लखनऊ: आमदनी से कई गुना सम्पत्ति अर्जित करने व भ्रष्टाचार के मामले में फंसे राजस्व परिषद के अधिकारी विवेकानंद डोबरियाल के बेटे समीर डोबरियाल की अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंजूर कर ली है. न्यायालय ने अग्रिम जमानत मंजूर करते हुए, आदेश दिया है कि विवेचना जारी रहने के दौरान अगर अभियुक्त को गिरफ्तार किया जाता है, तो उसे दो जमानतें व 25 हजार रुपए का व्यक्तिगत बंधपत्र पर रिहा कर दिया जाए.
यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने समीर डोबरियाल की अग्रिम जमानत याचिका को निस्तारित करते हुए पारित किया. सुनवाई के दौरान अभियुक्त की ओर से दलील दी गई कि उसे 9 सितम्बर को अंतरिम अग्रिम जमानत देते हुए न्यायालय ने राज्य सरकार को दो सप्ताह में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया था. इसके एक माह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद हलफनामा नहीं दाखिल किया गया है.
वहीं, राज्य सरकार की ओर से पेश अपर महाधिवक्ता वीके शाही ने अग्रिम जमानत का विरोध किया. सरकार की ओर से हलफनामा दाखिल करने के लिए समय दिए जाने की मांग की गई. इस पर न्यायालय ने विवेचना की स्थिति पूछी तो सरकार की ओर से बताया गया कि विवेचना अभी चल रही है. इस पर न्यायालय ने कहा कि सरकार को हलफनामा दाखिल करने के लिए और समय दिए जाने का कोई अच्छा आधार नहीं है. न्यायालय ने इन टिप्पणियों के साथ विवेचना पूरी होने व पुलिस रिपोर्ट दाखिल होने तक के लिए अग्रिम जमानत मंजूर कर ली है.
उल्लेखनीय है कि अभियुक्त पर लोक सेवक के पद पर रहते हुए, आय से कई गुना अधिक सम्पत्ति अर्जित करने का आरोप है. उसके खिलाफ गोमती नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी.
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