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भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने का हुआ आह्वान - जेसी फाउण्डेशन

रामराज स्थापना महामंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेंद्र मिश्र ने कहा कि विश्व में 13 देश हिन्दू बाहुल्य होने के बावजूद हिन्दू राष्ट्र घोषित नहीं किए जा सके हैं. इस दिशा में भारत को पहल कर विश्व बंधुत्व के संस्कार को प्रसारित करना चाहिए.

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भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने का हुआ आह्वान.
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Published : Jan 10, 2021, 11:47 PM IST

लखनऊ : रामराज स्थापना महामंच सहित शहर की 20 संस्थाओं ने रविवार को हिन्दू राष्ट्र का आवाह्न किया. निराला नगर स्थित जे.सी. गेस्ट हाउस परिसर में आयोजित कार्यक्रम में कवि सम्मेलन भी आयोजन किया गया. इस मौके पर जे.सी. फाउण्डेशन के अध्यक्ष आशीष अग्रवाल और उपाध्यक्ष अभिषेक अग्रवाल सहित अन्य विशिष्ट जन मौजूद रहे.

'भारत को करनी चाहिए पहल'
महामंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेन्द्र मिश्र ने कहा कि भारत ऐसा समृद्ध राष्ट्र बने जिसमें सत्य, अहिंसा, दया, करुणा, प्रेम और विश्व बंधुत्व के संस्कार हों. हिन्दू वास्तव में केवल धर्म नहीं, बल्कि हीन भावना से रहित भारतीय सनातन संस्कृति और संस्कार है. विश्व में 13 देश हिन्दू बाहुल्य होने के बावजूद हिन्दू राष्ट्र घोषित नहीं किए जा सके हैं. इस दिशा में भारत को पहल कर विश्व बंधुत्व के संस्कार को प्रसारित करना चाहिए. कार्यक्रम में भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की मांग को लेकर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम का पत्र जिलाधिकारी के माध्यम से भिजवाया गया.

कवियों ने सुनाई कविता
इस अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन में व्याख्या मिश्रा ने कहा कि 'हमारे स्वर उठे तो, देश के यशगान को जाए, हमारी प्रार्थनाएं देश हित, भगवान को जाए...,' विनीता रानी विन्नी ने सुनाया, 'आजमाए दोस्त, समझदार बहुत थे, मेरी वफा के वो भी तलबगार बहुत थे, देखा जो कड़ी धूप में तपते हुए मुझे, छाया न बन सके वे मददगार बहुत थे'. प्रख्यात मिश्रा ने कविता पढ़ी, 'बोटी-बोटी कट जाऊं, इंच-इंच कट जाऊं, लाडला न पुरखों की नाक को कटाएगा, या तो ये तिरंगा में लपेटकर घर आएगा मां, या तो ये तिरंगा सीमा पार फहराएगा.'

अखिल तिवारी समग्र ने सुनाया कि 'भय नाश हेतु फिर दिगपालों का होना क्रुद्ध सुनिश्चित है, यह महाप्रलय की अगवानी है भीषण युद्ध सुनिश्चित है.' वहीं बाराबंकी, रामनगर के हास्य कवि विकास सिंह बौखल ने सुनाया, 'इस महंगाई में कन्हैया यदि आये कहीं, सच कहता हूं, रोटी-दाल मार डालेगी, रथ ना मिलेगा, नैनो कार से चलेगें आप, ब्रेकरों की राह में उछाल मार डालेगी.'

लखनऊ : रामराज स्थापना महामंच सहित शहर की 20 संस्थाओं ने रविवार को हिन्दू राष्ट्र का आवाह्न किया. निराला नगर स्थित जे.सी. गेस्ट हाउस परिसर में आयोजित कार्यक्रम में कवि सम्मेलन भी आयोजन किया गया. इस मौके पर जे.सी. फाउण्डेशन के अध्यक्ष आशीष अग्रवाल और उपाध्यक्ष अभिषेक अग्रवाल सहित अन्य विशिष्ट जन मौजूद रहे.

'भारत को करनी चाहिए पहल'
महामंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेन्द्र मिश्र ने कहा कि भारत ऐसा समृद्ध राष्ट्र बने जिसमें सत्य, अहिंसा, दया, करुणा, प्रेम और विश्व बंधुत्व के संस्कार हों. हिन्दू वास्तव में केवल धर्म नहीं, बल्कि हीन भावना से रहित भारतीय सनातन संस्कृति और संस्कार है. विश्व में 13 देश हिन्दू बाहुल्य होने के बावजूद हिन्दू राष्ट्र घोषित नहीं किए जा सके हैं. इस दिशा में भारत को पहल कर विश्व बंधुत्व के संस्कार को प्रसारित करना चाहिए. कार्यक्रम में भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की मांग को लेकर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम का पत्र जिलाधिकारी के माध्यम से भिजवाया गया.

कवियों ने सुनाई कविता
इस अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन में व्याख्या मिश्रा ने कहा कि 'हमारे स्वर उठे तो, देश के यशगान को जाए, हमारी प्रार्थनाएं देश हित, भगवान को जाए...,' विनीता रानी विन्नी ने सुनाया, 'आजमाए दोस्त, समझदार बहुत थे, मेरी वफा के वो भी तलबगार बहुत थे, देखा जो कड़ी धूप में तपते हुए मुझे, छाया न बन सके वे मददगार बहुत थे'. प्रख्यात मिश्रा ने कविता पढ़ी, 'बोटी-बोटी कट जाऊं, इंच-इंच कट जाऊं, लाडला न पुरखों की नाक को कटाएगा, या तो ये तिरंगा में लपेटकर घर आएगा मां, या तो ये तिरंगा सीमा पार फहराएगा.'

अखिल तिवारी समग्र ने सुनाया कि 'भय नाश हेतु फिर दिगपालों का होना क्रुद्ध सुनिश्चित है, यह महाप्रलय की अगवानी है भीषण युद्ध सुनिश्चित है.' वहीं बाराबंकी, रामनगर के हास्य कवि विकास सिंह बौखल ने सुनाया, 'इस महंगाई में कन्हैया यदि आये कहीं, सच कहता हूं, रोटी-दाल मार डालेगी, रथ ना मिलेगा, नैनो कार से चलेगें आप, ब्रेकरों की राह में उछाल मार डालेगी.'

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