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राज्य के 35 जिलों में वाटरलेवल की स्थिति चिंताजनक, जलशक्ति अभियान से उम्मीद

प्रदेश में 139 विकासखंड क्षेत्रों में भूगर्भ जल का दोहन तेजी से हो रहा है. इसके लिए 9 सरकारी विभागों को मिलाकर काम करने की तैयारी की जा रही है.

तेजी से भूगर्भ जल दोहन.
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Published : Jul 8, 2019, 6:26 PM IST

लखनऊ: प्रदेश के 35 जिलों के 139 विकासखंड क्षेत्रों में भूगर्भ जल के तेजी से गिरते स्तर ने खतरे की घंटी बजा दी है. हालात पर काबू पाने के लिए सरकार अब जलशक्ति अभियान के तहत प्रदेश के 9 सरकारी विभागों को मिलाकर काम करने की तैयारी कर रही है.

तेजी से हो रहा भूगर्भ जल दोहन.

तेजी से गिर रहा जलस्तर

  • तेजी से हो रहा भूगर्भ जल दोहन.
  • आगरा में 11 विकासखंड क्षेत्रों में भूगर्भ जल का स्तर खतरे की श्रेणी में है.
  • प्रयागराज, फिरोजाबाद और मेरठ के पांच, बुलंदशहर के नौ, जौनपुर के आठ, प्रतापगढ़, संभल के छह विकासखंड क्षेत्र खतरे की श्रेणी में शामिल हो चुके हैं.

139 विकासखंड क्षेत्र खतरे की श्रेणी में है.
वीके उपाध्याय, निदेशक, भूगर्भ जल विभाग

लखनऊ: प्रदेश के 35 जिलों के 139 विकासखंड क्षेत्रों में भूगर्भ जल के तेजी से गिरते स्तर ने खतरे की घंटी बजा दी है. हालात पर काबू पाने के लिए सरकार अब जलशक्ति अभियान के तहत प्रदेश के 9 सरकारी विभागों को मिलाकर काम करने की तैयारी कर रही है.

तेजी से हो रहा भूगर्भ जल दोहन.

तेजी से गिर रहा जलस्तर

  • तेजी से हो रहा भूगर्भ जल दोहन.
  • आगरा में 11 विकासखंड क्षेत्रों में भूगर्भ जल का स्तर खतरे की श्रेणी में है.
  • प्रयागराज, फिरोजाबाद और मेरठ के पांच, बुलंदशहर के नौ, जौनपुर के आठ, प्रतापगढ़, संभल के छह विकासखंड क्षेत्र खतरे की श्रेणी में शामिल हो चुके हैं.

139 विकासखंड क्षेत्र खतरे की श्रेणी में है.
वीके उपाध्याय, निदेशक, भूगर्भ जल विभाग

Intro:लखनऊ। उत्तर प्रदेश के 35 जिलों के 129 विकासखंड क्षेत्रों में भूगर्भ जल के तेजी से गिरते स्तर ने खतरे का अलार्म बजा दिया है. हालात पर काबू पाने के लिए सरकार अब जल शक्ति अभियान के तहत प्रदेश के 9 सरकारी विभागों को मिलाकर काम करने जा रही है।



Body:उत्तर प्रदेश के 35 जिले यानी लगभग आधा उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल दोहन के खतरनाक स्तर पर पार कर रहा है सबसे खराब स्थिति आगरा जिले में है जहां 11 विकासखंड क्षेत्रों में भूगर्भ जल का स्तर क्रिटिकल की श्रेणी में है और हर साल तेजी के साथ जल स्तर नीचे गिर रहा है। प्रयागराज, फिरोजाबाद मेरठ के 5-5 बुलंदशहर के नौ, जौनपुर के 8 ,प्रतापगढ़, संभल के छह -छह विकासखंड क्षेत्र क्रिटिकल की श्रेणी में शामिल हो चुके हैं। निदेशक भूगर्भ जल विभाग उत्तर प्रदेश डॉक्टर वीके उपाध्याय भी मानते हैं कि यह स्थिति चिंताजनक है और इससे निपटने के लिए युद्धस्तर पर अभियान चलाया जाने की जरूरत है।

बाइट/ वीके उपाध्याय निदेशक भूगर्भ जल विभाग उत्तर प्रदेश


Conclusion:मानसून में देरी और पानी की कमी से उत्पन्न होने वाले सूखे की स्थिति सरकारों के लिए भी चुनौती बनी हुई है ऐसे में भूगर्भ जल का अति दोहन भावी संकट की ओर इशारा कर रहा है. प्रदेश सरकार ने इससे निपटने के लिए सिंचाई एवं जल संसाधन, ग्रामीण विकास, कृषि, नाबार्ड ,वन विभाग, पंचायती राज, भूगर्भ जल विभाग, लघु सिंचाई विभाग, राजस्व विभाग समेत लगभग एक दर्जन विभागों को जल शक्ति अभियान संचालित करने का दायित्व सौंपा है .सरकार का मानना है कि इस अभियान से पानी के भावी संकट से निपटा जा सकेगा ।

पीटीसी/ अखिलेश तिवारी
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