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पाकिस्तान से मोहब्बत करते हैं 'चांद-तारे' का झंडा फहराने वाले मुसलमान : वसीम रिजवी

शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने चांद-तारे वाले हरे झंडे को गैर-इस्लामिक करार दिया है. उनका कहना है कि इस झंडे को पाकिस्तान में फहराया जाता है. हिंदुस्तान के जो मुस्लिम इस झंडे का प्रयोग कर रहे हैं वे पाकिस्तान को पंसद करते हैं. उन्होंने इस झंडे पर बैन लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दाखिल की थी. कोर्ट ने केंद्र सरकार से दो हफ्तों में इस पर जवाब मांगा है.

शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने चांद-सितारे वाले झंडे को बताया 'गैर इस्लामिक'.
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Published : Jul 19, 2019, 6:14 PM IST

लखनऊ: शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने चांद-सितारे वाले हरे झंडों को 'गैर इस्लामिक' बताया है. उन्होंने कहा कि देश में जो मुसलमान इन झंडों को फहराते हैं वह पाकिस्तान से मोहब्बत करते हैं. इन झंडों पर बैन की मांग के लिए वसीम रिजवी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है.

वसीम रिजवी ने चांद-सितारे वाले झंडे को बताया 'गैर इस्लामिक'.

क्या है वसीम रिजवी की दलील
वसीम रिज़वी ने कहा कि साल 1906 में बांग्लादेश में मुस्लिम लीग ने चांद-तारों वाले हरे झंडे को बनाया था. उसी वक्त से आजादी की लड़ाई में हिन्दू और मुसलमानों के बंटवारे की राजनीति शुरू की गई. साल 1913 में मोहम्मद अली जिन्ना को मुस्लिम लीग का अध्यक्ष बनाया गया. जिन्ना ने मुस्लिम लीग का प्रयोग देश में हिंदू-मुसलमानों के बीच खाई पैदा करने के लिए किया जिसका अंजाम 1947 में भारत-पाक बंटवारे के रूप में देखने को मिला. इसके बावजूद आज हिंदुस्तान का मुसलमान चांद-तारे का हरा झंडा उठाकर घूम रहा है. ऐसे मुसलमान इस्लाम या हिंदुस्तान की मोहब्बत में नहीं बल्कि पाकिस्तान से मोहब्बत का इजहार कर रहे हैं.

मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब
बता दें कि रिजवी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. याचिका में उन्होंने कहा था कि चांद-सितारे वाले झंडे पर बैन लगा देना चाहिए क्योंकि इसका इस्लाम से कोई संबंध नहीं है बल्कि यह पाकिस्तान की मुस्लिम लीग का झंडा है. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए 2 हफ्तों में सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा है.

लखनऊ: शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने चांद-सितारे वाले हरे झंडों को 'गैर इस्लामिक' बताया है. उन्होंने कहा कि देश में जो मुसलमान इन झंडों को फहराते हैं वह पाकिस्तान से मोहब्बत करते हैं. इन झंडों पर बैन की मांग के लिए वसीम रिजवी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है.

वसीम रिजवी ने चांद-सितारे वाले झंडे को बताया 'गैर इस्लामिक'.

क्या है वसीम रिजवी की दलील
वसीम रिज़वी ने कहा कि साल 1906 में बांग्लादेश में मुस्लिम लीग ने चांद-तारों वाले हरे झंडे को बनाया था. उसी वक्त से आजादी की लड़ाई में हिन्दू और मुसलमानों के बंटवारे की राजनीति शुरू की गई. साल 1913 में मोहम्मद अली जिन्ना को मुस्लिम लीग का अध्यक्ष बनाया गया. जिन्ना ने मुस्लिम लीग का प्रयोग देश में हिंदू-मुसलमानों के बीच खाई पैदा करने के लिए किया जिसका अंजाम 1947 में भारत-पाक बंटवारे के रूप में देखने को मिला. इसके बावजूद आज हिंदुस्तान का मुसलमान चांद-तारे का हरा झंडा उठाकर घूम रहा है. ऐसे मुसलमान इस्लाम या हिंदुस्तान की मोहब्बत में नहीं बल्कि पाकिस्तान से मोहब्बत का इजहार कर रहे हैं.

मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब
बता दें कि रिजवी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. याचिका में उन्होंने कहा था कि चांद-सितारे वाले झंडे पर बैन लगा देना चाहिए क्योंकि इसका इस्लाम से कोई संबंध नहीं है बल्कि यह पाकिस्तान की मुस्लिम लीग का झंडा है. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए 2 हफ्तों में सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा है.

Intro:शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी द्वारा चाँद सितारे वाले झंडो पर बैन की मांग करते हुए दाखिल की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जिसपर रिज़वी ने कहा कि चाँद तारे का हरा झंडा पाकिस्तान की सियासी पार्टी का झंडा है न कि इस्लामिक झंडा।

Body:वसीम रिज़वी ने कहा कि 1906 में इसको बंगलादेश में मुस्लिम लीग ने बनाया था तबसे आज़ादी की लड़ाई में हिन्दू और मुसलमानों को बटवारे की राजनीति शुरू की गई और इसी पोलिटिकल पार्टी के अध्यक्ष 1913 में जिन्ना बनाये गए। रिज़वी ने आगे बोलते हुए कहा कि इसी मुस्लिम लीग के तहत जिन्ना ने आज़ादी की आड़ में हिन्दू औ मुसलमानों के बटवारे की राजनीति की शुरुआत की। रिज़वी ने कहा कि आज हिंदुस्तान का मुसलमान चाँद तारे का हरा झंडा उठा कर घूम रहा है लेकिन यह इस्लाम की मुहब्बत में नही बल्कि पाकिस्तान की मोहब्बत का इज़हार कर रहा है।

बाइट- वसीम रिज़वी, शिया वक्फ बोर्ड

Conclusion:बताते चलें कि रिज़वी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए कहा था कि चाँद सितारे वाले झण्डे पर बैन लगे क्योंकि इनका इस्लाम से कोई सम्बंध नही है बल्कि यह झंडा पाकिस्तान की मुस्लिम लीग का झंडा है जिसपर आज सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए 2 हफ्ते में सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा है।
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