लखनऊ: विवादों में रहने वाले शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) अब हिन्दू धर्म में शामिल होने जा रहे हैं. वसीम रिजवी आज गाजियाबाद स्थित डासना मंदिर में हिन्दू धर्म अपनाएंगे. वसीम रिजवी के प्रवक्ता प्रेम शंकर ने इसकी जानकारी मीडिया को दी. शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी के प्रवक्ता प्रेम शंकर ने मीडिया में जानकारी देते हुए बताया कि सय्यद वसीम रिजवी गाजियाबाद स्थित डासना मंदिर में सोमवार सुबह 10.30 बजे सनातन धर्म अपनाएंगे. प्रेम शंकर ने कहा कि डासना देवी मंदिर में यति नरसिंहा नंद गिरी महाराज से धार्मिक रीति-रिवाज के साथ सनातन धर्म में वसीम रिजवी शामिल होंगे.
बताते चलें कि बीते दिनों वसीम रिजवी ने मरने के बाद दफनाने की जगह जलाने की इच्छा जताई थी. एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान रिजवी ने कहा था कि उनकी चिता को मुख्यअग्नि डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहा नंद सरस्वती देंगे.
कुछ दिन पहले ही रिजवी ने जारी की थी वसीयत
वसीम रिजवी ने कुछ दिन पहले ही अपनी वसीयत जारी की थी, जिसमें उन्होंने एलान किया था कि मरने के बाद उन्हें दफनाया न जाए, बल्कि हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया जाए. उन्होंने कहा था कि यति नरसिम्हानंद उनकी चिता को अग्नि दें.
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रिजवी ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि मेरी हत्या करने और गर्दन काटने की साजिश रची जा रही है. मेरा गुनाह सिर्फ इतना है कि मैंने कुरान की 26 आयतों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. मुसलमान मुझे मारना चाहते हैं और एलान किया है कि मुझे किसी कब्रिस्तान में जगह नहीं देंगे. इसलिए मरने के बार मेरा अंतिम संस्कार कर दिया जाए.
रिजवी अक्सर कट्टरपंथी मुस्लिमों के निशाने पर रहते हैं. उन्होंने कुरान से 26 आयतें हटाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था. इसके बाद से ही रिजवी मुस्लिम संगठनों के निशाने पर हैं. मुस्लिम संगठनों का ये भी कहना है कि रिजवी का इस्लाम और शिया समुदाय से कुछ लेना-देना नहीं है. मुस्लिम संगठन रिजवी को मुस्लिम विरोधी संगठनों का एजेंट बताते हैं.
वसीम रिजवी के विवादित बयान
रिजवी पहली बार विवादों में नहीं हैं, बल्कि सूबे में योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद से लगातार चर्चा के केंद्र में बने हैं. उन्होंने देश की नौ मस्जिदों को हिंदुओं को सौंप दिए जाने की बात कही थी. रिजवी ने विवादित बाबरी मस्जिद ढांचे और कुतुब मीनार की मस्जिद का नाम भी लिया था और कहा था कि ये हिंदुस्तान की धरती पर कलंक है. उन्होंने कोर्ट के फैसले से पहले विवादित जमीन को राम मंदिर को सौंपने की बात की भी कही थी.
ऐसे ही रिजवी देशभर के मदरसों में चल रही इस्लामिक पढ़ाई को बंद करने की सरकार से मांग की थी और कहा था कि इन मदरसों में आतंक की तालीम दी जाती है. ऐसे में इन मदरसों में ताले लगा दिए जाने चाहिए. इसके अलावा उन्होंने इस्लाम के झंडे की तुलना पाकिस्तानी झंडे से करते हुए कहा था कि ये हरा झंडा पाकिस्तान से जुड़ा है और इसे फहराने वालों पर कार्रवाई की जानी चाहिए.
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