लखनऊ: डॉ. अम्बेडकर यूनिवर्सिटी आगरा में परीक्षा संचालन की जिम्मेदारी देने के एवज में कमीशन लेने के आरोपित सीएसजेएमयू कानपुर के वीसी विनय पाठक पर एस टी एफ ने भ्रष्टाचार की धाराएं भी बढ़ा दी हैं. यही नहीं एजेंसी ने विनय पाठक को पूछताछ के लिए आने के लिए अगले दो दिन की आखिरी मोहलत दी है, इसके बाद एजेंसी कानूनी राय ले कर कार्रवाई कर सकती है.
दरअसल, लखनऊ के इंदिरा नगर थाने में 26 अक्टूबर को डिजिटेक्स टेक्नोलॉजीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के एमडी डेविड एम. डेनिस ने FIR दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि उनकी कंपनी साल 2014 से एग्रीमेंट के तहत आगरा विश्वविद्यालय में प्री और पोस्ट एग्जाम का काम करती रही है. विश्वविद्यालय के एग्जाम पेपर छापना, कॉपी को एग्जाम सेंटर से यूनिवर्सिटी तक पहुंचाने का पूरा काम इसी कंपनी के द्वारा किया जाता रहा है.
साल 2019 में एग्रीमेंट खत्म हुआ तो डिजिटेक्स टेक्नोलॉजीज ने यूपीएलसी के जरिए आगरा विश्वविद्यालय का काम किया. इस बीच साल 2020 से 2022 तक कंपनी के द्वारा किए गए काम का करोड़ों रुपया बिल बकाया हो गया था. इसी दौरान जनवरी 2022 में आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के कुलपति का चार्ज प्रो. विनय पाठक को मिला तो उन्होंने बिल पास करने के एवज में कमीशन की मांग की थी, इस मामले में एसटीएफ ने अभी तक दो आरोपियों अजय मिश्रा, अजय जैन को गिरफ्तार किया है.
कुलपति विनय पाठक को एसटीएफ ने बयान के लिये बीते महीने नोटिस भेजा था. एजेंसी ने 18 नवंबर को एस टी एफ मुख्यालय बुलाया था. बाद में पाठक ने एजेंसी को मेल का कहा गया कि वह बीमारी से आने में असमर्थ है. 25 नवम्बर के बाद बयान करायेंगे. उन्होंने कोर्ट से भी राहत मांगी, लेकिन अर्जी रद्द हो गई. अब एसटीएफ के मुताबिक, पाठक अगर दो दिन में बयान देने नहीं आते हैं तो कानूनी राय लेकर कार्रवाई होगी. (Vinay Pathak is now accused of corruption)
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