लखनऊ: शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने बुधवार को अपना बयान जारी कर मुस्लिम पक्ष की उस दलील को गलत बताया है. दलील में सुप्रीम कोर्ट में यह कहा गया था कि भगवान राम अयोध्या में राम चबूतरे पर पैदा हुए थे. रिजवी ने कहा कि मुकदमा हारने के बाद बाबरी मस्जिद के पैरोकारों को हिन्दू समाज से माफी मांगनी चाहिए.
मस्जिद की जगह पर हुआ था भगवान राम का जन्म
रिजवी ने मुस्लिम पक्ष के वकील जफरयाब जिलानी के बयान पर टिप्पणी करते हुए अपना बयान जारी कर कहा कि बाबरी पक्षकारों का कहना गलत है कि भगवान राम अयोध्या में बाबरी चबूतरे पर पैदा हुए थे. रिजवी ने आगे कहा कि भगवान राम भगवान विष्णु के सातवें अवतार थे. उनका जन्म त्रेता युग में लगभग 12 लाख साल पहले अयोध्या में उसी जगह हुआ था, जहां पर सौ साल पहले एक मस्जिद रूपी इमारत बनाई गई थी. हजरत ईसा से भी हजारों साल पहले जन्मे भगवान राम दुनिया को बनाने वाली शक्ति ईश्वर,अल्लाह,गॉड के भेजे हुए अवतारों में से एक है.
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त्रेता युग में पैदा हुए भगवान राम को बाबर ने किया अपमानित
रिजवी ने आगे कहा कि बाबर के हुक्म से मीरबाकी ने मंदिरों को तोड़कर त्रेता युग में पैदा हुए विष्णु के 7वें अवतार भगवान राम को और उनके मानने वालों को जानबूझकर अपमानित किया था. उनको चिढ़ाने के लिए ताकत के बल पर एक मस्जिद का निर्माण कराया. जबकि यह अनजान जालिम यह नहीं समझते थे कि 14 सौ साल से पहले आए मजहब को तलवार की नोक पर फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड सुप्रीम कोर्ट में इन्ही तथ्यों पर आधारित अपना पक्ष रख रहा है. उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड का मानना है कि बाबरी पैरोंकारों को मुकदमा हारने के बाद हिन्दू समाज से मांफी मांगनी चाहिए.
-वसीम रिजवी,चेयरमैन, शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड