जलभराव की स्थिति हो रही है. उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि नगर निगम मानसून को लेकर कतई गंभीर नहीं है.

वृंदावन योजना स्थित बरौली खलीलाबाद में जरा सी बारिश होते ही पानी लोगों के घरों में भर रहा है. सड़कें पूरी तरह से पानी से लबालब भरी है. वहीं स्थानीय निवासियों का कहना कि कई वर्षों से सफाई न होने के कारण हम लोगों को यह मुसीबत झेलनी पड़ रही है.

राजधानी लखनऊ में हो रही बारिश से आलमबाग, मवैया, जानकीपुरम,विकास नगर, गोमती नगर, चौक, कैंट, निशातगंज, इंदिरा नगर, मुंशी पुलिया, सहित कई ऐसे इलाके हैं जहां पर जगह-जगह जलभराव की स्थिति हो गई. जिससे आने जाने वाले राहगीरों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा. वहीं जानकीपुरम और आलमबाग की गलियों में इस कदर पानी भर गया कि लोगों को आने जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

अधिकारियों के दावे फेल, कालोनियों और बाजारों में भारा पानी

1 दिन पूर्व भी प्रदेश सरकार के विधि और न्याय मंत्री बृजेश पाठक ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया था कि राजधानी लखनऊ में जलभराव की स्थिति न होने पाए. इसके साथ नगर निगम के अधिकारियों ने जिलाधिकारी के साथ बैठक भी की थी. इसके बावजूद जिला प्रशासन और नगर निगम ने इससे कोई सबक नहीं लिया और जिसका खामियाजा राजधानी की जनता को लगातार भुगतना पड़ रहा है.

विगत अप्रैल में महापौर संयुक्ता भाटिया ने राजधानी लखनऊ के नालों की सफाई के लिए नगर निगम को 5 करोड़ के बजट का प्रावधान किया था. जिस तरह से राजधानी में जगह-जगह जलभराव की स्थिति हो रही है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन रुपयों का जमीनी स्तर पर प्रयोग नहीं हुआ. यही कारण है कि जगह-जगह जलभराव की स्थिति बन रही है.

राजधानी लखनऊ के जानकीपुरम, आलमबाग, निशातगंज जैसे कई ऐसे इलाके हैं जहां बारिश के कारण जलभराव की स्थिति हो गई है. वहीं बारिश का पानी लोगों के घरों में जा रहा है जिससे लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

राजधानी में जगह-जगह जलभराव की स्थिति के बारे में लखनऊ के नगर आयुक्त अजय द्विवेदी का कहना है कि सभी जोन के जोनल अधिकारियों को अपने-अपने इलाकों में सक्रिय रहने के निर्देश दिए गए हैं. जहां पर भी जलभराव की स्थिति है वहां जल्द ही इसे क्लियर कराया जाएगा. जिससे राजधानी की जनता को समस्याओं का सामना ना करना पड़े.

लखनऊ नगर निगम भले ही तमाम दावे करता हो, पर मानसून की बारिश में नगर निगम और जिला प्रशासन के दावों की पोल खोलकर रख देती है. 20 दिनों से लखनऊ नगर निगम लगातार इस बात का दावा करता रहा है कि राजधानी के नालों की सफाई का अभियान लगातार चल रहा है.

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