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चिन्मयानंद के खिलाफ गवाही से मुकरने वाली पीड़िता ने दाखिल किया हलफनामा - पूर्व सांसद चिन्मयानंद

पूर्व सांसद चिन्मयानंद उर्फ कृष्णपाल सिंह पर यौन उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराने वाली पीड़िता अदालत में गवाही के दौरान अपने आरोपों से मुकर गई थी. वहीं अब पीड़िता ने कोर्ट में अपना हलफनामा दाखिल किया है. कोर्ट ने अभियोजन को 11 जनवरी को अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है.

चिन्मयानंद के खिलाफ गवाही से मुकरने वाली पीड़िता ने कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा
चिन्मयानंद के खिलाफ गवाही से मुकरने वाली पीड़िता ने कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा
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Published : Nov 28, 2020, 6:29 AM IST

लखनऊ: पूर्व सांसद चिन्मयानंद उर्फ कृष्णपाल सिंह पर यौन उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराने वाली पीड़िता अदालत में गवाही के दौरान अपने आरोपों से मुकर गई थी. वहीं अब पीड़िता ने कोर्ट में शुक्रवार को अपना हलफनामा दाखिल किया है. कोर्ट ने अभियोजन को 11 जनवरी को अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है. पीड़िता ने कहा है कि उसने अराजक तत्वों के दबाव में यह सब किया था, अभियुक्त पर अपने द्वारा लगाए गए सभी आरोपों से वह मुकर गई थी.

उल्लेखनीय है कि 13 अक्टूबर को विशेष अदालत में गवाही के दौरान पीड़िता आरोपों से मुकर गई थी. जिस पर अभियोजन ने उसे पक्षद्रोही घोषित करते हुए उसके खिलाफ सीआरपीसी की धारा 340 के तहत मुकदमे की अर्जी दाखिल की थी. विशेष अदालत ने अभियोजन की इस अर्जी को प्रकीर्ण वाद के रुप में दर्ज करने का आदेश दिया था. साथ ही इस सदंर्भ में पीड़िता को अपना जवाब दाखिल करने का भी आदेश दिया था. शुक्रवार को पीड़िता अदालत में उपस्थित हुई और अपने जवाब के जरिए हलफनामा दाखिल किया.

इस मामले में अभियोजन का कहना है कि पीड़िता ने सीआरपीसी की धारा 161 के तहत एसआईटी को अपना बयान दर्ज कराया था. इसके बाद शाहजहांपुर में सम्बंधित मजिस्ट्रेट के समक्ष भी सीआरपीसी की धारा 164 के तहत उसका कलमबंद बयान दर्ज हुआ था. इन दोनों बयानों में उसने एफआईआर में वर्णित घटना का समर्थन किया था, लेकिन 9 अक्टूबर को अदालत में इस मामले की गवाही के दौरान जानबुझकर इसने अपना बयान बदल दिया. अभियोजन की ओर से दलील दी गई है कि ऐसा लगता है कि पीड़िता व अभियुक्त के मध्य समझौता हो गया है.

लखनऊ: पूर्व सांसद चिन्मयानंद उर्फ कृष्णपाल सिंह पर यौन उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराने वाली पीड़िता अदालत में गवाही के दौरान अपने आरोपों से मुकर गई थी. वहीं अब पीड़िता ने कोर्ट में शुक्रवार को अपना हलफनामा दाखिल किया है. कोर्ट ने अभियोजन को 11 जनवरी को अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है. पीड़िता ने कहा है कि उसने अराजक तत्वों के दबाव में यह सब किया था, अभियुक्त पर अपने द्वारा लगाए गए सभी आरोपों से वह मुकर गई थी.

उल्लेखनीय है कि 13 अक्टूबर को विशेष अदालत में गवाही के दौरान पीड़िता आरोपों से मुकर गई थी. जिस पर अभियोजन ने उसे पक्षद्रोही घोषित करते हुए उसके खिलाफ सीआरपीसी की धारा 340 के तहत मुकदमे की अर्जी दाखिल की थी. विशेष अदालत ने अभियोजन की इस अर्जी को प्रकीर्ण वाद के रुप में दर्ज करने का आदेश दिया था. साथ ही इस सदंर्भ में पीड़िता को अपना जवाब दाखिल करने का भी आदेश दिया था. शुक्रवार को पीड़िता अदालत में उपस्थित हुई और अपने जवाब के जरिए हलफनामा दाखिल किया.

इस मामले में अभियोजन का कहना है कि पीड़िता ने सीआरपीसी की धारा 161 के तहत एसआईटी को अपना बयान दर्ज कराया था. इसके बाद शाहजहांपुर में सम्बंधित मजिस्ट्रेट के समक्ष भी सीआरपीसी की धारा 164 के तहत उसका कलमबंद बयान दर्ज हुआ था. इन दोनों बयानों में उसने एफआईआर में वर्णित घटना का समर्थन किया था, लेकिन 9 अक्टूबर को अदालत में इस मामले की गवाही के दौरान जानबुझकर इसने अपना बयान बदल दिया. अभियोजन की ओर से दलील दी गई है कि ऐसा लगता है कि पीड़िता व अभियुक्त के मध्य समझौता हो गया है.

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